याकूब ने पूछा, ‘कृपया, मुझे अपना नाम बता।’ उसने कहा, ‘तूने मेरा नाम क्यों पूछा?’ तत्पश्चात् उसने याकूब को आशीर्वाद दिया।
प्रकाशितवाक्य 19:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसकी आँखें अग्नि की तरह धधकती हैं और उसके सिर पर अनेक मुकुट हैं। उसके शरीर पर एक नाम अंकित है, जिसे उसके अतिरिक्त और कोई नहीं जानता। पवित्र बाइबल उसकी आँखें ऐसी थीं मानों अग्नि की लपट हो। उसके सिर पर बहुत से मुकुट थे। उस पर एक नाम लिखा था, जिसे उसके अतिरिक्त कोई और नहीं जानता। Hindi Holy Bible उस की आंखे आग की ज्वाला हैं: और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं; और उसका एक नाम लिखा है, जिस उस को छोड़ और कोई नहीं जानता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी आँखें आग की ज्वाला हैं, और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं। उस पर एक नाम लिखा है, जिसे उसको छोड़ और कोई नहीं जानता। नवीन हिंदी बाइबल उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान हैं, और उसके सिर पर बहुत से मुकुट हैं, और उस पर एक नाम लिखा है जिसे उसको छोड़ और कोई नहीं जानता, सरल हिन्दी बाइबल उसकी आंखें अग्नि की ज्वाला हैं, उसके सिर पर अनेक मुकुट हैं तथा उसके शरीर पर एक नाम लिखा है, जो उसके अलावा दूसरे किसी को मालूम नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसकी आँखें आग की ज्वाला हैं, और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं। और उसका एक नाम उस पर लिखा हुआ है, जिसे उसको छोड़ और कोई नहीं जानता। (प्रका. 19:16) |
याकूब ने पूछा, ‘कृपया, मुझे अपना नाम बता।’ उसने कहा, ‘तूने मेरा नाम क्यों पूछा?’ तत्पश्चात् उसने याकूब को आशीर्वाद दिया।
उस पर ध्यान देना। उसकी वाणी को सुनना। उससे विद्रोह मत करना। वह तेरे अपराधों को क्षमा नहीं करेगा; क्योंकि मेरा नाम उसमें है।
“कौन मनुष्य स्वर्ग में जाकर फिर पृथ्वी पर लौटा है? कौन आदमी अपनी मुट्ठी में हवा को पकड़ सका है? कौन व्यक्ति वस्त्र में महासागर को लपेट सका है? किसने पृथ्वी के सब सीमान्तों को स्थिर किया है? उसका नाम क्या है? उसके पुत्र का क्या नाम है? यदि तुम जानते हो तो बताओ।
‘ओ यरूशलेम की कन्याओ, अपने-अपने घर से बाहर निकलो। ओ सियोन की पुत्रियो, बाहर आकर राजा सुलेमान को देखो। वह उस मुकुट को पहिने हुए है, जो उसकी माता ने उसके विवाह के दिन उसके हृदय के आनन्द-दिवस पर उसको पहिनाया था।’
देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्तिमान ईश्वर’, ‘शाश्वत पिता’, ‘शान्ति का शासक’।
उसका शरीर स्वर्णमणि के सदृश चमक रहा है। उसका रूप विद्युत की चमक के समान है। उसकी आंखें ज्वाला उगलती हुई मशालों के समान है। उसकी भुजाएँ और पैर चमकते हुए पीतल के सदृश हैं। उसके शब्दों की आवाज भीड़ की आवाज के समान भारी है।
उस दिन उनका प्रभु परमेश्वर उन्हें बचाएगा; क्योंकि वे उसके निज लोग हैं, उसके रेवड़ की निज भेड़ें हैं। वे मुकुट के हीरों के सदृश उसके देश में चमकेंगे।
“मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। पुत्र को कोई नहीं जानता, पर केवल पिता; और न कोई पिता को जानता है, पर केवल पुत्र और वह, जिस पर पुत्र उसे प्रकट करना चाहे।
“सियोन नगरी से कहो : देख! तेरा राजा तेरे पास आ रहा है। वह विनम्र है। वह गदही पर और उसके बछेरू पर, वरन् लद्दू जानवर के बच्चे पर सवार है।”
मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है। कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, पर केवल पिता; और न कोई जानता है कि पिता कौन है, पर केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रकट करना चाहे।”
“अब मैं संसार में नहीं रहूँगा; परन्तु वे संसार में रहेंगे और मैं तेरे पास आ रहा हूँ। परमपावन पिता! अपने उस नाम में जो तूने मुझे दिया है उन्हें सुरक्षित रख, जिससे वे एक हों जैसे हम एक हैं।
जब तक मैं उनके साथ रहा, तेरे उस नाम में, जो तूने मुझे दिया है, मैंने उनकी रक्षा की। विनाश के पुत्र को छोड़कर उन में कोई भी नष्ट नहीं हुआ, जिससे धर्मग्रन्थ का लेख पूरा हो।
परमेश्वर ने उन्हें प्रत्येक आधिपत्य, अधिकार, शक्ति, प्रभुत्व एवं नामी पद से बहुत ऊपर स्थान दिया-चाहे ये इस युग के हों अथवा आने वाले युग के।
परन्तु हम यह देखते हैं कि येशु कुछ काल के लिए स्वर्गदूतों से छोटे बनाए गए थे, किन्तु मृत्यु की यन्त्रणा सहने के कारण येशु को महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया गया है। इस प्रकार वह परमेश्वर की कृपा से प्रत्येक मनुष्य के लिए मृत्यु का स्वाद चख सके।
तब आकाश में एक अन्य चिह्न दिखाई पड़ा: लाल रंग का एक बहुत बड़ा पंखदार सर्प। उसके सात सिर थे, दस सींग थे और हर एक सिर पर एक मुकुट था।
तब मैंने एक पशु को समुद्र में से ऊपर आते देखा। उसके दस सींग और सात सिर थे। उसके सींगों पर दस मुकुट थे और उसके प्रत्येक सिर पर एक ईशनिन्दक नाम अंकित था।
“यदि तुम विजय प्राप्त करोगे तो मैं तुम को अपने परमेश्वर के मन्दिर का स्तम्भ बनाऊंगा। वह फिर कभी उसके बाहर नहीं जायेगा। मैं अपने परमेश्वर का नाम, अपने परमेश्वर के नगर, उस नवीन यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के यहाँ से स्वर्ग से उतरने वाला है और अपना नया नाम भी उस पर अंकित करूँगा।
और मेरी आँखों के सामने एक सफ़ेद घोड़ा दिखाई पड़ा। जो उस पर सवार था, उसके हाथ में धनुष था। उसे एक मुकुट दिया गया और वह विजयी की तरह विजय-यात्रा के लिए निकल पड़ा।