जैसे ही दिन हुआ, समाज के धर्मवृद्ध, महापुरोहित और शास्त्री एकत्र हो गये और उन्होंने येशु को अपनी धर्म-महासभा में प्रस्तुत किया।
प्रेरितों के काम 22:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रधान महापुरोहित तथा धर्मवृद्धों की समस्त धर्म-महासभा मेरी इस बात के साक्षी हैं। उन्हीं से पत्र ले कर मैं दमिश्क के भाइयों के पास जा रहा था, जिससे वहाँ के लोगों को भी बाँध कर यरूशलेम ले आऊं और दण्ड दिलाऊं। पवित्र बाइबल “स्वयं महायाजक और बुजुर्गों की समूची सभा इसे प्रमाणित कर सकती है। मैंने दमिश्क में इनके भाइयों के नाम इनसे पत्र भी लिया था और इस पंथ के वहाँ रह रहे लोगों को पकड़ कर बंदी के रूप में यरूशलेम लाने के लिये मैं गया भी था ताकि उन्हें दण्ड दिलाया जा सके। Hindi Holy Bible इस बात के लिये महायाजक और सब पुरिनये गवाह हैं; कि उन में से मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियां लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहां हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये बान्धकर यरूशलेम में लाऊं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस बात के लिये महायाजक और सब पुरनिये गवाह हैं, कि उनसे मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियाँ लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहाँ हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये बाँधकर यरूशलेम लाऊँ। नवीन हिंदी बाइबल महायाजक और सब धर्मवृद्ध भी इस बात के साक्षी हैं। मैं उनसे भाइयों के लिए पत्र भी प्राप्त करके दमिश्क की ओर जा रहा था कि जो वहाँ हैं उन्हें भी बाँधकर यरूशलेम में ले आऊँ ताकि उन्हें दंड मिले। सरल हिन्दी बाइबल महापुरोहित और पुरनियों की समिति के सदस्य इस सच्चाई के गवाह हैं, जिनसे दमिश्क नगर के यहूदियों के संबंध में अधिकार पत्र प्राप्त कर मैं दमिश्क नगर जा रहा था कि वहां से इस मत के शिष्यों को बंदी बनाकर येरूशलेम ले आऊं कि वे दंडित किए जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 स्वयं महायाजक और सब पुरनिए गवाह हैं; कि उनमें से मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियाँ लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहाँ हों उन्हें दण्ड दिलाने के लिये बाँधकर यरूशलेम में लाऊँ। |
जैसे ही दिन हुआ, समाज के धर्मवृद्ध, महापुरोहित और शास्त्री एकत्र हो गये और उन्होंने येशु को अपनी धर्म-महासभा में प्रस्तुत किया।
उन्हीं दिनों पतरस विश्वासी भाई-बहिनों के बीच खड़े हुए, जो लगभग एक सौ बीस व्यक्तियों का समुदाय था। पतरस ने कहा,
“भाइयो! अब्राहम के वंशजो और यहाँ उपस्थित परमेश्वर के भक्तो! मुक्ति का यह सन्देश हम सब के पास भेजा गया है।
भाइयो! मैं कुलपति दाऊद के विषय में आप लोगों से निस्संकोच यह कह सकता हूँ कि वह मर गये और कबर में रखे गये। उनकी कबर आज तक हमारे बीच विद्यमान है।
पौलुस ने धर्म-महासभा की ओर एकटक दृष्टि से देखा, और कहा, “भाइयो! मैं इस दिन तक परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध अन्त:करण से जीवन व्यतीत करता रहा।”
पौलुस यह जानते थे कि धर्म-महासभा में दो दल हैं : एक सदूकियों का और दूसरा फ़रीसियों का। इसलिए उन्होंने पुकार कर कहा, “भाइयो! मैं हूँ फ़रीसी और फरीसियों की सन्तान! मृतकों के पुनरुत्थान की आशा के कारण मुझ पर मुकदमा चल रहा है।”
मैंने यरूशलेम में ऐसा किया भी। मैंने महापुरोहितों से अधिकार प्राप्त कर अनेक सन्तों को बन्दीगृह में डाल दिया और जब उन्हें प्राणदण्ड दिया गया, तो मैंने इसके लिए अपनी सहमति दी थी।
मैं उन्हें प्रत्येक सभागृह में बार-बार दण्ड दिला कर येशु की निन्दा के लिए बाध्य करने का प्रयत्न करता था। मैं उनके प्रति क्रोध में इतना पागल हो गया था कि मैं विदेशी नगरों में भी जा कर उन को सताता था।
“इस अभिप्राय से मैं एक दिन महापुरोहितों से अधिकार और अनुमति प्राप्त कर दमिश्क नगर को जा रहा था।
तीन दिन के पश्चात् पौलुस ने प्रमुख यहूदियों को अपने पास बुलाया और उनके एकत्र हो जाने पर उनसे कहा, “भाइयो! मैंने न तो हमारी जाति के विरुद्ध कोई अपराध किया और न पूर्वजों कि प्रथाओं के विरुद्ध, फिर भी मुझे यरूशलेम में बन्दी बनाया गया और रोमियों के हवाले कर दिया गया है।
उन्होंने पौलुस से कहा, “हम लोगों को यहूदा प्रदेश से आपके विषय में कोई पत्र नहीं मिला और न वहाँ आये हुए किसी भाई ने आपके विषय में कोई संदेश दिया या आपकी बुराई की।
“भाइयो! मैं जानता हूँ कि आप लोग, और आपके शासक भी, यह नहीं जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं।
जब प्रधान महापुरोहित और उसके संगी-साथी आये, तो उन्होंने धर्म महासभा अर्थात् इस्राएली समाज की सर्वोच्च परिषद् बुलायी और प्रेरितों को ले आने के लिए सिपाहियों को बन्दीगृह भेजा।
उसे महापुरोहितों से यह अधिकार मिला है कि वह यहाँ उन सब को गिरफ़्तार कर ले, जो आपके नाम की दुहाई देते हैं।”
आप लोगों ने सुना होगा कि जब मैं यहूदी धर्म-विधि का अनुयायी था, तो मेरा आचरण कैसा था। मैं परमेश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार करता और उसको नष्ट करने का प्रयत्न करता था।
मेरा धर्मोत्साह ऐसा था कि मैंने कलीसिया पर अत्याचार किया। व्यवस्था पर आधारित धार्मिकता की दृष्टि से मैं निर्दोष था।
उस आध्यात्मिक वरदान की उपेक्षा मत करो, जो तुम में विद्यमान है और तुम्हें नबूवत द्वारा धर्मवृद्धों के हाथ रखते समय प्राप्त हुआ था।