नगर से निकलते समय सैनिकों को शिमोन नामक कुरेने देश का एक निवासी मिला। उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि वह येशु का क्रूस उठा कर ले चले।
प्रेरितों के काम 13:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) महानगर अन्ताकिया की स्थानीय कलीसिया में कई नबी और शिक्षक थे : जैसे बरनबास, शिमोन जो ‘कलुआ’ कहलाता था, कुरेने-निवासी लूकियुस, शासक हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेन और शाऊल। पवित्र बाइबल अन्ताकिया के कलीसिया में कुछ नबी और बरनाबास, काला कहलाने वाला शमौन, कुरेन का लूकियुस, देश के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ पालितपोषित मनाहेम और शाऊल जैसे कुछ शिक्षक थे। Hindi Holy Bible अन्ताकिया की कलीसिया में कितने भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और देश की चौथाई के राजा हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेम और शाऊल। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अन्ताकिया की कलीसिया में कई भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; जैसे : बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और चौथाई देश के राजा हेरोदेस का दूधभाई मनाहेम, और शाऊल। नवीन हिंदी बाइबल अब जो कलीसिया अंताकिया में थी उसमें कई भविष्यवक्ता और शिक्षक थे : बरनाबास, और शिमोन जो नीगर कहलाता था, और लूकियुस कुरेनी, और मनाहेम जिसका पालन-पोषण चौथाई देश के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था, और शाऊल। सरल हिन्दी बाइबल अंतियोख़ नगर की कलीसिया में अनेक भविष्यवक्ता और शिक्षक थे: बारनबास, शिमओन, जिनका उपनाम निगेर भी था, कुरेनी लुकियॉस, मनायेन, (जिसका पालन पोषण राज्य के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था) तथा शाऊल. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अन्ताकिया की कलीसिया में कई भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात् बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और चौथाई देश के राजा हेरोदेस का दूधभाई मनाहेम और शाऊल। |
नगर से निकलते समय सैनिकों को शिमोन नामक कुरेने देश का एक निवासी मिला। उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि वह येशु का क्रूस उठा कर ले चले।
सम्राट तिबेरियुस के शासनकाल का पन्द्रहवाँ वर्ष था। पोंतियुस पिलातुस यहूदा प्रदेश का राज्यपाल था। हेरोदेस गलील प्रदेश का शासक, उसका भाई फिलिप इतूरैया और त्रखोनीतिस प्रदेशों का शासक तथा लुसानियस अबिलेने प्रदेश का शासक था।
बरनबास और शाऊल यरूशलेम में अपना सेवा-कार्य पूरा कर लौटे और अपने साथ योहन को भी ले आये, जो मारकुस कहलाता था।
तब शाऊल ने, जो पौलुस भी कहलाते थे, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर उस पर दृष्टि गड़ायी
यहूदा और सीलास स्वयं नबी थे। उन्होंने भी भाई-बहिनों को देर तक सम्बोधित कर प्रोत्साहित और विश्वास में दृढ़ किया।
पौलुस और बरनबास अन्ताकिया में रह गये और अन्य बहुत लोगों के साथ प्रभु के वचन की शिक्षा देते और शुभ समाचार सुनाते रहे।
जब पौलुस ने उन पर हाथ रखा, तो पवित्र आत्मा उन पर उतरा और वे अध्यात्म भाषाएं बोलने और नबूवत करने लगे।
उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्त्वना-पुत्र” रखा था।
शाऊल पर अब भी प्रभु के शिष्यों को धमकाने तथा मार डालने की धुन सवार थी। उसने प्रधान महापुरोहित के पास जा कर
मेरा सहयोगी तिमोथी और मेरे सम्बन्धी लूकियुस, यासोन और सोसिपत्रुस आप को नमस्कार कहते हैं।
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
नबूवतें जाती रहेंगी, अध्यात्म भाषाएँ मौन हो जायेंगी और ज्ञान मिट जायेगा, किन्तु प्रेम का कभी अन्त नहीं होगा;
दूसरे यहूदी भाई-बहिनों ने भी इस प्रकार का ढोंग रचा, यहाँ तक कि बरनबास भी उनके ढोंग के कारण भटक गये।
जो व्यक्ति कलीसिया के स्तम्भ समझे जाते थे-अर्थात् याकूब, कैफा और योहन-उन्होंने कृपा का वह वरदान पहचाना जो मुझे मिला है। उन्होंने मुझे और बरनबास को अपने सहयोगी समझकर हमें सहभागिता का दाहिना हाथ दिया। वे इस बात के लिए सहमत हुए कि हम गैर-यहूदियों के पास जायें और वे यहूदियों के पास।
उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित, कुछ को नबी, कुछ को शुभ समाचार-प्रचारक और कुछ को धर्मपाल तथा शिक्षक होने का वरदान दिया।