तब शिष्य समझ गये कि येशु ने रोटी के खमीर से नहीं, बल्कि फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से सावधान रहने को कहा था।
प्रेरितों के काम 4:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पतरस और योहन लोगों से बोल ही रहे थे कि पुरोहित, मन्दिर-आरक्षी का नायक और सदूकी संप्रदायी उनके पास आ धमके। पवित्र बाइबल अभी पतरस और यूहन्ना लोगों से बात कर रहे थे कि याजक, मन्दिर के सिपाहियों का मुखिया और कुछ सदूकी उनके पास आये। Hindi Holy Bible जब वे लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वे लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। नवीन हिंदी बाइबल जब वे लोगों से बातें कर रहे थे तो याजक और मंदिर का मुख्य सुरक्षा अधिकारी और सदूकी उनके विरुद्ध आ खड़े हुए। सरल हिन्दी बाइबल जब वे भीड़ को संबोधित कर ही रहे थे, कि अचानक पुरोहित गण, मंदिर रखवालों का प्रधान तथा सदूकी उनके पास आ पहुंचे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब पतरस और यूहन्ना लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। |
तब शिष्य समझ गये कि येशु ने रोटी के खमीर से नहीं, बल्कि फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से सावधान रहने को कहा था।
उन्होंने येशु के पास हेरोदेस-दल के सदस्यों के साथ अपने शिष्यों को यह प्रश्न पूछने भेजा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। आप किसी की परवाह नहीं करते, क्योंकि आप मुँह-देखी बात नहीं कहते।
इसी बीच महापुरोहितों और धर्मवृद्धों ने लोगों को बहका दिया कि वे बरअब्बा की मुक्ति और येशु की मृत्यु की माँग करें।
इसी तरह शास्त्रियों और धर्मवृद्धों के साथ महापुरोहित भी यह कहते हुए उनका उपहास कर रहे थे,
बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिए आते देख कर योहन ने उन से कहा, “साँप के बच्चो! किसने तुम लोगों को परमेश्वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?
एक दिन येशु मन्दिर में जनता को शिक्षा दे रहे थे और शुभसमाचार सुना रहे थे कि धर्मवृद्धों के साथ महापुरोहित और शास्त्री उनके पास आये
उसने महापुरोहितों और मन्दिर-आरक्षी के नायकों के पास जा कर उनके साथ यह परामर्श किया कि वह किस प्रकार येशु को उनके हाथ पकड़वा दे।
मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्मरण रखो : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्होंने मुझे सताया, तो वे तुम्हें भी सताएँगे। यदि उन्होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्हारे वचन का भी पालन करेंगे।
इसलिए यूदस, सैन्यदल और महापुरोहितों तथा फरीसियों के भेजे हुए सिपहियों के साथ, वहाँ आ पहुँचा। वे लालटेनें, मशालें और हथियार लिये हुए थे।
प्रधान महापुरोहित हन्ना, काइफा, योहानान, सिकन्दर और महापुरोहित-वंश के सभी सदस्य वहाँ उपस्थित थे।
यह सब देख कर प्रधान महापुरोहित और उसके सब संगी-साथी, अर्थात् सदूकी सम्प्रदाय के सदस्य, ईष्र्या से जलने लगे।
जब मन्दिर-आरक्षी के नायक और महापुरोहितों ने यह समाचार सुना, तब वे चिन्ता में पड़ गये कि प्रेरितों का क्या हुआ।
इस पर नायक अपने सिपाहियों के साथ जा कर प्रेरितों को ले आया। वे प्रेरितों को बलपूर्वक नहीं लाये, क्योंकि वे जनता से डरते थे कि कहीं वह उन पर पथराव न करे।
इस प्रकार जनता, धर्मवृद्धों तथा शास्त्रियों को भड़काने के बाद वे अचानक स्तीफनुस के पास आ धमके और उसे पकड़ कर धर्म-महासभा के सामने ले गये।
परमेश्वर का वचन फैलता गया। यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई; और बहुत-से पुरोहितों ने इस विश्वास को स्वीकार कर लिया।