सूर्य अस्त होने के पश्चात् जब घोर अन्धकार छा गया, तब एक धुंआती हुई अंगीठी और एक जलती हुई मशाल उन टुकड़ों के मध्य से होकर गई।
प्रकाशितवाक्य 9:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने अगाध गर्त्त का विवर खोला। इस पर विवर में से दूआँ निकला, जो बड़ी भट्टी के धूएँ-जैसा था और विवर के धूएँ से सूर्य और वायुमण्डल अन्धकारमय हो गया। पवित्र बाइबल फिर उस तारे ने उस चिमनी का ताला खोल दिया जो पाताल में उतरती थी और चिमनी से वैसे ही धुआँ फूट पड़ा जैसे वह एक बड़ी भट्टी से निकलता है। सो चिमनी से निकले धुआँ से सूर्य और आकाश काले पड़ गए। Hindi Holy Bible और उस ने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी का सा धुआं उठा, और कुण्ड के धुएं से सूर्य और वायु अन्धयारी हो गई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्ठी का सा धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अन्धकारमय हो गए। नवीन हिंदी बाइबल जब उसने अथाह कुंड को खोला तो उस कुंड में से बड़ी भट्ठी का सा धुआँ निकला, और उस धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। सरल हिन्दी बाइबल उसने अथाह गड्ढे का द्वार खोला तो उसमें से धुआं निकला, जो विशाल भट्टी के धुएं के समान था. अथाह गड्ढे के इस धुएं से सूर्य और आकाश निस्तेज और वायुमंडल काला हो गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (योए. 2:10, योए. 2:30) |
सूर्य अस्त होने के पश्चात् जब घोर अन्धकार छा गया, तब एक धुंआती हुई अंगीठी और एक जलती हुई मशाल उन टुकड़ों के मध्य से होकर गई।
उन्होंने सदोम, गमोरा और घाटी के समस्त प्रदेश पर दृष्टि की और देखा कि धधकती भट्टी के सदृश धुआं भूमि से निकलकर ऊपर जा रहा है।
सीनय पर्वत धुएं से आच्छादित था, क्योंकि प्रभु अग्नि में उस पर उतरा था। सहसा भट्ठे के धुएँ के सदृश उसका धुआँ ऊपर उठा और सारा पहाड़ बहुत कांपने लगा।
नगर के प्रवेश-द्वार पर विलाप करो, नगरों में सहायता के लिए दुहाई दो। ओ पलिश्तियों, डर से मूर्च्छित हो जाओ। उत्तर दिशा से महाकाल की आंधी आ रही है! शत्रु सेना का एक भी सैनिक पीछे नहीं छूटेगा।
जो व्यक्ति मूर्ति के सम्मुख गिर कर उसका सम्मान नहीं करेगा, वह उसी क्षण धधकती हुई अग्नि की भट्ठी में फेंक दिया जाएगा।’
उनके सम्मुख पृथ्वी थर्राती है, आकाश कांपता है। सूर्य और चन्द्रमा काले पड़ गए, तारे बुझ गए।
वह अंधकार का, घोर अंधकार का दिन है। उस दिन बादल छा जाएंगे, और सघन अंधकार फैल जाएगा। गहन कालिमा के सदृश शक्तिशाली असंख्य टिड्डी-सेना पहाड़ी पर बिछी है। ऐसी सेना प्राचीनकाल में न हुई थी, और न इसके पश्चात् आगामी पीढ़ियों में कभी होगी।
मैं आकाश और पृथ्वी पर यह आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाऊंगा: रक्त, अग्नि और धुएं के स्तम्भ।
मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कार्य और नीचे पृथ्वी पर चिह्न दिखाऊंगा, अर्थात् रक्त, अग्नि और उड़ता हुआ धुआँ।
जो लोग पशु या उसकी प्रतिमा की आराधना करते अथवा उसके नाम की छाप ग्रहण करते हैं, उनकी यन्त्रणा का धूआँ युग-युगों तक ऊपर उठता रहेगा और उन्हें रात-दिन कभी चैन नहीं मिलेगा।”
पाँचवें स्वर्गदूत ने पशु के सिंहासन पर अपना प्याला उँडेला। पशु के राज्य पर अन्धकार छा गया। लोग पीड़ा से विकल हो कर अपनी जीभें चबाने लगे।
चौथे स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर एक तिहाई सूर्य, एक तिहाई चन्द्रमा और एक तिहाई नक्षत्रों पर आघात हुआ, जिससे उनका एक तिहाई भाग अन्धकारमय हो गया : दिन के एक तिहाई भाग में प्रकाश नहीं होता था और रात की भी यही दशा थी।
पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। मैंने एक तारा देखा, जो आकाश से पृथ्वी पर गिरा था, और उसे अगाध गर्त्त के विवर की कुंजी दी गयी।
उनका एक राजा था, अर्थात अगाध गर्त्त का दूत, जिसका नाम इब्रानी में अबद्दोन है और यूनानी में अप्पुलयोन।
मुझे उस दृश्य में वे घोड़े और उन पर सवार सैनिक इस प्रकार दीख पड़े : सैनिक अग्नि-जैसे लाल, धूम्रकान्त-जैसे नीले और गन्धक-जैसे पीले कवच पहने हुए थे। घोड़ों के सिर सिंहों के सिर-जैसे थे और उनके मुँह से आग, धूआँ और गन्धक निकल रही थी।