राजा इस धक्के से हिल उठा। वह द्वार के ऊपर बने हुए कमरे में चला गया और वहाँ रोने लगा। उसने रोते हुए कहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे! मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मुझे मौत आई होती। ओ मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे!’
प्रेरितों के काम 26:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पौलुस ने उत्तर दिया, “थोड़े में हो या बहुत में, परमेश्वर से मेरी यह प्रार्थना है कि न केवल आप, बल्कि जो लोग आज मेरी बातें सुन रहे हैं, वे सब-के-सब इन बेड़ियों को छोड़ कर मेरे सदृश बन जायें।” पवित्र बाइबल पौलुस ने उत्तर दिया, “थोड़े समय में, चाहे अधिक समय में, परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि न केवल तू बल्कि वे सब भी, जो आज मुझे सुन रहे हैं, वैसे ही हो जायें, जैसा मैं हूँ, सिवाय इन ज़ंजीरों के।” Hindi Holy Bible पौलुस ने कहा, परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि क्या थोड़े में, क्या बहुत में, केवल तू ही नहीं, परन्तु जितने लोग आज मेरी सुनते हैं, इन बन्धनों को छोड़ वे मेरे समान हो जाएं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पौलुस ने कहा, “परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि क्या थोड़े में क्या बहुत में, केवल तू ही नहीं परन्तु जितने लोग आज मेरी सुनते हैं, इन बन्धनों को छोड़ वे मेरे समान हो जाएँ।” नवीन हिंदी बाइबल इस पर पौलुस ने कहा, “परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि थोड़े में या अधिक समय में, न केवल तू बल्कि ये सब भी जो आज मेरी बातें सुन रहे हैं, वैसे ही बन जाएँ जैसा मैं भी हूँ—इन बंधनों को छोड़कर।” सरल हिन्दी बाइबल पौलॉस ने उत्तर दिया, “शीघ्र ही या विलंब से, परमेश्वर से मेरी तो यही विनती है कि न केवल आप, परंतु ये सभी सुननेवाले, जो आज मेरी बातें सुन रहे हैं, मेरे ही समान हो जाएं—सिवाय इन बेड़ियों के.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पौलुस ने कहा, “परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि क्या थोड़े में, क्या बहुत में, केवल तू ही नहीं, परन्तु जितने लोग आज मेरी सुनते हैं, मेरे इन बन्धनों को छोड़ वे मेरे समान हो जाएँ।” |
राजा इस धक्के से हिल उठा। वह द्वार के ऊपर बने हुए कमरे में चला गया और वहाँ रोने लगा। उसने रोते हुए कहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे! मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मुझे मौत आई होती। ओ मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे!’
एक दिन उसने अपनी मालकिन से कहा, ‘भला होता कि हमारे मालिक सामरी नगर में रहने वाले नबी के सम्मुख जाते। नबी मालिक को उनके कुष्ठ-रोग से स्वस्थ कर सकते हैं।’
इस्राएलियों ने उनसे कहा, ‘जब हम मिस्र देश में मांस की देगची के निकट बैठकर भरपेट भोजन करते थे, तब अच्छा होता कि हम प्रभु के हाथ मर गए होते; क्योंकि आप लोग इस निर्जन प्रदेश में समस्त जन-समुदाय को भूख से मार डालने के लिए मिस्र देश से हमें निकालकर लाए हैं।’
किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे घमण्ड के कारण एकांत स्थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्योंकि प्रभु का रेवड़ बन्दी बना लिया जाएगा।
यिर्मयाह ने उत्तर दिया, ‘महाराज, कसदी उच्चाधिकारी आपको उनके हाथ में नहीं सौंपेंगे। कृपया, प्रभु की वाणी पर ध्यान दीजिए। जो प्रभु का वचन मैंने आप से कहा है, उस पर विश्वास कीजिए। आप का भला होगा, और आपका प्राण जीवित रहेगा।
किन्तु मूसा ने यहोशुअ से कहा, ‘क्या तुम मेरे कारण उनसे ईष्र्या कर रहे हो? भला होता कि प्रभु के सब लोग नबी होते, और प्रभु अपना आत्मा उन पर उण्डेलता!’
यह नहीं कि मुझे किसी मनुष्य की साक्षी की आवश्यकता है; किन्तु मैं यह इसलिए कहता हूँ कि तुम लोग मुक्ति पा सको।
जिस दिन हेरोदेस पतरस को पेश करने वाला था, उसके पहले की रात को पतरस, दो हथकड़ियों में बँधे हुये, दो सैनिकों के बीच सो रहे थे और द्वार के सामने भी सन्तरी पहरा दे रहे थे।
सेना-नायक ने निकट आ कर पौलुस को गिरफ्तार कर लिया और उसे दो बेड़ियों से बाँधने का आदेश दिया। तब उसने पूछा कि यह कौन है और इसने क्या किया है।
वे वहाँ कई दिन ठहरे। फेस्तुस ने पौलुस का मामला राजा के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा, “फ़ेलिक्स यहाँ एक व्यक्ति को बन्दीगृह में छोड़ गया है।
भाइयो और बहिनो! मेरी हार्दिक अभिलाषा और परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि इस्राएली मुक्ति प्राप्त करें।
लगता है कि अभी से आप लोग तृप्त हो गये हैं। आप धनी हो गये हैं। आप को हमारे बिना राज्य मिल चुका है। कितना अच्छा होता यदि आप को सचमुच राज्य मिला होता। तब हम भी शायद आपके राज्य के सहभागी बन जाते!
मैं तो चाहता हूँ कि सब मनुष्य मुझ-जैसे हों, किन्तु परमेश्वर की ओर से हर एक को विशिष्ट वरदान मिला है-किसी को एक प्रकार का, किसी को दूसरे प्रकार का।
जिस शुभ समाचार का मैं बेड़ियों से बंधा हुआ राजदूत हूँ। आप प्रार्थना करें, जिससे मैं निर्भीकता से शुभ समाचार की घोषणा कर सकूँ, जैसा कि मुझे बोलना चाहिए।
हम उन्हीं मसीह का प्रचार करते हैं, प्रत्येक मनुष्य को उपदेश देते और प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ज्ञान की शिक्षा देते हैं, जिससे प्रत्येक मनुष्य को मसीह में सिद्ध बनाकर उनके सम्मुख प्रस्तुत करें।