प्रभु यह कहता है, ‘अब आओ; हम अपना वाद-विवाद हल कर लें; चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों, वे हिम के समान सफेद हो जाएंगे। चाहे वे अर्गवानी रंग के हों, वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
प्रेरितों के काम 17:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पौलुस अपनी रीति के अनुसार वहाँ उन से मिलने गये। उन्होंने तीन विश्राम-दिवसों पर उनके साथ तर्क-वितर्क किया और धर्मग्रन्थ की व्याख्या करते हुए पवित्र बाइबल अपने सामान्य स्वभाव के अनुसार पौलुस उनके पास गया और तीन सब्त तक उनके साथ शास्त्रों पर विचार-विनिमय करता रहा। Hindi Holy Bible और पौलुस अपनी रीति के अनुसार उन के पास गया, और तीन सब्त के दिन पवित्र शास्त्रों से उन के साथ विवाद किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पौलुस अपनी रीति के अनुसार उनके पास गया, और तीन सब्त के दिन पवित्रशास्त्रों से उनके साथ वाद–विवाद किया; नवीन हिंदी बाइबल पौलुस अपनी रीति के अनुसार उनके पास गया और तीन सब्त के दिन उनके साथ पवित्रशास्त्र से वाद-विवाद करता रहा, सरल हिन्दी बाइबल रोज़ की तरह पौलॉस यहूदी आराधनालय में गए और तीन शब्बाथों पर पवित्र शास्त्र के आधार पर उनसे वाद-विवाद करते रहे इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और पौलुस अपनी रीति के अनुसार उनके पास गया, और तीन सब्त के दिन पवित्रशास्त्रों से उनके साथ वाद-विवाद किया; |
प्रभु यह कहता है, ‘अब आओ; हम अपना वाद-विवाद हल कर लें; चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों, वे हिम के समान सफेद हो जाएंगे। चाहे वे अर्गवानी रंग के हों, वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
मानव-पुत्र तो जा रहा है, जैसा कि उसके विषय में धर्मग्रन्थ में लिखा है; परन्तु धिक्कार है उस मनुष्य को, जो मानव-पुत्र को पकड़वा रहा है! उस मनुष्य के लिए अच्छा यही होता कि वह उत्पन्न ही नहीं हुआ होता।”
जब येशु नासरत नगर में आए, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ था तो वह विश्राम के दिन अपनी आदत के अनुसार सभागृह गये। वह धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ने के लिए उठे,
येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा।
पौलुस और बरनबास पेरगे से आगे बढ़ कर पिसिदिया प्रदेश के अन्ताकिया नगर में आये। वे विश्राम के दिन सभागृह में जा कर बैठ गये।
सलमिस पहुंच कर वे यहूदियों के सभागृहों में परमेश्वर के वचन का प्रचार करते रहे। योहन भी उनके साथ रह कर उनकी सहायता करता था।
ऐसी ही घटना इकोनियुम नगर में घटी : पौलुस और बरनबास ने यहूदियों के सभागृह में प्रवेश किया और ऐसा भाषण दिया कि यहूदी तथा यूनानी, दोनों बड़ी संख्या में विश्वासी बन गये।
भाई-बहिनों ने शीघ्र ही रातों-रात पौलुस और सीलास को बिरीया नगर भेज दिया। वहाँ पहुँच कर वे यहूदियों के सभागृह में गये।
इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।
पौलुस प्रत्येक विश्राम-दिवस पर सभागृह में तर्क-वितर्क करते और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाने का प्रयत्न करते थे।
पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाते रहे। वह परमेश्वर के राज्य के विषय में निर्भीकता-पूर्वक बोलते और यहूदियों को समझाते थे।
जब पौलुस धार्मिकता, आत्मसंयम और अंतिम न्याय के विषय में बोलने लगे, तो फ़ेलिक्स पर भय छा गया और उसने कहा, “तुम इस समय जा सकते हो। अवसर मिलने पर मैं तुमको फिर बुलाऊंगा।”
अत: यहूदियों ने पौलुस के साथ एक दिन निश्चित किया और बड़ी संख्या में उनके यहाँ एकत्र हुए। पौलुस सुबह से शाम तक उनके लिए व्याख्या करते रहे। उन्होंने परमेश्वर के राज्य के विषय में साक्षी दी और मूसा की व्यवस्था तथा नबी-ग्रंथों के आधार पर उनको येशु के संबंध में समझाने का प्रयत्न किया।
तब फ़िलिप ने कहना आरंभ किया और धर्मग्रन्थ के इस प्रसंग को आधार बना कर उसे येशु का शुभ समाचार सुनाया।
वह शीघ्र ही सभागृहों में येशु के विषय में प्रचार करने लगे कि वही परमेश्वर के पुत्र हैं।
मैंने आप लोगों को सबसे पहले वह विश्वास सौंप दिया जो मुझे प्राप्त हुआ था, अर्थात धर्मग्रन्थ के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरे,
अब तुम यहाँ खड़े रहो। मैं प्रभु के सम्मुख तुम्हारे साथ बहस करूँगा, और तुम्हें प्रभु के उन उद्धार के कार्यों का स्मरण कराऊंगा, जो उसने तुम्हारे और तुम्हारे पूर्वजों के लिए किए थे।