अब्राम ने प्रभु पर विश्वास किया, और प्रभु ने अब्राम के इस विश्वास को उनकी धार्मिकता माना।
प्रकाशितवाक्य 14:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक अन्य स्वर्गदूत मन्दिर से निकला और ऊंचे स्वर से पुकारते हुए बादल पर बैठनेवाले से बोला, “अपना हँसिया चला कर लुनिए, क्योंकि कटनी का समय आ गया है और पृथ्वी की फ़सल पक चुकी है।” पवित्र बाइबल तभी मन्दिर में से एक और स्वर्गदूत बाहर निकला। उसने जो बादल पर बैठा था, उससे ऊँचे स्वर में कहा, “हँसिया चला और फसल इकट्ठी कर क्योंकि फसल काटने का समय आ पहुँचा है। धरती की फसल पक चुकी है।” Hindi Holy Bible फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकल कर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकार कर कहा, कि अपना हंसुआ लगा कर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर उससे, जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “अपना हँसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पहुँचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।” नवीन हिंदी बाइबल फिर मंदिर में से एक और स्वर्गदूत निकला, और उससे जो बादल पर बैठा था ऊँची आवाज़ में पुकारकर कहने लगा, “अपना हँसिया चला, और फसल काट, क्योंकि कटनी का समय आ पहुँचा है और पृथ्वी की फसल पक चुकी है।” सरल हिन्दी बाइबल एक दूसरा स्वर्गदूत मंदिर से बाहर निकला और उससे, जो बादल पर बैठा था, ऊंचे शब्द में कहने लगा. “अपना हसिया चला कर फसल काटिए, कटनी का समय आ पहुंचा है क्योंकि पृथ्वी की फसल पक चुकी है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उससे जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “अपना हँसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पहुँचा है, इसलिए कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।” |
अब्राम ने प्रभु पर विश्वास किया, और प्रभु ने अब्राम के इस विश्वास को उनकी धार्मिकता माना।
मैं सियोन के विषय में अब चुप नहीं रहूंगा, मैं यरूशलेम के कारण चैन न लूंगा, जब तक उसकी धार्मिकता प्रकाश के सदृश न चमकने लगे, जब तक उसका उद्धार मशाल की तरह न जलने लगे।
इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : बेबीलोन के निवासियों की दशा, उस खलियान के समान हो गई है, जो दांवा जा रहा है; कुछ दिन बाद ही कटनी का समय आ जाएगा।’ इस्राएली राष्ट्र पर बेबीलोन का अत्याचार
फसल पक गई, उसको हंसिए से काटो। आओ, अंगूर का रस निकालने के लिए उनको रौंदो। अंगूर-कुण्ड मुंह तक भरे हैं। रस के मटके लबालब भरे हैं। उनके पाप के घड़े भी भर चुके हैं।’
कटनी के समय मैं लुनने वालों से कहूँगा − पहले जंगली बीज के पौधे एकत्र कर लो और जलाने के लिए इनके गट्ठे बाँधो। तब गेहूँ मेरे बखार में जमा करो।’ ”
क्योंकि वे गैर-यहूदियों को मुक्ति का सन्देश सुनाने से हमें रोकना चाहते हैं और इस प्रकार वे अपने पापों का घड़ा निरन्तर भरते जाते हैं और अब परमेश्वर का क्रोध उनके सिर पर आ पड़ा है।
तब स्वर्ग में परमेश्वर का मन्दिर खुल गया और मन्दिर में परमेश्वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए, भूकम्प हुआ और भारी ओला-वृष्टि हुई।
वह पहले पशु के निरीक्षण में से उसके समस्त अधिकार का उपयोग करता है। वह पृथ्वी और उसके निवासियों द्वारा पहले पशु की, जिसका सांघातिक घाव अच्छा हो गया है, पूजा करवाता है।
मैंने देखा कि एक उजला बादल दिखाई पड़ रहा है। उस पर मानव पुत्र-जैसा कोई बैठा हुआ है। उसके सिर पर सोने का मुकुट है और हाथ में एक पैना हँसिया।
एक और स्वर्गदूत ने, जिसे अग्नि पर अधिकार था, वेदी पर से आ कर ऊंचे स्वर से उस स्वर्गदूत से कहा, जो पैना हँसिया लिये था, “अपना पैना हँसिया चला कर पृथ्वी की दाखबारी के गुच्छे बटोर लीजिए, क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।”
उस मन्दिर में से सात विपत्तियाँ लिये सात स्वर्गदूत निकले। वे स्वच्छ और उज्ज्वल छालटी पहने थे और उनके वक्षस्थल पर स्वर्ण मेखलाएँ बाँधी हुई थीं।
सातवें स्वर्गदूत ने हवा पर अपना प्याला उँडेला और मन्दिर के सिंहासन में से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “समाप्त हो गया है”।
वे ऊंचे स्वर में यह कहते हुए पुकार रहे थे : “परमपावन एवं सत्यप्रतिज्ञ स्वामी! आप न्याय करने में और पृथ्वी के निवासियों को हमारे रक्त का बदला चुकाने में कब तक देर करेंगे?”