प्रकाशितवाक्य 16:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने अपनी पीड़ाओं और फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निन्दा की, लेकिन उन्होंने अपने कर्मों के लिए पश्चात्ताप नहीं किया। पवित्र बाइबल अपनी-अपनी पीड़ाओं और छालों के कारण उन्होंने स्वर्ग के परमेश्वर की भर्त्सना तो की, किन्तु अपने कर्मो के लिए मन न फिराया। Hindi Holy Bible और अपनी पीड़ाओं और फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निन्दा की; और अपने अपने कामों से मन न फिराया॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और अपनी पीड़ाओं और फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निन्दा की; पर अपने अपने कामों से मन न फिराया। नवीन हिंदी बाइबल उन्होंने अपनी पीड़ाओं और अपने फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निंदा की, परंतु अपने कार्यों से पश्चात्ताप नहीं किया। सरल हिन्दी बाइबल पीड़ा और फोड़ों के कारण वे स्वर्ग के परमेश्वर को शाप देने लगे. उन्होंने अपने कुकर्मों से पश्चाताप करने से इनकार किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और अपनी पीड़ाओं और फोड़ों के कारण स्वर्ग के परमेश्वर की निन्दा की; पर अपने-अपने कामों से मन न फिराया। |
‘फारस देश के सम्राट कुस्रू का यह आदेश है: स्वर्ग के परमेश्वर, प्रभु ने पृथ्वी के समस्त राज्य मुझे प्रदान किए और मुझे यह आज्ञा दी कि मैं यहूदा प्रदेश के यरूशलेम नगर में उसके लिए एक भवन बनाऊं। उसके निज लोगों में से जो कोई भी तुम्हारे मध्य निवास कर रहे हैं, वे यरूशलेम नगर को जाएं। उनके साथ प्रभु परमेश्वर हो।’
‘फारस देश के सम्राट कुस्रू का यह आदेश है : स्वर्ग के परमेश्वर, प्रभु ने पृथ्वी के समस्त देश मुझे प्रदान किए और मुझे यह आज्ञा दी कि मैं यहूदा प्रदेश के यरूशलेम नगर में उसके लिए एक भवन बनाऊं।
ताकि पुरोहित नियमित रूप से स्वर्ग के परमेश्वर को सुगंधित बलि चढ़ा सकें, और मेरे तथा मेरे राजकुमारों के जीवन के लिए प्रार्थना कर सकें।
पत्र इस प्रकार था : ‘महाराजाधिराज अर्तक्षत्र का पत्र स्वर्ग के परमेश्वर की व्यवस्था के शास्त्री और पुरोहित एज्रा के नाम।
‘मैं−सम्राट अर्तक्षत्र−फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के सब खजांचियों को यह आदेश देता हूं : स्वर्ग के परमेश्वर की व्यवस्था के शास्त्री और पुरोहित एज्रा जो कुछ तुमसे मांगेंगे, वह पूर्णत: उन्हें दिया जाये।
इनके अतिरिक्त स्वर्ग के परमेश्वर ने अपने भवन की आवश्यकताओं के सम्बन्ध में जो भी आज्ञा दी है, वह स्वर्ग के परमेश्वर के भवन के लिए अवश्य पूर्णत: पूरी की जाए। ऐसा न हो कि उसका क्रोध सम्राट के राज्य और उसके राजपुत्रों पर भड़क उठे।
मैं यह शब्द सुनते ही भूमि पर बैठ गया, और रोने लगा। मैंने अपनी कौम के लिए अनेक दिन तक विलाप किया। मैं स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास और प्रार्थना करता रहा।
सम्राट ने मुझ से कहा, ‘तुम क्या चाहते हो?’ मैंने मन ही मन स्वर्गिक परमेश्वर से प्रार्थना की।
उन राजाओं के राज्य-काल में स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न नष्ट होगा और न उसकी राज्य-सत्ता किसी दूसरी कौम के हाथ में सौंपी जाएगी। यह राज्य सब राज्यों का अंत कर देगा, उनको मिटा डालेगा; पर वह स्वयं सदा-सर्वदा सुदृढ़ बना रहेगा।
तब योना ने उन्हें यह बताया, ‘मैं यहूदीहूँ। मैं समुद्र और भूमि के बनानेवाले स्वर्गिक प्रभु परमेश्वर का आराधक हूँ।’
उसी समय भारी भूकम्प हुआ और नगर का दसवाँ भाग मिट्टी में मिल गया। सात हजार लोग भूकम्प में मर गये और जो बच गये, उन्होंने भयभीत हो कर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति की।
पहला स्वर्गदूत गया और उसने पृथ्वी पर अपना प्याला उँडेल दिया। जिन लोगों पर पशु की छाप लगी थी और जो उसकी प्रतिमा की आराधना करते थे, उनके शरीर पर घृणित और दु:खदायी फोड़े निकल आये।
आकाश से मन-मन भर के बड़े ओले मनुष्यों पर गिरे। ओला-वृष्टि की विपत्ति के कारण मनुष्यों ने परमेश्वर की निन्दा की, क्योंकि वह विपत्ति बहुत भारी थी।
मनुष्य प्रचण्ड ताप से जल गये। उन्होंने उन विपत्तियों पर अधिकार रखने वाले परमेश्वर के नाम की निन्दा की, लेकिन उन्होंने पश्चात्ताप नहीं किया और परमेश्वर की स्तुति करना नहीं चाहा।
मैंने उसे पश्चात्ताप करने का समय दिया, किन्तु वह अपने व्यभिचार के लिए पश्चात्ताप करना नहीं चाहती।