दाऊद ने दूत से कहा, ‘तुम योआब से यह कहना, “तुम इस बात के कारण चिन्तित मत हो, क्योंकि तलवार कभी एक का वध करती है, कभी दूसरे का। नई शक्ति से नगर पर हमला करो, और उसको खंडहर बना दो।” इस प्रकार सेनापति का उत्साह बढ़ाना।’
न्यायियों 20:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु इस्राएलियों ने पुन: साहस किया। उन्होंने उसी स्थान पर युद्ध की व्यूह-रचना की, जहाँ पहले दिन की थी। पवित्र बाइबल इस्राएल के लोग यहोवा के सामने गए। वे शाम तक रोकर चिल्लाते रहे। उन्होंने यहोवा से पूछा, “क्या हमें बिन्यामीन के विरुद्ध लड़ने जाना चाहिए? वे लोग हमारे सम्बन्धी हैं।” यहोवा ने उत्तर दिया, “जाओ और उनके विरुद्ध लड़ो। इस्राएल के लोगों ने एक दूसरे का साहस बढ़ाया। इसलिए वे पहले दिन की तरह फिर लड़ने गए।” Hindi Holy Bible तौभी इस्राएली पुरूष लोगों ने हियाव बान्धकर उसी स्थान में जहां उन्होंने पहिले दिन पांति बान्धी थी, फिर पांती बान्धी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तौभी इस्राएली पुरुषों ने साहस कर के उसी स्थान में जहाँ उन्होंने पहले दिन पाँति बाँधी थी, फिर पाँति बाँधी। सरल हिन्दी बाइबल किंतु इस्राएल के सैनिकों ने अपना मनोबल बनाए रखते हुए दूसरे दिन भी उसी स्थान पर मोर्चा लिया, जहां पहले दिन लिया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो भी इस्राएली पुरुषों ने हियाव बाँधकर के उसी स्थान में जहाँ उन्होंने पहले दिन पाँति बाँधी थी, फिर पाँति बाँधी |
दाऊद ने दूत से कहा, ‘तुम योआब से यह कहना, “तुम इस बात के कारण चिन्तित मत हो, क्योंकि तलवार कभी एक का वध करती है, कभी दूसरे का। नई शक्ति से नगर पर हमला करो, और उसको खंडहर बना दो।” इस प्रकार सेनापति का उत्साह बढ़ाना।’
वे दुष्प्रयोजन को पूर्ण करने का साहस करते हैं। वे जाल बिछाने के लिए छिपकर वार्तालाप करते हैं, वे यह कहते हैं, “हमें कौन देख सकता है?”
उस दिन उन्होंने भिन्न-भिन्न नगरों से आए हुए बिन्यामिन कुल के लोगों की हाजिरी ली तो वे सब तलवार चलानेवाले छब्बीस हजार सैनिक निकले। इनके अतिरिक्त गिबआह नगर के निवासी भी थे।
इस्राएलियों ने भी बिन्यामिनियों को छोड़कर अपने सैनिकों की हाजिरी ली। वे सब तलवार चलानेवाले चार लाख सैनिक निकले। ये सब अनुभवी सैनिक थे।
बिन्यामिनी सैनिक युद्ध के लिए गिबआह नगर से बाहर निकले। उन्होंने उसी दिन इस्राएलियों के बाईस हजार सैनिकों को धराशायी कर दिया।
इस्राएली प्रभु के पास गए। वे सन्ध्या समय तक उसके सम्मुख रोते रहे। उन्होंने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ?’ प्रभु ने कहा, ‘उन पर चढ़ाई करो।’
दाऊद अत्यन्त संकट में था। उसके लोग उसे पत्थरों से मार डालने का विचार कर रहे थे। उनके हृदय में कटुता उत्पन्न हो गई थी; क्योंकि प्रत्येक सैनिक का पुत्र अथवा पुत्री बन्दी बना ली गई थी। दाऊद ने प्रभु परमेश्वर से साहस प्राप्त किया।