मेरे पिता ने तुम्हारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था, तो मैं उससे भी भारी जूआ तुम्हारे कन्धे पर रखूंगा। मेरा पिता तुम्हें चाबुक से मारता था तो मैं तुम्हें हण्टर से मारूंगा।” ’
प्रकाशितवाक्य 9:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उनकी पूँछें, जिन में डंक थे, बिच्छुओं की पूँछों-जैसी थीं। उनकी पूँछों में मनुष्यों को पाँच महीनों तक हानि पहुँचाने का सामर्थ्य था। पवित्र बाइबल उनकी पूँछों के बाल ऐसे थे जैसे बिच्छू के डंक हों। तथा उनमें लोगों को पाँच महीने तक क्षति पहुँचाने की शक्ति थी। Hindi Holy Bible और उन की पूंछ बिच्छुओं की सी थीं, और उन में डंक थे, और उन्हें पांच महीने तक मनुष्यों को दुख पहुंचाने की जो सामर्थ थी, वह उन की पूंछों में थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनकी पूंछ बिच्छुओं की सी थीं और उनमें डंक थे, और उन्हें पाँच महीने तक मनुष्यों को दु:ख पहुँचाने की जो शक्ति मिली थी, वह उनकी पूंछों में थी। नवीन हिंदी बाइबल उनकी पूँछें बिच्छुओं की सी थीं और उनमें डंक थे, और उनकी पूँछों में मनुष्यों को पाँच महीने तक हानि पहुँचाने की शक्ति थी। सरल हिन्दी बाइबल उनकी पूंछ बिच्छू के डंक के समान थी और उनकी पूंछ में ही मनुष्यों को पांच माह तक पीड़ा देने की क्षमता थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनकी पूँछ बिच्छुओं की जैसी थीं, और उनमें डंक थे, और उन्हें पाँच महीने तक मनुष्यों को दुःख पहुँचाने की जो शक्ति मिली थी, वह उनकी पूँछों में थी। |
मेरे पिता ने तुम्हारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था, तो मैं उससे भी भारी जूआ तुम्हारे कन्धे पर रखूंगा। मेरा पिता तुम्हें चाबुक से मारता था तो मैं तुम्हें हण्टर से मारूंगा।” ’
जैसी सलाह उसके जवान साथियों ने उसे दी थी, उसी के अनुसार उसने लोगों से कहा, ‘मेरे पिता ने तुम्हारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था, मैं उससे भी भारी जूआ तुम्हारे कन्धे पर रखूंगा। मेरा पिता तुम्हें चाबुक से मारता था, मैं तुम्हें हण्टर से मारूंगा।’
और तू, मानव, उनसे मत डरना, और न उनके कठोर शब्दों से घबराना, चाहे तेरे आसपास कांटे, ऊंटकंटारे हों और चाहे तुझे बिच्छुओं के बीच रहना पड़े। तू उनकी बातों से मत डरना, और न उनकी तीखी दृष्टि से हताश होना; क्योंकि वे विद्रोही कुल की सन्तान हैं।
क्योंकि उन घोड़ों का सामर्थ्य उनके मुँह में ही नहीं, उनकी पूँछ में भी था। उनकी पूँछें साँपों के सदृश थीं, जिनके अपने सिर थे और वे उन से भी हानि पहुँचाते थे।
उस धूएँ में से टिड्डियाँ पृथ्वी पर उतरीं और उन्हें पृथ्वी के बिच्छुओं-जैसी शक्ति प्रदान की गयी।
टिड्डियों को इन लोगों का वध करने की नहीं, बल्कि इन्हें पाँच महीनों तक पीड़ित करने की अनुमति दी गयी। उनकी ऐसी यन्त्रणा थी, जैसी बिच्छुओं के डंक मारने से मनुष्यों की होती है।