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न्यायियों 21:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इस्राएली पुरुषों ने मिस्‍पाह में यह शपथ खाई : ‘हममें से कोई भी पिता अपनी पुत्री का विवाह बिन्‍यामिन कुल में नहीं करेगा।’

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पवित्र बाइबल

मिस्पा में इस्राएल के लोगों ने प्रतिज्ञा की। उनकी प्रतिज्ञा यह थी, “हम लोगों में से कोई अपनी पुत्री को बिन्यामीन के परिवार समूह के किसी व्यक्ति से विवाह नहीं करने देगा।”

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Hindi Holy Bible

इस्राएली पुरूषों ने तो मिस्पा में शपथ खाकर कहा था, कि हम में कोई अपनी बेटी किसी बिन्यामीनी को न ब्याह देगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस्राएली पुरुषों ने मिस्पा में शपथ खाकर कहा था, “हम में से कोई अपनी बेटी का किसी बिन्यामीनी से विवाह नहीं करेगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

इस्राएल वंशजों ने मिज़पाह में यह संकल्प लिया था, “हममें से कोई भी अपनी पुत्री बिन्यामिन वंशज को विवाह में नहीं देगा.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस्राएली पुरुषों ने मिस्पा में शपथ खाकर कहा था, “हम में कोई अपनी बेटी का किसी बिन्यामीनी से विवाह नहीं करेगा।”

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न्यायियों 21:1
19 क्रॉस रेफरेंस  

अपने मुंह से कोई बात जल्‍दी मत निकालो, और न उतावली में अपने हृदय की बात परमेश्‍वर के सम्‍मुख प्रकट करो, क्‍योंकि परमेश्‍वर तो स्‍वर्ग में है, और तुम पृथ्‍वी पर। अत: तुम्‍हारे शब्‍द थोड़े ही हों।


यदि तू सच्‍चाई, न्‍याय और निष्‍कपट हृदय से जीवंत प्रभु की शपथ खाए, तो विश्‍व के राष्‍ट्र तेरे कारण मुझसे आशिष पाएंगे; वे तेरे माध्‍यम से मेरी महिमा करेंगे।’


यिर्मयाह गदल्‍याह बेन-अहीकाम के पास मिस्‍पाह नगर में आए, और उसके साथ अपने लोगों के मध्‍य रहने लगे। ये लोग यहूदा प्रदेश में बच गए थे।


और उसने बार-बार शपथ खा कर कहा, “जो भी माँगो, चाहे मेरा आधा राज्‍य ही क्‍यों न हो, मैं तुम्‍हें दे दूँगा।”


दिन होने पर कुछ यहूदियों ने मिलकर षड्‍यन्त्र रचा और उन्‍होंने यह शपथ ली कि वे तब तक न तो खायेंगे और न पियेंगे, जब तक वे पौलुस का वध न कर दें।


मैं उनके विषय में यह साक्षी दे सकता हूँ कि उन में परमेश्‍वर के प्रति उत्‍साह है, किन्‍तु यह उत्‍साह विवेकपूर्ण नहीं है।


अत: दान प्रदेश से बएर-शेबा तक तथा गिलआद प्रदेश में रहनेवाले सब इस्राएली युद्ध के लिए बाहर निकले। समस्‍त इस्राएली मंडली संगठित होकर प्रभु के सम्‍मुख मिस्‍पाह में एकत्र हुई।


हम प्रत्‍येक इस्राएली कुल के सौ पुरुषों में से दस, हजार में से सौ, और दस हजार में से एक हजार पुरुष चुनेंगे। ये सेना की भोजन-व्‍यवस्‍था करेंगे। ये उन लोगों के लिए भोजन लाएँगे जो बिन्‍यामिन प्रदेश के गिबआह में जाकर उसके नागरिकों को उनके मूर्खतापूर्ण कार्य का बदला देंगे, जो उन्‍होंने इस्राएली समाज में किया है।’


तब इस्राएली बिन्‍यामिनियों का पीछा करना छोड़ कर उनके नगरों की ओर लौटे। उन्‍होंने नगर में रहनेवाले सब पुरुषों और पशुओं का, और जो कुछ भी उन्‍हें मिला, उन सब का तलवार से संहार कर दिया। जो-जो नगर उन्‍हें मिला उसमें उन्‍होंने आग लगा दी।


तब सब लोग खड़े हो गए। उन्‍होंने सर्वसम्‍मति से कहा, ‘हममें से कोई भी व्यक्‍ति अपने तम्‍बू में नहीं जाएगा, और न अपने घर को लौटेगा।


हम अपनी पुत्रियों का विवाह उनके साथ नहीं कर सकते हैं।’ इस्राएलियों ने यह शपथ खाई थी, ‘अपनी पुत्री का विवाह बिन्‍यामिनी पुरुष के साथ करनेवाला व्यक्‍ति अभिशप्‍त है!’


यदि उन कन्‍याओं के पिता अथवा भाई हमसे शिकायत करने आएँगे तो हम उनसे यह कहेंगे, “हम पर कृपा कीजिए, और कन्‍याएँ उन्‍हें दे दीजिए। हमने युद्ध में प्रत्‍येक बिन्‍यामिनी पुरुष के लिए स्‍त्री नहीं ली थी। आप लोगों ने भी उन्‍हें ये कन्‍याएँ नहीं दी थीं। यदि आप ऐसा करते तो अपनी शपथ भी तोड़ते और दोषी ठहरते।” ’


उन्‍होंने पूछा, ‘इस्राएली कुलों में से कौन कुल यहाँ प्रभु के पास धर्मसभा में नहीं आया है?’ अभिशाप की यह महाशपथ घोषित की गई थी कि जो कुल प्रभु के पास मिस्‍पाह में नहीं आएगा, उसे निश्‍चय ही मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा।


इसके अतिरिक्‍त हमने प्रभु की शपथ खाई है कि हम अपनी पुत्रियों का विवाह बिन्‍यामिनियों से नहीं करेंगे। अब हम क्‍या करें? जो बिन्‍यामिनी पुरुष बच गए हैं, उनके लिए स्‍त्रियाँ कैसे प्राप्‍त करें?’


शाऊल ने उस दिन उतावली में एक मन्नत मानी। उसने अपने सैनिकों को एक महाशपथ दी। उसने कहा, ‘सन्‍ध्‍या के पूर्व, तथा जब तक मैं अपने शत्रुओं से बदला न ले लूँ, उसके पहले भोजन करने वाला व्यक्‍ति अभिशप्‍त होगा।’ अत: किसी भी सैनिक ने मुँह में दाना भी नहीं डाला।