प्रकाशितवाक्य 22:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और यदि कोई नबूवत की इस पुस्तक की बातों से कुछ निकालेगा, तो परमेश्वर इस पुस्तक में वर्णित जीवन-वृक्ष और पवित्र नगर से उसका भाग निकाल देगा।” पवित्र बाइबल और यदि नबियों की इस पुस्तक में लिखे वचनों में से कोई कुछ घटायेगा तो परमेश्वर इस पुस्तक में लिखे जीवन-वृक्ष और पवित्र नगरी में से उसका भाग उससे छीन लेगा। Hindi Holy Bible और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के वृक्ष और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा। नवीन हिंदी बाइबल और यदि कोई इस पुस्तक की भविष्यवाणी के वचनों में से कुछ निकालता है, तो परमेश्वर भी उस जीवन के वृक्ष और पवित्र नगर में से, जिनका वर्णन इस पुस्तक में किया गया है, उसके भाग को निकाल देगा।” सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई भविष्यवाणी के इस अभिलेख में से कुछ भी निकालता है तो परमेश्वर जीवन के पेड़ तथा पवित्र नगर में से, जिनका वर्णन इस अभिलेख में है, उसके भाग से उसे दूर कर देंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा। (भज. 69:28, व्यव. 4:2) |
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘जिन लोगों ने मेरे विरुद्ध पाप किया है, उनका नाम मैं अपनी पुस्तक में से काट दूँगा।
परमेश्वर के वचनों में घट-बढ़ मत करो; अन्यथा वह तुम को प्रताड़ित करेगा, और तुम झूठे कहलाओगे।
“व्यवस्था के आचार्यो, धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम ने ज्ञान की कुंजी ली तो है। पर तुम ने स्वयं प्रवेश नहीं किया, और जो प्रवेश कर रहे थे, उन्हें रोक दिया।”
‘जिन बातों का आदेश मैं तुम्हें देता हूँ, उन सब का तुम पालन करना; उनके अनुसार कार्य करना। तुम उनमें न कुछ जोड़ना, और न उनमें से कुछ घटाना।
जो आज्ञाएं मैं तुम्हें सुनाऊंगा, उनमें न एक शब्द बढ़ाना और न उनमें से एक शब्द घटाना; वरन् तुम अपने प्रभु परमेश्वर की उन आज्ञाओं का पालन करना, जो मैं तुम्हें सुनाऊंगा।
धन्य है, वह जो इस नबूबत को पढ़ कर सुनाता है और धन्य हैं वे, जो इसके शब्द सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों का ध्यान रखते हैं; क्योंकि वह समय निकट आ गया है!
किन्तु मन्दिर का बाहरी प्रांगण छोड़ देना, उसे मत नापना; क्योंकि वह अन्यधर्मियों के हवाले कर दिया गया है और वे पवित्र नगर को बयालीस महीनों तक रौंदते रहेंगे।
पृथ्वी के वे सब निवासी पशु की पूजा करेंगे, जिनके नाम वध किये हुए मेमने के जीवन-ग्रन्थ में संसार के प्रारन्भ से अंकित नहीं हैं।
मैंने स्वर्ग में किसी को मुझ से यह कहते सुना, “लिखो : धन्य हैं वे मृतक, जो अब से प्रभु में विश्वास करते हुए मरते हैं!” आत्मा कहता है, “ऐसा ही हो, ताकि वे अपने परिश्रम के बाद विश्राम करें, क्योंकि उनके सत्कर्म उनके साथ जाते हैं।”
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको द्वितीय मृत्यु से कोई हानि नहीं होगी।
“जो विजय प्राप्त करेगा, और अन्त तक मेरे कार्यों को पूरा करता रहेगा, मैं उसे राष्ट्रों पर वह अधिकार प्रदान करूँगा,
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको मैं उस जीवन-वृक्ष का फल खाने के लिए दूंगा जो परमेश्वर की स्वर्ग-वाटिका के बीच में है।
मैंने पवित्र नगरी, नवीन यरूशलेम को परमेश्वर के यहाँ से आकाश में उतरते देखा। वह अपने दूल्हे के लिए सजायी हुई दुलहन की तरह अलंकृत थी।
तब सिंहासन पर विराजमान व्यक्ति ने कहा, “देखो, मैं सब कुछ नया कर रहा हूँ।” इसके बाद उसने कहा, “ये बातें लिखो, क्योंकि ये विश्वसनीय और सत्य हैं।”
[येशु ने कहा,] “देखो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ। मेरा पुरस्कार मेरे पास है और मैं प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का प्रतिफल दूँगा।
नगर चौक के बीचों-बीच बहती हुई नदी के तट पर, दोनों ओर एक जीवन-वृक्ष था, जो बारह प्रकार के फल, हर महीने एक बार फल, देता था। उस पेड़ के पत्तों से राष्ट्रों की चिकित्सा होती है।
[येशु ने कहा,] “देखो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ। धन्य है वह, जो इस पुस्तक की नबूवत के वचनों का पालन करता है!”
“यदि तुम विजय प्राप्त करोगे तो मैं तुम को अपने परमेश्वर के मन्दिर का स्तम्भ बनाऊंगा। वह फिर कभी उसके बाहर नहीं जायेगा। मैं अपने परमेश्वर का नाम, अपने परमेश्वर के नगर, उस नवीन यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के यहाँ से स्वर्ग से उतरने वाला है और अपना नया नाम भी उस पर अंकित करूँगा।
“जो विजय प्राप्त करता है, उसको मैं उसी तरह अपने साथ अपने सिंहासन पर विराजमान होने का अधिकार दूँगा, जिस तरह मैं विजय प्राप्त कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर विराजमन हूँ।