न्यायियों 20:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब सब इस्राएली लोग, समस्त सेना बेत-एल गई। वे प्रभु के सम्मुख आए। वे वहाँ प्रभु के सम्मुख बैठ गए। वे रोए। उन्होंने सन्ध्या समय तक उपवास किया, और प्रभु के सम्मुख अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि अर्पित की। पवित्र बाइबल तब इस्राएल के सभी लोग बेतेल नगर तक गए। उस स्थान पर वे बैठे और यहोवा को रोकर पुकारा। उन्होंने पूरे दिन शाम तक कुछ नहीं खाया। वे होमबलि और मेलबलि भी यहोवा के लिये लाए। Hindi Holy Bible तब सब इस्राएली, वरन सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के साम्हने बैठे रहे, और उस दिन सांझ तक उपवास किए रहे, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सब इस्राएली, वरन् सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के सामने बैठे रहे, और उस दिन साँझ तक उपवास किया, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये इस्राएल वंशज और सभी प्रजा के लोग बेथेल गए और वहां जाकर रोते रहे. वे सारे दिन शाम तक याहवेह के सामने भूखे रहे. वहां उन्होंने याहवेह को होमबलि और मेल बलि भेंट की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सब इस्राएली, वरन् सब लोग बेतेल को गए; और रोते हुए यहोवा के सामने बैठे रहे, और उस दिन साँझ तक उपवास किया, और यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाए। |
अभी दिन का समय था। लोग दाऊद को भोजन कराने के लिए आए। परन्तु दाऊद ने यह शपथ खाई, ‘यदि मैं सूर्यास्त के पहले भोजन अथवा अन्य वस्तु खाऊं तो परमेश्वर मेरे साथ अपनी इच्छा के अनुसार कठोर व्यवहार करे।’
यह खबर सुनकर यहोशाफट डर गया, और उसने प्रभु की इच्छा जानने का प्रयत्न किया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश में सामूहिक उपवास की घोषणा कर दी।
तब मैंने अहवा नदी के तट पर सामूहिक उपवास की घोषणा की ताकि हम परमेश्वर के सम्मुख विनम्र बनें, और उससे स्वयं की, अपने बच्चों की तथा सम्पत्ति की रक्षा के लिए निर्विघ्न यात्रा की मांग करें।
यहूदा प्रदेश के राजा यहोयाकीम बेन-योशियाह के राज्य-काल के पांचवें वर्ष के नौवें महीने में उपवास दिवस था। यहूदा प्रदेश के नगरों से लोग यरूशलेम नगर में आए थे। इन लोगों ने तथा यरूशलेम के रहनेवालों ने प्रभु के सम्मुख घोषणा की कि वे सामूहिक रूप से उपवास करेंगे।
उपवास का दिन घोषित करो, धर्म-महासभा की बैठक बुलाओ। प्रभु परमेश्वर के भवन में धर्मवृद्धों और देशवासियों को एकत्र करो। सब प्रभु की दुहाई दें।
यहोशुअ ने शकेम नगर में इस्राएली कुलों के सब लोगों को एकत्र किया। उसने इस्राएलियों के धर्मवृद्धों, मुखियों, शासकों और शास्त्रियों को बुलाया। वे परमेश्वर के सम्मुख प्रस्तुत हुए।
यहोशुअ ने पराजय का शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े। वह सन्ध्या होने तक प्रभु की मंजूषा के सम्मुख भूमि पर औंधे मुंह पड़ा रहा। ऐसा ही इस्राएलियों के धर्मवृद्धों ने भी किया। उन्होंने दु:ख प्रकट करने के लिए अपने सिर पर धूल डाली।
इस्राएली उठे, और वे बेत-एल गए। उन्होंने परमेश्वर से पूछा, ‘हममें से किस कुल को सर्वप्रथम बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए?’ प्रभु ने कहा, ‘यहूदा कुल सर्वप्रथम जाएगा।’
इस्राएली प्रभु के पास गए। वे सन्ध्या समय तक उसके सम्मुख रोते रहे। उन्होंने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ?’ प्रभु ने कहा, ‘उन पर चढ़ाई करो।’
बिन्यामिनी सैनिक उनका सामना करने के लिए गिबआह नगर से बाहर निकले। उन्होंने दूसरे दिन भी इस्राएलियों के अठारह हजार सैनिकों को धराशायी कर दिया। ये धराशायी पुरुष तलवार चलानेवाले सैनिक थे।
तत्पश्चात् वे बेत-एल में आए। वे वहाँ परमेश्वर के सम्मुख सन्ध्या समय तक बैठे रहे। वे उच्च स्वर में फूट-फूट कर रोए।
वे दूसरे दिन सबेरे उठे। उन्होंने वहाँ एक वेदी बनाई, और अग्नि-बलि तथा सहभागिता-बलि चढ़ाई।
दूत शाऊल के नगर, गिबआह में आए। उन्होंने लोगों को यह समाचार सुनाया। लोग चिल्ला-चिल्लाकर रोने लगे।
अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।