अत: एलीशा लौट आया। उसने हलों से बैलों को अलग किया, और फिर उनकी बलि की। तत्पश्चात् उसने हलों की लकड़ी से उनका मांस पकाया, और उसको लोगों में बांट दिया। लोगों ने मांस खाया। इसके बाद एलीशा उठा, और एलियाह के पीछे चला गया। वह एलियाह की सेवा करने लगा।
प्रेरितों के काम 13:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सलमिस पहुंच कर वे यहूदियों के सभागृहों में परमेश्वर के वचन का प्रचार करते रहे। योहन भी उनके साथ रह कर उनकी सहायता करता था। पवित्र बाइबल फिर जब वे सलमीस पहुँचे तो उन्होंने यहूदियों के आराधनालयों में परमेश्वर के वचन का प्रचार किया। यूहन्ना सहायक के रूप में उनके साथ था। Hindi Holy Bible और सलमीस में पहुंचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों की अराधनालयों में सुनाया; और यूहन्ना उन का सेवक था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सलमीस में पहुँचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों के आराधनालयों में सुनाया। यूहन्ना उनका सेवक था। नवीन हिंदी बाइबल और सलमीस पहुँचकर यहूदियों के आराधनालयों में परमेश्वर के वचन का प्रचार करने लगे; और उनके पास सहायक के रूप में यूहन्ना भी था। सरल हिन्दी बाइबल वहां से सालामिस नगर पहुंचकर उन्होंने यहूदियों के सभागृह में परमेश्वर के संदेश का प्रचार किया. सहायक के रूप में योहन भी उनके साथ थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सलमीस में पहुँचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों के आराधनालयों में सुनाया; और यूहन्ना उनका सेवक था। |
अत: एलीशा लौट आया। उसने हलों से बैलों को अलग किया, और फिर उनकी बलि की। तत्पश्चात् उसने हलों की लकड़ी से उनका मांस पकाया, और उसको लोगों में बांट दिया। लोगों ने मांस खाया। इसके बाद एलीशा उठा, और एलियाह के पीछे चला गया। वह एलियाह की सेवा करने लगा।
एलियाह डर गए। वह उठे और प्राण बचा कर भागे। वह यहूदा प्रदेश के बएर-शेबा नगर में आए। वहाँ उन्होंने अपने सेवक को छोड़ दिया,
यहोशाफट ने पूछा, ‘क्या यहां प्रभु का नबी नहीं है, जिसके माध्यम से हम प्रभु से पूछ सकें?’ इस्राएल प्रदेश के एक राज-कर्मचारी ने बताया, ‘यहां एलीशा बेन-शाफट हैं। वह नबी एलियाह के निजी सेवक थे।’
परन्तु तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम में बड़ा होना चाहता है, वह तुम्हारा सेवक बने
वह अपनी परिस्थिति समझ कर मरियम के घर आये। मरियम मारकुस कहलाने वाले योहन की माता थी। वहाँ बहुत-से लोग एकत्र हो कर प्रार्थना कर रहे थे।
बरनबास और शाऊल यरूशलेम में अपना सेवा-कार्य पूरा कर लौटे और अपने साथ योहन को भी ले आये, जो मारकुस कहलाता था।
पौलुस और बरनबास पेरगे से आगे बढ़ कर पिसिदिया प्रदेश के अन्ताकिया नगर में आये। वे विश्राम के दिन सभागृह में जा कर बैठ गये।
पौलुस और बरनबास ने निडर हो कर कहा, “यह आवश्यक था कि पहले आप लोगों को परमेश्वर का वचन सुनाया जाता, परन्तु आप लोग इसे अस्वीकार करते हैं और अपने को शाश्वत जीवन के योग्य नहीं समझते। इसलिए हम अब गैर-यहूदियों के पास जाते हैं।
ऐसी ही घटना इकोनियुम नगर में घटी : पौलुस और बरनबास ने यहूदियों के सभागृह में प्रवेश किया और ऐसा भाषण दिया कि यहूदी तथा यूनानी, दोनों बड़ी संख्या में विश्वासी बन गये।
इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।
पौलुस प्रत्येक विश्राम-दिवस पर सभागृह में तर्क-वितर्क करते और यहूदियों तथा यूनानियों को समझाने का प्रयत्न करते थे।
उन्होंने अपने सहयोगियों में से दो, अर्थात् तिमोथी और एरस्तुस को मकिदुनिया भेजा; किन्तु वह स्वयं कुछ दिन तक आसिया में ठहरे रहे।
समस्त नगर में खलबली मच गयी। वे गायुस और अरिस्तर्खुस को, जो मकिदुनिया के निवासी और पौलुस के सहयात्री थे, घसीट कर ले गये और सब मिल कर नाट्यशाला की ओर दौड़ पड़े।
पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाते रहे। वह परमेश्वर के राज्य के विषय में निर्भीकता-पूर्वक बोलते और यहूदियों को समझाते थे।
वह शीघ्र ही सभागृहों में येशु के विषय में प्रचार करने लगे कि वही परमेश्वर के पुत्र हैं।
अरिस्तर्खुस, जो मेरे साथ कैदी हैं, और बरनबास का भांजा मारकुस आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। मारकुस के विषय में आप को अनुदेश मिल चुके हैं। यदि वह आप लोगों के यहाँ आयें, तो उनका स्वागत करें।
केवल लूकस मेरे साथ है। मारकुस को अपने साथ ले कर आओ, क्योंकि मुझे सेवा-कार्य में उस से बहुत सहायता मिलती है।