प्रेरितों के काम 25:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फ़ेस्तुस ने परिषद् से परामर्श करने के बाद यह उत्तर दिया, “तुमने सम्राट की दुहाई दी है, तुम सम्राट के पास ही जाओगे।” पवित्र बाइबल अपनी परिषद् से सलाह करने के बाद फेस्तुस ने उसे उत्तर दिया, “तूने कैसर से पुनर्विचार की प्रार्थना की है, इसलिये तुझे कैसर के सामने ही ले जाया जायेगा।” Hindi Holy Bible तब फेस्तुस ने मन्त्रियों की सभा के साथ बातें करके उत्तर दिया, तू ने कैसर की दोहाई दी है, तू कैसर के पास जाएगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब फेस्तुस ने मन्त्रियों की सभा के साथ बातें करके उत्तर दिया, “तू ने कैसर की दोहाई दी है, तू कैसर के ही पास जाएगा।” नवीन हिंदी बाइबल तब फेस्तुस ने अपने मंत्रिमंडल के साथ परामर्श करके उसे उत्तर दिया, “तूने कैसर से अपील की है, तू कैसर के पास जाएगा।” सरल हिन्दी बाइबल अपनी महासभा से विचार-विमर्श के बाद फ़ेस्तुस ने घोषणा की, “ठीक है. तुमने कयसर से सुनवाई की विनती की है तो तुम्हें कयसर के पास ही भेजा जाएगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब फेस्तुस ने मंत्रियों की सभा के साथ विचार करके उत्तर दिया, “तूने कैसर की दुहाई दी है, तो तू कैसर के पास ही जाएगा।” |
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
इन घटनाओं के पश्चात् पौलुस ने मकिदुनिया तथा यूनान का दौरा करते हुए यरूशलेम जाने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “वहाँ पहुँचने के पश्चात् मैं रोम भी अवश्य देखूंगा।”
उसी रात प्रभु ने पौलुस के समीप खड़े होकर कहा, “निर्भय हो! जैसे तूने यरूशलेम में मेरे विषय में साक्षी दी है, वैसे ही तुझे रोम में भी साक्षी देनी होगी।”
यदि मैंने प्राणदण्ड के योग्य कोई अपराध किया, तो मैं मरने से मुँह नहीं मोड़ता। किन्तु यदि इनके द्वारा मुझ पर लगाये गये अभियोगों में कोई सच्चाई नहीं है, तो कोई मुझे इनके हवाले नहीं कर सकता। मैं सम्राट की दुहाई देता हूँ!”
कुछ दिन बीतने के पश्चात् राजा अग्रिप्पा और उसकी बहिन बिरनीके राज्यपाल फेस्तुस का अभिवादन करने कैसरिया में आये।
किन्तु पौलुस ने दुहाई दी कि महाराजाधिराज का फ़ैसला हो जाने तक उसे संरक्षण में रखा जाये। इसलिए मैंने आदेश दिया कि जब तक मैं उसे सम्राट के पास न भेजूँ, तब तक वह पहरे में रहे।”
अग्रिप्पा ने फ़ेस्तुस से कहा, “यदि इस व्यक्ति ने सम्राट की दुहाई न दी होती, तो यह मुक्त किया जा सकता था।”
जब यह निश्चित हो गया कि हम जलमार्ग से इटली जायेंगे, तो पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया गया। यूलियुस सम्राट औगुस्तुस के सैन्यदल का था।
जब हम रोम पहुंचे, तो पौलुस को यह अनुमति मिल गई कि वह पहरा देने वाले सैनिक के साथ जहाँ चाहें, रह सकते हैं।
मेरी हार्दिक अभिलाषा और आशा यह है कि मुझे किसी बात पर लज्जित नहीं होना पड़े, वरन् मैं पूर्ण निर्भीकता से बोलूँ, जिससे सदा की भांति अब भी-चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊं-मसीह मेरी देह द्वारा महिमान्वित हों।