फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
प्रकाशितवाक्य 22:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अधर्मी अब अधर्म करता रहे, कलुषित व्यक्ति कलुषित ही बना रहे; लेकिन धर्मी धार्मिक आचरण और सन्त पवित्रता की साधना करता जाये।” पवित्र बाइबल जो बुरा करते चले आ रहे हैं, वे बुरा करते रहें। जो अपवित्र बने हुए हैं, वे अपवित्र ही बने रहें। जो धर्मी हैं, वे धर्मी ही बना रहे। जो पवित्र हैं वे पवित्र बना रहे।” Hindi Holy Bible जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है; वह पवित्र बना रहे।” नवीन हिंदी बाइबल जो अन्याय करता है वह अन्याय करता रहे, और जो अपवित्र है वह अपवित्र ही बना रहे; और जो धर्मी है वह धार्मिकता के कार्य करता रहे, और जो पवित्र है वह पवित्र ही बना रहे।” सरल हिन्दी बाइबल जो दुराचारी है, वह दुराचार में लीन रहे; जो पापी है, वह पापी बना रहे; जो धर्मी है, वह धार्मिकता का स्वभाव करे तथा जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे।” |
फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
दुर्जन को उसके दुष्कर्म ही उखाड़ फेंकते हैं, पर धार्मिक मनुष्य अपनी सत्यनिष्ठा के कारण आश्रय पाता है।
धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है।
यदि बादल जल से भरे हैं, तो वे स्वत: भूमि पर बरसेंगे। चाहे वृक्ष दक्षिण की ओर गिरे, चाहे वह उत्तर की ओर गिरे, वह जिस स्थान पर गिरा है, वह वहीं पड़ा रहेगा।
जब मैं तुझसे बातें करूंगा तब मैं तेरा मुंह खोल दूंगा और तू उनसे यह कहेगा, “स्वामी-प्रभु यों कहता है!” जो सुन सकता है, वह सुने! और जो सुनने से इन्कार करता है, वह न सुने; क्योंकि ये लोग विद्रोही कुल की सन्तान हैं।
इस अवधि में अनेक विश्वासी जन स्वयं को शुद्ध, निर्मल और उज्ज्वल कर लेंगे, किन्तु दुर्जन दुष्कर्म ही करते रहेंगे, और कोई भी दुष्कर्मी इन बातों को नहीं समझ पाएगा। पर जो समझदार हैं, वे ही इसको समझेंगे।
उन्हें रहने दो; वे अन्धों के अन्धे पथप्रदर्शक हैं। यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए तो दोनों ही गड्ढे में गिरेंगे।”
उन्होंने मार्ग के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखा। वह उसके पास आए। परन्तु उन्होंने उस में पत्तों को छोड़कर और कुछ नहीं पाया। येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और उसी क्षण अंजीर का वह पेड़ सूख गया।
वे तेल खरीदने गयी ही थीं कि दूल्हा आ पहुँचा। जो तैयार थीं, उन्होंने उसके साथ विवाह-भवन में प्रवेश किया और द्वार बन्द हो गया।
इससे तुम अपने स्वर्गिक पिता की सन्तान बन जाओगे; क्योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।
येशु ने लोगों से फिर कहा, “मैं जा रहा हूँ। तुम लोग मुझे ढूँढ़ोगे, किन्तु तुम अपने पाप में मर जाओगे। मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते।”
क्योंकि वह एक ऐसी कलीसिया अपने सामने उपस्थित करना चाहते थे जो महिमामय हो, जिस में न दाग हो, न झुर्री और न कोई दूसरा दोष, वरन् जो पवित्र और निष्कलंक हो।
किन्तु अब परमेश्वर ने अपने पुत्र के मानव शरीर में मृत्यु द्वारा आपके साथ मेल कर लिया है, जिससे वह आप को पवित्र, निर्दोष और अनिन्दनीय बना कर अपने सामने प्रस्तुत कर सके।
जो आप को पतन से सुरक्षित रखने में और आप को दोषरहित और आनन्दित बना कर अपनी महिमा में प्रस्तुत करने में समर्थ है,
आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी।
वहाँ कुछ भी नहीं रहेगा, जो अभिशाप के योग्य हो। वहाँ परमेश्वर और मेमने का सिंहासन होगा। उसके सेवक उसकी आराधना करेंगे।