और जब वह उन्हें मिले तो वह शाऊल को अन्ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्ताकिया में ही येशु के शिष्य ‘मसीही’ कहलाए।
प्रेरितों के काम 14:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर जब शिष्य पौलुस के चारों ओर एकत्र हुए, तो वह उठे और नगर में गए। दूसरे दिन वह बरनबास के साथ दिरबे चले गये। पवित्र बाइबल फिर जब शिष्य उसके चारों ओर इकट्ठे हुए, तो वह उठा और नगर में चला आया और फिर अगले दिन बरनाबास के साथ वह दिरबे के लिए चल पड़ा। Hindi Holy Bible पर जब चेले उस की चारों ओर आ खड़े हुए, तो वह उठकर नगर में गया और दूसरे दिन बरनबास के साथ दिरबे को चला गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर जब चेले उसके चारों ओर आ खड़े हुए, तो वह उठकर नगर में गया और दूसरे दिन बरनबास के साथ दिरबे को चला गया। नवीन हिंदी बाइबल परंतु जब शिष्य उसके चारों ओर आ खड़े हुए तो वह उठकर नगर में गया। अगले दिन वह बरनाबास के साथ दिरबे को चला गया। सरल हिन्दी बाइबल किंतु जब शिष्य उनके आस-पास इकट्ठा हुए, वह उठ खड़े हुए और नगर में लौट गए. अगले दिन वह बारनबास के साथ वहां से दरबे नगर को चले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर जब चेले उसकी चारों ओर आ खड़े हुए, तो वह उठकर नगर में गया और दूसरे दिन बरनबास के साथ दिरबे को चला गया। |
और जब वह उन्हें मिले तो वह शाऊल को अन्ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्ताकिया में ही येशु के शिष्य ‘मसीही’ कहलाए।
शिष्यों ने निश्चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।
पतरस ने हाथ से चुप रहने का संकेत किया और उन्हें बताया कि किस प्रकार परमेश्वर उनको बन्दीगृह से बाहर निकाल लाया है। फिर पतरस ने कहा, “याकूब और भाई-बहिनों को इन बातों की खबर दे देना।” और वह वहाँ से निकल कर किसी दूसरी जगह चले गये।
वे शिष्यों का मन सुदृढ़ करते और उन्हें विश्वास में स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्ट सह कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है।
तब प्रेरितों को इसका पता चला और वे लुकाओनिया के लुस्त्रा तथा दिरबे नामक नगरों और उनके आसपास के प्रदेश की ओर भाग गये
पौलुस दिरबे और लुस्त्रा नगर भी पहुँचे। वहां तिमोथी नामक एक शिष्य था, जो विश्वासी यहूदी माता तथा यूनानी पिता का पुत्र था।
पौलुस और सीलास बन्दीगृह से निकल कर लुदिया के घर गये। वे भाई-बहिनों से मिले और उन्हें प्रोत्साहित कर वहाँ से चले गये।
दंगा शान्त होने पर पौलुस ने शिष्यों को बुला भेजा और उन को प्रोत्साहित किया। तब वह उन से विदा ले कर मकिदूनिया चल दिये।
हम अज्ञात हैं, किन्तु सब लोग हमें जानते हैं। हम मरने-मरने को हैं, किन्तु देखिए, हम जीवित हैं। हम मार खाते हैं, किन्तु मरते नहीं।