सर्वप्रथम मैं आप सब के लिए येशु मसीह द्वारा अपने परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि संसार भर में आप लोगों के विश्वास की चर्चा फैल गयी है।
फिलेमोन 1:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब-जब मैं अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करता हूँ, तो अपने परमेश्वर को सदा धन्यवाद देता हूँ; पवित्र बाइबल अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हारा उल्लेख करते हुए मैं सदा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ। Hindi Holy Bible मैं तेरे उस प्रेम और विश्वास की चर्चा सुन कर, जो सब पवित्र लोगों के साथ और प्रभु यीशु पर है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं सदा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ, और अपनी प्रार्थनाओं में भी तुझे स्मरण करता हूँ, नवीन हिंदी बाइबल मैं तुझे अपनी प्रार्थनाओं में स्मरण करके अपने परमेश्वर का सदैव धन्यवाद करता हूँ, सरल हिन्दी बाइबल अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें याद करते हुए मैं हमेशा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं सदा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ; और अपनी प्रार्थनाओं में भी तुझे स्मरण करता हूँ। |
सर्वप्रथम मैं आप सब के लिए येशु मसीह द्वारा अपने परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि संसार भर में आप लोगों के विश्वास की चर्चा फैल गयी है।
मैं आप लोगों के कारण परमेश्वर को निरन्तर धन्यवाद देता और अपनी प्रार्थनाओं में आप लोगों का स्मरण करता रहता हूँ।
हम ने येशु मसीह में आप लोगों के विश्वास और सभी सन्तों के प्रति आपके प्रेम के विषय में सुना है। इसलिए हम आप लोगों के लिए प्रार्थना करते समय परमेश्वर को- अपने प्रभु येशु मसीह के पिता को- निरन्तर धन्यवाद देते हैं।
जब-जब हम आप लोगों को अपनी प्रार्थनाओं में याद करते हैं, तो हम हमेशा आप सब के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं। आपका सक्रिय विश्वास, प्रेम से प्रेरित आपका परिश्रम तथा येशु मसीह पर आपका अटल भरोसा-यह सब हम अपने पिता-परमेश्वर के सामने निरन्तर स्मरण करते हैं।
भाइयो और बहिनो! आप लोगों के विषय में परमेश्वर को निरन्तर धन्यवाद देना हमारा उचित कर्त्तव्य है; क्योंकि आपका विश्वास बहुत अच्छी तरह फल-फूल रहा है और आप-सब का एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ रहा है।
मैं अपने पूर्वजों की तरह शुद्ध अन्त:करण से परमेश्वर की सेवा करता हूँ और उसे धन्यवाद देता हुआ निरन्तर रात-दिन तुम्हें अपनी प्राथनाओं में याद करता हूँ।
क्योंकि प्रभु येशु और सब सन्तों के प्रति तुम्हारे प्रेम तथा विश्वास की चर्चा सुनता रहता हूँ।