प्रेरितों के काम 9:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब सुनने वाले अचम्भे में पड़ कर कहते थे, “क्या यह वह व्यक्ति नहीं है, जो यरूशलेम में इस नाम की भक्ति करने वालों को नष्ट कर रहा था? क्या वह यहाँ इसलिए नहीं आया था कि वह उन्हें बाँध कर महापुरोहितों के पास ले जाये?” पवित्र बाइबल जिस किसी ने भी उसे सुना, चकित रह गया और बोला, “क्या यह वही नहीं है, जो यरूशलेम में यीशु के नाम में विश्वास रखने वालों को नष्ट करने का यत्न किया करता था। और क्या यह उन्हें यहाँ पकड़ने और प्रमुख याजकों के सामने ले जाने नहीं आया था?” Hindi Holy Bible और सब सुनने वाले चकित होकर कहने लगे; क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहां भी इसी लिये आया था, कि उन्हें बान्ध कर महायाजकों के पास ले आए? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब सुननेवाले चकित होकर कहने लगे, “क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे, नष्ट करता था; और यहाँ भी इसी लिये आया था कि उन्हें बाँधकर प्रधान याजकों के पास ले जाए?” नवीन हिंदी बाइबल सब सुननेवाले चकित होकर कहने लगे, “क्या यह वही नहीं जो यरूशलेम में इस नाम के लेनेवालों का नाश करता था, और यहाँ इसलिए आया था कि उन्हें बाँधकर मुख्य याजकों के पास ले जाए?” सरल हिन्दी बाइबल उनके सुननेवाले चकित हो यह विचार करते थे, “क्या यह वही नहीं जिसने येरूशलेम में उनका बुरा किया, जो मसीह येशु के विश्वासी थे और वह यहां भी इसी उद्देश्य से आया था कि उन्हें बंदी बनाकर प्रधान पुरोहितों के सामने प्रस्तुत करे?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सब सुननेवाले चकित होकर कहने लगे, “क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो यरूशलेम में उन्हें जो इस नाम को लेते थे नाश करता था, और यहाँ भी इसलिए आया था, कि उन्हें बाँधकर प्रधान याजकों के पास ले जाए?” |
मैं और ये बच्चे, जो प्रभु ने मुझे दिए हैं, इस्राएल के लिए संकेत-चिह्न हैं : सियोन पर्वत पर विराजनेवाले सेनाओं के प्रभु की ओर से शकुन-चिह्न हैं।
महापुरोहित यहोशुअ, सुन! तेरे साथ तेरे पुरोहित मित्र भी सुनें, जो तेरे सम्मुख बैठे हैं, क्योंकि ये शुभ शकुन हैं। मैं अपने सेवक को, राजवंश की एक “शाखा” को लाऊंगा।
याकूब पर कोई मन्त्र नहीं चल सकता, इस्राएल के विरुद्ध सगुन का विचार नहीं हो सकता। अब याकूब के विषय में यह कहा जाएगा, “परमेश्वर ने इस्राएल में कैसा आश्चर्यपूर्ण कार्य किया!
जब यह आवाज हुई, तो भीड़ लग गई। लोग घबरा गये; क्योंकि हर एक अपनी-अपनी भाषा में शिष्यों को बोलते सुन रहा था।
लोग उसे पहचान गये कि यह वही है, जो मन्दिर के ‘सुन्दर’ फाटक के पास बैठ कर भीख माँगा करता था और यह देख कर कि उसके साथ क्या हुआ है, वे अचम्भे में पड़ कर चकित हो गये।
पतरस और योहन की निर्भीकता देख कर और यह जानकर कि वे अशििक्षत तथा साधारण मनुष्य हैं, धर्म-महासभा के सदस्य अचम्भे में पड़ गये। फिर, वे पहचान गये कि ये तो येशु के साथ रह चुके हैं;
जब लोग स्तीफनुस पर पत्थर मार रहे थे, तो उसने यह प्रार्थना की, “प्रभु येशु! मेरी आत्मा को ग्रहण कर!’
शाऊल उस समय कलीसिया को सता रहा था। वह घर-घर में घुस जाता और स्त्री-पुरुषों को वहाँ से घसीट कर बन्दीगृह में डाल दिया करता था।
किन्तु शाऊल और भी सामर्थी होते गये। इस बात का प्रमाण दे कर कि येशु ही मसीह हैं, उन्होंने दमिश्क में रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्द कर दिया।
यह उस दिन होगा जब प्रभु अपने संतों में महिमा-मंडित होने और उन सब में आश्चर्य का कारण बनने आयेंगे, जिन्होंने विश्वास किया है। और विश्वास का विषय तो वह साक्षी है, जो हमने आपको दी है।
पिता ने हमसे कितना महान प्रेम किया है। हम परमेश्वर की सन्तान कहलाते हैं और हम वास्तव में वही हैं। संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने परमेश्वर को नहीं जाना है।