नाव उस समय तट से एक-दो किलोमीटर दूर जा चुकी थी। वह लहरों से डगमगा रही थी, क्योंकि वायु प्रतिकूल थी।
प्रेरितों के काम 27:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहां से लंगर उठाकर हम कुप्रुस द्वीप के किनारे-किनारे हो कर चले, क्योंकि हवा प्रतिकूल थी। पवित्र बाइबल वहाँ से हम समुद्र-मार्ग से फिर चल पड़े। हम साइप्रस की आड़ लेकर चल रहे थे क्योंकि हवाएँ हमारे प्रतिकूल थीं। Hindi Holy Bible वहां से जहाज खोलकर हवा विरूद्ध होने के कारण हम कुप्रुस की आड़ में होकर चले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वहाँ से जहाज खोलकर हवा विरुद्ध होने के कारण हम साइप्रस की आड़ में होकर चले; नवीन हिंदी बाइबल वहाँ से हम जहाज़ द्वारा साइप्रस की आड़ में चले क्योंकि हवा हमारे विपरीत थी। सरल हिन्दी बाइबल वहां से हमने यात्रा दोबारा शुरू की और उल्टी हवा बहने के कारण हमें सैप्रस द्वीप की ओट से आगे बढ़ना पड़ा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वहाँ से जहाज खोलकर हवा विरुद्ध होने के कारण हम साइप्रस की आड़ में होकर चले; |
नाव उस समय तट से एक-दो किलोमीटर दूर जा चुकी थी। वह लहरों से डगमगा रही थी, क्योंकि वायु प्रतिकूल थी।
येशु ने देखा कि शिष्य बड़ी कठिनाई से नाव खे रहे हैं, क्योंकि वायु प्रतिकूल थी। इसलिए वे रात के लगभग चौथे पहर झील पर चलते हुए उनकी ओर आए। वह उनसे कतरा कर आगे निकल जाना चाहते थे।
एक दिन येशु अपने शिष्यों के साथ नाव पर चढ़े और उनसे बोले, “आओ, हम झील के उस पार चलें।” वे चल पड़े।
इस प्रकार पवित्र आत्मा द्वारा प्रेषित बरनबास और शाऊल सिलूकिया बन्दरगाह गये और वहां से वे जलयान पर कुप्रुस† द्वीप चले।
इस पर दोनों में इतना तीव्र मतभेद हो गया कि वे एक दूसरे से अलग हो गये। बरनबास मारकुस को अपने साथ ले कर जलमार्ग से कुप्रुस द्वीप चले गए।
कैसरिया के कुछ शिष्य हमारे साथ आये और हमें कुप्रुस-निवासी मनासोन के घर ले गये। मनासोन आरम्भ के दिनों का शिष्य था और हम उसके यहाँ ठहरने वाले थे।
हमें कुप्रुस द्वीप दिखाई पड़ा, किन्तु हम उसे बायें हाथ छोड़ कर सीरिया की ओर आगे बढ़े और सोर नगर में उतरे, क्योंकि वहां जलयान से माल उतारना था।
हम कई दिनों तक धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कठिनाई से क्नीदुस पहुँचे। अब हवा हमें आगे बढ़ने से रोक रही थी; इसलिए हम सलमोने अन्तरीप के सामने से गुज़र कर क्रेते द्वीप के किनारे-किनारे चलते हुए,
उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्त्वना-पुत्र” रखा था।