वे यह कहते हैं, “हम अपनी जिह्वा के बल पर प्रबल होंगे; हमारे ओंठ हमारे वश में हैं; हमारा स्वामी कौन है?”
न्यायियों 21:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। हर एक व्यक्ति वही कार्य करता था जो उसकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था। पवित्र बाइबल उन दिनों इस्राएल के लोगों का कोई राजा नहीं था। हर एक व्यक्ति वही करता था, जिसे वह ठीक समझता था। Hindi Holy Bible उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था; जिस को जो ठीक सूझ पड़ता था वही वह करता था॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था; जिसको जो ठीक जान पड़ता था वही वह करता था। सरल हिन्दी बाइबल उन दिनों इस्राएल देश में राजा नहीं होता था. हर एक व्यक्ति वही करता था, जो उसे सही लगता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था; जिसको जो ठीक जान पड़ता था वही वह करता था। |
वे यह कहते हैं, “हम अपनी जिह्वा के बल पर प्रबल होंगे; हमारे ओंठ हमारे वश में हैं; हमारा स्वामी कौन है?”
एक ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को उचित प्रतीत होता है; किन्तु वह पथिक को मृत्यु के द्वार पर पहुंचाता है।
ओ जवान, अपनी जवानी भर आनन्द मना, अपनी जवानी के दिनों में अपना हृदय आनन्द से भर ले। जिस मार्ग पर तेरा दिल तुझे ले जाए, जो मार्ग तेरी आंखों में उचित लगे, उस पर चल। किन्तु यह बात जान ले, तेरे सब कामों के विषय में स्पष्टीकरण के लिए परमेश्वर तुझे कटघरे में खड़ा करेगा।
हम-सब भटकी हुई भेड़ों के सदृश थे; प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने मार्ग पर चल रहा था। परन्तु प्रभु ने हमारे सब दुष्कर्मों का बोझ उस पर लाद दिया।
‘जो आराधक बलि चढ़ाने के लिए बैल का वध करता है, वह मानो मनुष्य की हत्या करता है; जो आराधक मेमने की बलि करता है वह मानो कुत्ते की गरदन तोड़ता है; जो आराधक अन्न-बलि चढ़ाता है, वह मानो सूअर का रक्त अर्पित करता है; जो आराधक ‘स्मृति-बलि’ में लोबान जलाता है वह मानो मूर्ति की पूजा करता है। ऐसे आराधक आराधना की अपनी ही पद्धति चुनते हैं, उनके प्राण ऐसी ही घृणित आराधना से प्रसन्न होते हैं।
‘जैसा आज हम कार्य कर रहे हैं, वैसा तुम मत करना : प्रत्येक व्यक्ति वही कार्य कर रहा है, जो उसकी दृष्टि में उचित है।
उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा नहीं थी। हर एक व्यक्ति वही कार्य करता था, जो उसकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
उन दिनों में इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। उन्हीं दिनों में दान-कुल के लोग निवास के लिए भूमि की खोज में थे; क्योंकि अब तक उन्हें इस्राएली कुलों के मध्य पैतृक अधिकार के लिए भूमि प्राप्त नहीं हुई थी।
अत: वे पाँच पुरुष चले गए। वे लइश नगर में आए। उन्होंने उसमें रहने वाले लोगों को देखा कि वे सीदोनी जाति के समान निश्चिन्तता से निवास करते हैं। वे शान्तिपूर्वक तथा निश्चिन्त ढंग से रहते हैं। उन्हें पृथ्वी की किसी भी वस्तु का अभाव नहीं है। वे सीदोन देश से दूर रहते हैं। सीरिया देश से भी उनका सम्बन्ध नहीं है।
यह उन दिनों की बात है जब इस्राएली समाज में राजा की प्रथा न थी। लेवी कुल का एक मनुष्य था। वह एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश से सुदूर क्षेत्र में प्रवास करता था। उसने यहूदा प्रदेश के बेतलेहम नगर की एक स्त्री को रखेल के रूप में रख लिया था।
उसी समय इस्राएली लोग भी वहाँ से अपने-अपने कुल और गोत्र को चले गए। प्रत्येक कुल शिलोह से अपने पैतृक भूमि-क्षेत्र को लौट गया।