फसल पक गई, उसको हंसिए से काटो। आओ, अंगूर का रस निकालने के लिए उनको रौंदो। अंगूर-कुण्ड मुंह तक भरे हैं। रस के मटके लबालब भरे हैं। उनके पाप के घड़े भी भर चुके हैं।’
प्रकाशितवाक्य 14:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक और स्वर्गदूत ने, जिसे अग्नि पर अधिकार था, वेदी पर से आ कर ऊंचे स्वर से उस स्वर्गदूत से कहा, जो पैना हँसिया लिये था, “अपना पैना हँसिया चला कर पृथ्वी की दाखबारी के गुच्छे बटोर लीजिए, क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।” पवित्र बाइबल तभी वेदी से एक और स्वर्गदूत आया। अग्नि पर उसका अधिकार था। उस स्वर्गदूत से ऊँचे स्वर में कहा, “अपने तेज हँसिये का प्रयोग कर और धरती की बेल से अंगूर के गुच्छे उतार ले क्योंकि इसके अंगूर पक चुके हैं।” Hindi Holy Bible फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगा कर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर एक और स्वर्गदूत, जिसे आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिसके पास चोखा हँसुआ था उससे ऊँचे शब्द से कहा, “अपना चोखा हँसुआ लगाकर पृथ्वी की दाखलता के गुच्छे काट ले, क्योंकि उसकी दाख पक चुकी है।” नवीन हिंदी बाइबल तब एक और स्वर्गदूत वेदी में से निकला, जिसके पास आग पर अधिकार था। वह उससे जिसके पास तेज़ धारवाला हँसिया था, ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहने लगा, “अपना तेज़ धारवाला हँसिया चला और पृथ्वी के अंगूर के गुच्छों को एकत्रित कर, क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।” सरल हिन्दी बाइबल तब एक अन्य स्वर्गदूत, जिसे आग पर अधिकार था, वेदी से बाहर निकला तथा उस स्वर्गदूत से, जिसके हाथ में पैना हसिया था, ऊंचे शब्द में कहने लगा. “अपना हसिया चला कर पृथ्वी की पूरी दाख की फसल के गुच्छे इकट्ठा करो क्योंकि दाख पक चुकी है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर एक और स्वर्गदूत, जिसे आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिसके पास उत्तम हँसुआ था, उससे ऊँचे शब्द से कहा, “अपना उत्तम हँसुआ लगाकर पृथ्वी की दाखलता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उसकी दाख पक चुकी है।” |
फसल पक गई, उसको हंसिए से काटो। आओ, अंगूर का रस निकालने के लिए उनको रौंदो। अंगूर-कुण्ड मुंह तक भरे हैं। रस के मटके लबालब भरे हैं। उनके पाप के घड़े भी भर चुके हैं।’
और मैंने वेदी को यह कहते सुना, “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर! तेरे निर्णय वास्तव में सच्चे और न्यायसंगत हैं।”
चौथे स्वर्गदूत ने सूर्य पर अपना प्याला उँडेला। सूर्य को मनुष्यों को आग से जलाने की अनुमति मिली।
तब तक दूसरा स्वर्गदूत, सोने का धूपदान लिये आया, और वेदी के सामने खड़ा हो गया। उसे बहुत-सा धूप दिया गया, जिससे वह उसे सब सन्तों की प्रार्थनाओं के साथ सिंहासन के सामनेवाली स्वर्ण वेदी पर चढ़ाये।