वह अपने हृदय में यह सोचता है, “मैं अटल हूँ। मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक संकट में नहीं पड़ूंगा।”
भजन संहिता 10:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अभागा अपने हृदय में यह सोचता है, “परमेश्वर मुझे भूल गया। उसने अपना मुख छिपा लिया। वह फिर कभी इधर नहीं देखेगा।” पवित्र बाइबल अत: दीन जन सोचने लगते हैं, “परमेश्वर ने हमको भुला ही दिया है! हमसे तो परमेश्वर सदा—सदा के लिये दूर हो गया है। जो कुछ भी हमारे साथ घट रहा, उससे परमेश्वर ने दृष्टि फिरा ली है!” Hindi Holy Bible वह अपने मन में सोचता है, कि ईश्वर भूल गया, वह अपना मुंह छिपाता है; वह कभी नहीं देखेगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अपने मन में सोचता है, “ईश्वर भूल गया, वह अपना मुँह छिपाता है; वह कभी नहीं देखेगा।” नवीन हिंदी बाइबल दुष्ट अपने मन में कहता है, “परमेश्वर भूल गया है, उसने अपना मुँह छिपा रखा है; वह कभी नहीं देखेगा।” सरल हिन्दी बाइबल उस दुष्ट की यह मान्यता है, “परमेश्वर सब भूल चुके हैं; उन्होंने अपना मुख छिपा लिया है, वह यह सब कभी नहीं देखेंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह अपने मन में सोचता है, “परमेश्वर भूल गया, वह अपना मुँह छिपाता है; वह कभी नहीं देखेगा।” |
वह अपने हृदय में यह सोचता है, “मैं अटल हूँ। मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक संकट में नहीं पड़ूंगा।”
वे दुष्प्रयोजन को पूर्ण करने का साहस करते हैं। वे जाल बिछाने के लिए छिपकर वार्तालाप करते हैं, वे यह कहते हैं, “हमें कौन देख सकता है?”
उन्होंने दुष्कर्मों की योजना बनाई है उन्होंने सोच-समझ कर कुचक्र रचा है। मनुष्य का अन्त:करण और हृदय गहन- गंभीर है!
दुष्कर्म के लिए व्यक्ति को जल्दी दण्ड नहीं मिलता, इसलिए मनुष्यों का हृदय दुष्कर्म करने में लगा रहता है।
तब उसने मुझसे कहा, ‘मानव, तू देख रहा है कि इस्राएल-कुल के धर्मवृद्ध अंधकार में अपने पूजागृहों में क्या कर रहे हैं? ये कहते हैं, कि प्रभु हमें नहीं देखता है। वह तो हमारे देश को छोड़कर चला गया है।’
तब उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनता ने महादुष्कर्म किया है। उनका सारा देश रक्तपात से भर गया है। यरूशलेम नगर में अन्याय ही अन्याय दिखाई देता है। वे कहते हैं, “प्रभु हमारे देश को छोड़ कर चला गया है, वह हमें नहीं देखता है।”
किन्तु वे अपने हृदय में यह नहीं विचारते, कि मैं उनके समस्त कुकर्मों को स्मरण रखता हूं। अब उनके कर्मों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया है; उनके कर्म मेरे सम्मुख हैं।
वहाँ कुछ शास्त्री बैठे हुए थे। वे मन में तर्क-वितर्क करने लगे, “यह मनुष्य ऐसे क्यों बोलता है?
जिस फरीसी ने येशु को निमन्त्रण दिया था, उसने यह देख कर मन-ही-मन कहा, “यदि यह आदमी नबी होता, तो अवश्य जान जाता कि जो स्त्री इसे छू रही है, वह कौन और कैसी है−वह तो पापिनी है।”