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प्रेरितों के काम 15:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रेरित और धर्मवृद्ध इस विषय पर विचार करने के लिए एकत्र हुए।

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पवित्र बाइबल

सो इस प्रश्न पर विचार करने के लिये प्रेरित तथा बुजुर्ग लोग परस्पर एकत्र हुए।

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Hindi Holy Bible

तब प्रेरित और प्राचीन इस बात के विषय में विचार करने के लिये इकट्ठे हुए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तब प्रेरित और प्राचीन इस बात के विषय में विचार करने के लिये इकट्ठे हुए।

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नवीन हिंदी बाइबल

तब प्रेरित और प्रवर इस बात पर विचार करने के लिए इकट्ठे हुए।

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सरल हिन्दी बाइबल

प्रेरित तथा प्राचीन इस विषय पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से इकट्ठा हुए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तब प्रेरित और प्राचीन इस बात के विषय में विचार करने के लिये इकट्ठे हुए।

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प्रेरितों के काम 15:6
12 क्रॉस रेफरेंस  

बिना उचित सलाह के योजनाएं निष्‍फल हो जाती हैं; किन्‍तु यदि योजना में अनेक बुद्धिमानों की सम्‍मति प्राप्‍त हो, तो वह सफल हो जाती है।


क्‍योंकि जहाँ दो या तीन व्यक्‍ति मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच उपस्‍थित रहता हूँ।”


तदनुसार उन्‍होंने बरनबास तथा शाऊल के हाथ धर्मवृद्धों के पास दान भेजा।


इस विषय पर पौलुस और बरनबास तथा उन लोगों के बीच तीव्र मतभेद और वाद-विवाद छिड़ गया, और यह निश्‍चय किया गया कि पौलुस तथा बरनबास, अन्‍ताकिया के कुछ लोगों के साथ, यरूशलेम जायेंगे और इस प्रश्‍न पर प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों से परामर्श करेंगे।


तब समस्‍त कलीसिया की सहमति से प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों ने निश्‍चय किया कि उन में से कुछ लोगों को चुन कर पौलुस तथा बरनबास के साथ महानगर अन्‍ताकिया भेजा जाये। उन्‍होंने दो व्यक्‍तियों को चुना, जो भाई-बहिनों में प्रमुख थे, अर्थात् यहूदा को, जो बरसब्‍बास कहलाता था, तथा सीलास को,


इसलिए हमने सर्वसम्‍मति से निर्णय किया है कि प्रतिनिधियों का चुनाव करें और उन को अपने प्रिय भाई बरनबास और पौलुस के साथ,


जब वे यरूशलेम पहुँचे, तो कलीसिया ने, प्रेरितों ने तथा धर्मवृद्धों ने भी उनका स्‍वागत किया। पौलुस और बरनबास ने बताया कि परमेश्‍वर ने उनके द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये।


तब उन्‍होंने नगर-नगर भ्रमण कर लोगों तक उस निर्णय को पहुँचाया, जो यरूशलेम में प्रेरितों और धर्मवृद्धों ने किया था, कि वे लोग उसका पालन करें।


दूसरे दिन पौलुस हमारे साथ याकूब के यहाँ गये। वहाँ सब धर्मवृद्ध एकत्र थे।


इसलिए बारह प्रेरितों ने शिष्‍यों की सभा बुला कर कहा, “यह उचित नहीं है कि हम खिलाने-पिलाने की सेवा के लिए परमेश्‍वर का वचन सुनाना छोड़ दें।


आपके धर्मनेताओं को रात-दिन आपकी आध्‍यात्‍मिक भलाई की चिन्‍ता रहती है, क्‍योंकि वे इसके लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए आप लोग उनका आज्ञापालन करें और उनके अधीन रहें, जिससे वे अपना कर्त्तव्‍य आनन्‍द के साथ, न कि आहें भरते हुए, पूरा कर सकें; क्‍योंकि इस से आप को कोई लाभ नहीं होगा।


आप लोग उन धर्मनेताओं की स्‍मृति कायम रखें, जिन्‍होंने आप को परमेश्‍वर का सन्‍देश सुनाया और उनके आचरण के सुखद परिणाम का मनन करते हुए उनके विश्‍वास का अनुकरण करें।