प्रभु की समस्त सृष्टि, उसके राज्य के समस्त स्थानों में प्रभु को धन्य कहे! ओ मेरे प्राण, प्रभु को धन्य कह!
भजन संहिता 103:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ मेरे प्राण, प्रभु को धन्य कह; मेरे अन्तर का सर्वस्व उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! पवित्र बाइबल हे मेरी आत्मा, तू यहोवा के गुण गा! हे मेरी अंग—प्रत्यंग, उसके पवित्र नाम की प्रशंसा कर। Hindi Holy Bible हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! नवीन हिंदी बाइबल हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझमें है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! सरल हिन्दी बाइबल मेरे प्राण, याहवेह का स्तवन करो; मेरी संपूर्ण आत्मा उनके पवित्र नाम का स्तवन करे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! |
प्रभु की समस्त सृष्टि, उसके राज्य के समस्त स्थानों में प्रभु को धन्य कहे! ओ मेरे प्राण, प्रभु को धन्य कह!
ओ मेरे प्राण, प्रभु को धन्य कह! हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू अत्यन्त महान है। तू महिमा और सम्मान से विभूषित है।
प्रभु की स्तुति करो! मैं सत्यनिष्ठों के समूह में, सभा में सम्पूर्ण हृदय से प्रभु की सराहना करूंगा।
प्रभु, मैं सम्पूर्ण हृदय से तेरी सराहना करता हूं; देवताओं के समक्ष भी मैं तेरी स्तुति करता हूं;
हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तेरा गुणगान करूंगा; मैं युग-युगान्त तेरे नाम को धन्य कहूंगा।
मेरा प्राण भव्य भोज के भोजन से तृप्त हुआ है; मैं आनन्दपूर्ण ओंठों से तेरी प्रशंसा करूंगा।
एक दूत दूसरे दूत से उच्च स्वर में यह कह रहा था : ‘पवित्र, पवित्र, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु पवित्र है। सम्पूर्ण पृथ्वी उसके तेज से परिपूर्ण है।’
परमेश्वर आत्मा है और यह आवश्यक है कि उसके आराधक आत्मा और सत्य में उसकी आराधना करें।”
तो क्या करना चाहिए? मैं अपनी आत्मा से प्रार्थना करूँगा और अपनी बुद्धि से भी। मैं अपनी आत्मा से गीत गाऊंगा और अपनी बुद्धि से भी।
परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि आपका प्रेम, ज्ञान में तथा हर प्रकार की अन्तर्दृष्टि में, उत्तरोत्तर बढ़ता जाये,
मसीह का वचन अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करे। आप बड़ी समझदारी से एक-दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से परमेश्वर के आदर में भजन, स्तोत्र और आध्यात्मिक गीत गाया करें।
चारों प्राणियों के छह-छह पंख हैं; वे भीतर-बाहर आँखों से भरे हुए हैं और रात-दिन निरन्तर यह कहते रहते हैं। “पवित्र, पवित्र, पवित्र सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! जो था, जो है और जो आनेवाला है।”