स्वामी, उनके प्रयत्नों को विफल कर; उनकी जीभ को काट दे; मैंने नगर में हिंसा और कलह देखे हैं।
प्रेरितों के काम 21:35 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब पौलुस सीढ़ियों पर पहुंचे, तो भीड़ की हिंसक वृत्ति के कारण सैनिकों को उन्हें उठाकर ले जाना पड़ा। पवित्र बाइबल पौलुस जब सीढ़ियों के पास पहुँचा तो भीड़ में फैली हिंसा के कारण सिपाहियों को उसे अपनी सुरक्षा में ले जाना पड़ा। क्योंकि उसके पीछे लोगों की एक बड़ी भीड़ यह चिल्लाते हुए चल रही थी कि इसे मार डालो। Hindi Holy Bible जब वह सीढ़ी पर पहुंचा, तो ऐसा हुआ, कि भीड़ के दबाव के मारे सिपाहियों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वह सीढ़ी पर पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि भीड़ के दबाव के मारे सैनिकों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा। नवीन हिंदी बाइबल जब वह सीढ़ियों के पास पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि भीड़ के उग्र हो जाने के कारण सैनिकों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा, सरल हिन्दी बाइबल जब वे सीढ़ियों तक पहुंचे, गुस्से में बलवा करने को उतारू भीड़ के कारण सुरक्षा की दृष्टि से सैनिक पौलॉस को उठाकर अंदर ले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वह सीढ़ी पर पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि भीड़ के दबाव के मारे सिपाहियों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा। |
स्वामी, उनके प्रयत्नों को विफल कर; उनकी जीभ को काट दे; मैंने नगर में हिंसा और कलह देखे हैं।
नहीं, तुम हृदय में अनिष्ट की योजनाएँ बनाते हो; देश में अपने हाथों से हिंसात्मक कार्यों को तौलते हो!
देश व्यभिचारियों से भर गया है; शाप के कारण धरती शोक में डूबी है। निर्जन प्रदेश के विशाल चरागाह सूखे पड़े हैं; पुरोहित और नबी दुष्कर्म करने को मानो कमर कसे रहते हैं, उनकी वीरता केवल हिंसा के लिए होती है। प्रभु कहता है, ‘ये दोनों धर्म से गिर गए हैं, स्वयं मैंने अपने भवन में इनके दुष्कर्म देखे हैं!
तब उसने अंगूर-उद्यान के माली से कहा, ‘देखो, मैं तीन वर्षों से अंजीर के इस पेड़ में फल खोजने आता हूँ, किन्तु मुझे एक भी नहीं मिलता। इसे काट डालो। यह भूमि को क्यों छेंके हुए है?’
उसने अनुमति दे दी। तब पौलुस ने सीढ़ियों पर खड़े हो कर हाथ से लोगों को चुप रहने के लिए संकेत किया। जब सब चुप हो गये, तो पौलुस ने उन्हें इब्रानी भाषा में सम्बोधित किया :
किन्तु सेना-नायक लुसियस ने आकर इसे बड़ी कठिनाई से हमारे हाथ से छीन लिया और इस पर अभियोग लगाने वालों को आदेश दिया कि वे आपके सम्मुख उपस्थित हों।]