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प्रेरितों के काम 11:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु उन में से कुछ कुप्रुस† तथा कुरेने के निवासी थे। जब वे अन्‍ताकिया पहुँचे, तब उन्‍होंने यूनानी भाषा-भाषियों को भी प्रभु येशु का शुभ-समाचार सुनाया।

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पवित्र बाइबल

इन्हीं विश्वासियों में से कुछ साइप्रस और कुरैन के थे। सो जब वे अन्ताकिया आये तो यूनानियों को भी प्रवचन देते हुए प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने लगे।

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Hindi Holy Bible

परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु उनमें से कुछ साइप्रसवासी और कुरेनी थे, जो अन्ताकिया में आकर यूनानियों को भी प्रभु यीशु के सुसमाचार की बातें सुनाने लगे।

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु उनमें से कुछ साइप्रसवासी और कुरेनी थे, जो अंताकिया में आकर यूनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने लगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु कुछ सैप्रसवासी तथा कुरेनावासी अंतियोख़ नगरों में आकर यूनानियों को भी मसीह येशु के विषय में सुसमाचार देने लगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु उनमें से कुछ साइप्रस वासी और कुरेनी थे, जो अन्ताकिया में आकर यूनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमाचार की बातें सुनाने लगे।

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प्रेरितों के काम 11:20
28 क्रॉस रेफरेंस  

नगर से निकलते समय सैनिकों को शिमोन नामक कुरेने देश का एक निवासी मिला। उन्‍होंने उसे बेगार में पकड़ा कि वह येशु का क्रूस उठा कर ले चले।


इस पर यहूदी धर्मगुरुओं ने आपस में कहा, “इन्‍हें कहाँ जाना है, जो हम इन को नहीं पा सकेंगे? क्‍या यह यूनानियों के बीच बसे हुए यहूदियों के पास जाएँगे और यूनानियों को भी शिक्षा देंगे?


स्‍तीफनुस को लेकर यरूशलेम में सताव प्रारम्‍भ हुआ था। जो लोग इसके कारण बिखर गये थे, वे फीनीके प्रदेश, कुप्रुस द्वीप तथा अन्‍ताकिया महानगर तक पहुँच गये। वे यहूदियों के अतिरिक्‍त किसी को संदेश नहीं सुनाते थे।


जब उनके विषय में यरूशलेम की कलीसिया के कानों तक समाचार पहुँचा, तब उसने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा।


और जब वह उन्‍हें मिले तो वह शाऊल को अन्‍ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्‍ताकिया में ही येशु के शिष्‍य ‘मसीही’ कहलाए।


उन दिनों कुछ नबी यरूशलेम से अन्‍ताकिया में आये।


महानगर अन्‍ताकिया की स्‍थानीय कलीसिया में कई नबी और शिक्षक थे : जैसे बरनबास, शिमोन जो ‘कलुआ’ कहलाता था, कुरेने-निवासी लूकियुस, शासक हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेन और शाऊल।


वहाँ से उन्‍होंने जलयान पर महानगर अन्‍ताकिया को प्रस्‍थान किया, जहाँ उन्‍हें उस कार्य के लिए परमेश्‍वर के अनुग्रह को अर्पित किया गया था, जो उन्‍होंने अब पूरा कर लिया था।


तब समस्‍त कलीसिया की सहमति से प्रेरितों तथा धर्मवृद्धों ने निश्‍चय किया कि उन में से कुछ लोगों को चुन कर पौलुस तथा बरनबास के साथ महानगर अन्‍ताकिया भेजा जाये। उन्‍होंने दो व्यक्‍तियों को चुना, जो भाई-बहिनों में प्रमुख थे, अर्थात् यहूदा को, जो बरसब्‍बास कहलाता था, तथा सीलास को,


और उनके हाथ यह पत्र भेजा : “प्रेरित तथा धर्मवृद्ध, आप लोगों के भाई, अन्‍ताकिया, सीरिया तथा किलिकिया के गैर-यहूदी भाई-बहिनों को नमस्‍कार करते हैं।


वे विदा हो कर महानगर अन्‍ताकिया चले गये। जब उन्‍होंने मंडली को एकत्र किया तब वह पत्र उन्‍हें सौंप दिया।


वहाँ कुछ एपिकूरी तथा स्‍तोइकी दार्शनिकों से भी उनका सम्‍पर्क हुआ। उनमें से कुछ लोगों ने कहा, “यह बकवादी हम से क्‍या कहना चाहता है?” दूसरों ने कहा, “यह विदेशी देवताओं का प्रचारक जान पड़ता है”, क्‍योंकि पौलुस येशु तथा “पुनरुत्‍थान” का शुभ समाचार सुना रहे थे।


कैसरिया बन्‍दरगाह पहुँचे। वहाँ से वह कलीसिया का अभिवादन करने गये, और यरूशलेम से महानगर अन्‍ताकिया चले गये।


फ्रुगिया और पंफुलिया, मिस्र और कुरेने के निकटवर्ती लीबिया के निवासी; रोम के यहूदी तथा नवयहूदी प्रवासी,


उदाहरण के लिये यूसुफ नामक एक व्यक्‍ति था। वह लेवी वंश का था। उसका जन्‍म कुप्रुस द्वीप में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनबास अर्थात् “सान्‍त्‍वना-पुत्र” रखा था।


वे प्रतिदिन मन्‍दिर में और घर-घर जा कर निरंतर शिक्षा देते रहे और येशु मसीह का शुभ समाचार सुनाते रहे।


उन दिनों जब शिष्‍यों की संख्‍या बढ़ती जा रही थी, तो यूनानी-भाषी शिष्‍यों ने इब्रानी-भाषी शिष्‍यों के विरुद्ध यह शिकायत की कि दैनिक दान-वितरण में उनकी विधवाओं की उपेक्षा हो रही है।


यह बात समस्‍त सभा को अच्‍छी लगी। उन्‍होंने स्‍तीफनुस नामक व्यक्‍ति को, जो विश्‍वास तथा पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण था, तथा फ़िलिप, प्रोखुरुस, निकानोर, तीमोन, परमिनास और अन्‍ताकिया-निवासी नवयहूदी निकोलास को चुना


‘दास्‍यमुक्‍त लोगों का सभागृह’ कहलाने वाले सभागृह के कुछ सदस्‍य और कुरेने तथा सिकन्‍दरिया नगरों और किलिकिया तथा आसिया प्रदेशों के कुछ लोग स्‍तीफनुस का विरोध करने लगे। वे उससे वाद-विवाद करने आये।


तब फ़िलिप ने कहना आरंभ किया और धर्मग्रन्‍थ के इस प्रसंग को आधार बना कर उसे येशु का शुभ समाचार सुनाया।


फिलिप सामरी प्रदेश के एक नगर में गया और वहां के लोगों को मसीह का संदेश सुनाने लगा।


वह शीघ्र ही सभागृहों में येशु के विषय में प्रचार करने लगे कि वही परमेश्‍वर के पुत्र हैं।


वह यूनानी-भाषी यहूदियों से बात-चीत और बहस किया करते थे, किन्‍तु वे लोग उन्‍हें मार डालना चाहते थे।


मैंने निश्‍चय किया था कि मैं आप लोगों में येशु मसीह और क्रूस पर उनकी मृत्‍यु के अतिरिक्‍त किसी और विषय पर ध्‍यान नहीं दूँगा।


जब कैफा अन्‍ताकिया आये, तो मैं ने उनके मुंह पर उनका विरोध किया, क्‍योंकि वह दोषी थे।


मुझे, जो सन्‍तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं