परमेश्वर याफत के नाम के अनुरूप उसका विस्तार करे! याफत शेम के तम्बुओं में निवास करे, और कनान उसका दास बने।’
प्रेरितों के काम 18:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पौलुस प्रत्येक विश्राम-दिवस पर सभागृह में तर्क-वितर्क करते और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाने का प्रयत्न करते थे। पवित्र बाइबल हर सब्त के दिन वह यहूदी आराधनालयों में तर्क-वितर्क करके यहूदियों और यूनानियों को समझाने बुझाने का जतन करता। Hindi Holy Bible और वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद करके यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद–विवाद करके यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था। नवीन हिंदी बाइबल वह हर सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद किया करता, और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाया करता था। सरल हिन्दी बाइबल हर एक शब्बाथ पर पौलॉस यहूदी आराधनालय में प्रवचन देते और यहूदियों तथा यूनानियों की शंका दूर करते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद करके यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था। |
परमेश्वर याफत के नाम के अनुरूप उसका विस्तार करे! याफत शेम के तम्बुओं में निवास करे, और कनान उसका दास बने।’
क्या हिजकियाह तुम्हें नहीं बहका रहा है? वह तुमसे कहता है, “हमारा प्रभु परमेश्वर हमें असीरिया के राजा के पंजे से छुड़ाएगा!” यह कहकर वह तुम्हें अकाल के मुंह में डाल रहा है। तुम प्यास से मर जाओगे।
पर अब्राहम ने उससे कहा, ‘जब वे मूसा और नबियों की नहीं सुनते, तब यदि मुरदों में से कोई जी उठे, तो वे उसकी बात भी नहीं मानेंगे।’ ”
जब येशु नासरत नगर में आए, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ था तो वह विश्राम के दिन अपनी आदत के अनुसार सभागृह गये। वह धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ने के लिए उठे,
इस पर यहूदी धर्मगुरुओं ने आपस में कहा, “इन्हें कहाँ जाना है, जो हम इन को नहीं पा सकेंगे? क्या यह यूनानियों के बीच बसे हुए यहूदियों के पास जाएँगे और यूनानियों को भी शिक्षा देंगे?
पौलुस और बरनबास पेरगे से आगे बढ़ कर पिसिदिया प्रदेश के अन्ताकिया नगर में आये। वे विश्राम के दिन सभागृह में जा कर बैठ गये।
ऐसी ही घटना इकोनियुम नगर में घटी : पौलुस और बरनबास ने यहूदियों के सभागृह में प्रवेश किया और ऐसा भाषण दिया कि यहूदी तथा यूनानी, दोनों बड़ी संख्या में विश्वासी बन गये।
ये यहूदी थिस्सलुनीके के यहूदियों से अधिक उदार थे। वे बड़ी उत्सुकता से प्रभु का संदेश सुनते थे और उसकी सच्चाई की जाँच करने के लिए प्रतिदिन धर्मग्रन्थ का परिशीलन करते थे।
इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।
उन्होंने यह आरोप लगाया, “यह व्यक्ति परमेश्वर की ऐसी उपासना-पद्धति सिखलाता है, जो व्यवस्था के विरुद्ध है।”
जब वे इफिसुस नगर पहुँचे, तो पौलुस ने प्रिस्किल्ला तथा अिक्वला को वहीं छोड़ दिया और स्वयं सभागृह में जाकर यहूदियों के साथ वाद-विवाद किया।
लेकिन आप देखते और सुनते हैं कि उस पौलुस ने न केवल इफिसुस में, बल्कि प्राय: समस्त आसिया में बहुत-से लोगों को समझा-बुझा कर बहका दिया है। उसका कहना है कि हाथ के बनाये हुए देवता, देवता नहीं हैं।
पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाते रहे। वह परमेश्वर के राज्य के विषय में निर्भीकता-पूर्वक बोलते और यहूदियों को समझाते थे।
अग्रिप्पा ने पौलुस से कहा, “थोड़े में ही तुम मुझसे स्वीकार कराओगे कि तुमने मुझे मसीही बना लिया है!”
अत: यहूदियों ने पौलुस के साथ एक दिन निश्चित किया और बड़ी संख्या में उनके यहाँ एकत्र हुए। पौलुस सुबह से शाम तक उनके लिए व्याख्या करते रहे। उन्होंने परमेश्वर के राज्य के विषय में साक्षी दी और मूसा की व्यवस्था तथा नबी-ग्रंथों के आधार पर उनको येशु के संबंध में समझाने का प्रयत्न किया।
वह शीघ्र ही सभागृहों में येशु के विषय में प्रचार करने लगे कि वही परमेश्वर के पुत्र हैं।
इस कारण प्रभु का भय हम में बना रहता है। हम मनुष्यों को समझाने का प्रयत्न करते रहते हैं। हमारा सारा जीवन परमेश्वर के लिए प्रकट है और मैं आशा करता हूँ कि वह आप लोगों के अन्त:करण के लिए भी प्रकट होगा।