अपने घर जाओ, आनन्द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्वर पहले से अपनी स्वीकृति दे चुका है।
प्रेरितों के काम 9:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने भोजन किया और उसे बल प्राप्त हुआ। शाऊल कुछ समय तक दमिश्क में शिष्यों के साथ रहे। पवित्र बाइबल फिर थोड़ा भोजन लेने के बाद उसने अपनी शक्ति पुनः प्राप्त कर ली। वह दमिश्क में शिष्यों के साथ कुछ समय ठहरा। Hindi Holy Bible और वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर भोजन करके बल पाया। वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे। नवीन हिंदी बाइबल और भोजन करके बल प्राप्त किया। फिर वह कुछ दिन दमिश्क में शिष्यों के साथ रहा, सरल हिन्दी बाइबल भोजन के बाद उसके शरीर में बल लौट आया. वह कुछ दिन दमिश्क नगर के शिष्यों के साथ ही रहा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर भोजन करके बल पाया। वह कई दिन उन चेलों के साथ रहा जो दमिश्क में थे। |
अपने घर जाओ, आनन्द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्वर पहले से अपनी स्वीकृति दे चुका है।
और जब वह उन्हें मिले तो वह शाऊल को अन्ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्ताकिया में ही येशु के शिष्य ‘मसीही’ कहलाए।
शिष्यों ने निश्चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।
तत्क्षण उसकी आंखों से छिलके-जैसे गिरे और उसे दृष्टि पुन: प्राप्त हो गयी। वह उठा और उसने बपतिस्मा ग्रहण किया।
जब शाऊल यरूशलेम पहुँचे, तो उन्होंने शिष्यों के समुदाय में सम्मिलित हो जाने का प्रयत्न किया, किन्तु वे सब उन से डरते थे, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वह सचमुच येशु के शिष्य बन गये हैं।
लुद्दा याफा नगर के समीप है। इसलिए जब शिष्यों ने सुना कि पतरस वहाँ हैं, तो उन्होंने दो आदमियों को भेज कर उनसे यह अनुरोध किया कि आप तुरन्त हमारे यहाँ आइए।
और जो मुझ से पहले प्रेरित थे, उनसे मिलने के लिए मैं यरूशलेम नहीं गया; बल्कि मैं तुरन्त अरब देश गया और बाद में दमिश्क नगर लौटा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने उसे अंजीर का सूखा फल और किशमिश के दो गुच्छे दिए। जब उसने यह-सब खाया तब उसके प्राण पुन: संजीव हुए। उसे पूरे तीन दिन और तीन रात से न खाने को भोजन मिला था, और न पीने को पानी।