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न्यायियों 2:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु उस शासक की मृत्‍यु के बाद इस्राएली प्रभु से विमुख हो जाते थे। वे अपने पूर्वजों की अपेक्षा अधिक बुरा व्‍यवहार करते थे। वे अन्‍य जातियों के देवताओं का अनुसरण करते थे। उनकी पूजा-आराधना करते थे। वे झुककर उनकी वंदना करते थे। उन्‍होंने अपनी बुरी प्रथाओं का, पूर्वजों के हठधर्म के मार्ग का, त्‍याग नहीं किया।

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पवित्र बाइबल

किन्तु जब हर एक न्यायाधीश मर गया, तब इस्राएल के लोगों ने फिर पाप किया और असत्य देवताओं की पूजा आरम्भ की। इस्राएल के लोग बहुत हठी थे, उन्होंने अपने पाप के व्यवहार को बदलने से इन्कार कर दिया।

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Hindi Holy Bible

परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत् करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

मगर होता यह था, कि जब उस प्रशासक की मृत्यु होती थी, वे पराए देवताओं का अनुसरण करने के द्वारा, उनकी उपासना करने के द्वारा तथा उनके सामने झुककर नमन करने के द्वारा अपने पुरखों से कहीं अधिक बुराई करने में लौट जाते थे. न तो उन्होंने अपने इन बुरे कामों को छोड़ा, न ही अपने हठीले स्वभाव को.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराए देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत् करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।

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न्यायियों 2:19
20 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर की दृष्‍टि में पृथ्‍वी भ्रष्‍ट हो गई थी। वह हिंसा से भर गई थी।


जब उनको बाहरी शत्रु से चैन मिलता था, वे तेरे प्रति फिर दुष्‍कर्म करते थे; इसलिए तू उनको उनके शत्रुओं के हाथ में छोड़ देता था कि उनके शत्रु उन पर शासन करें। पर जब वे तेरी ओर लौटते, और तेरी दुहाई देते थे तब तू स्‍वर्ग से उनकी दुहाई सुनता था; अनेक बार तूने अपने दयामय स्‍वभाव के कारण उनके शत्रुओं के हाथ से उन्‍हें मुक्‍त किया था।


और अपने पूर्वजों जैसे, हठीली और विद्रोही पीढ़ी न बनें; ऐसी पीढ़ी जिसका हृदय स्‍थिर न था, जिसकी आत्‍मा परमेश्‍वर के प्रति सच्‍ची न थी।


प्रभु मूसा से बोला, ‘जा, नीचे उतर जा! तेरे लोग, जिन्‍हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, भ्रष्‍ट हो गए हैं।


किन्‍तु तुमने तो अपने पूर्वजों को भी पीछे छोड़ दिया; क्‍योंकि देखो, तुममें से प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने हठीले हृदय के अनुसार दुराचरण करता है, और मेरे वचन को सुनने से इन्‍कार करता है।


ये मुझ-प्रभु के वचन से घृणा करनेवालों से निरंतर कहते रहते हैं: “मत घबराओ! तुम्‍हारा भला होगा।” जो आदमी अपने हठी हृदय के अनुसार आचरण करता है, उससे ये कहते हैं, “मत डर, तेरा अनिष्‍ट नहीं होगा।” ’


‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्‍व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्‍थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।


इसलिए, ओ मानव-पुत्र, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : जैसे तुम्‍हारे पूर्वजों ने मूर्तिपूजा कर के स्‍वयं को अशुद्ध किया था, वैसे ही क्या तुम स्वयं को अशद्ध करोगे? क्‍या तुम भी अपने पूर्वजों की घृणित मूर्तियों का अनुसरण करोगे, और पथ-भ्रष्‍ट होगे?


तो, अपने पूर्वजों की कसर पूरी कर लो।


मैं जानता हूँ, तुम मेरी मृत्‍यु के पश्‍चात् निश्‍चय ही भ्रष्‍ट हो जाओगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्‍हें आदेश दिया है, उससे भटक जाओगे। आगामी दिनों में तुम पर बुराई का आक्रमण होगा। तुम वही कार्य करोगे, जो प्रभु की दृष्‍टि में बुरा है। इस प्रकार तुम अपने व्‍यवहार से उसको चिढ़ाओगे।’


जब तक यहोशुअ जीवित रहा, इस्राएली लोग प्रभु की आराधना करते रहे। वे उसकी मृत्‍यु के पश्‍चात् भी प्रभु की आराधना करते रहे। उस समय तक इस्राएली धर्मवृद्ध जीवित थे। उन्‍हें उन सब आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों की स्‍मृति थी जो प्रभु ने इस्राएली समाज के लिए किए थे।


फिर भी तुमने मुझे त्‍याग कर अन्‍य देवताओं की पूजा की। इसलिए अब मैं तुम्‍हें फिर मुक्‍त नहीं करूँगा।


जब प्रभु इस्राएलियों के लिए शासक नियुक्‍त करता था तब प्रभु उस शासक के साथ रहता था। प्रभु शासक के जीवनभर इस्राएलियों को उनके शत्रुओं के हाथ से मुक्‍त रखता था। जब वे अत्‍याचारी के अत्‍याचार तथा शत्रुओं के दबाव के कारण कराहते थे, तब प्रभु दया से द्रवित हो जाता था।


अत: प्रभु का क्रोध इस्राएलियों के प्रति भड़क उठा। उसने कहा, ‘जिस विधान का पालन करने के लिए मैंने इस राष्‍ट्र के पूर्वजों को आदेश दिया था, मेरे उस विधान को उन्‍होंने भंग किया है। इन्‍होंने मेरी वाणी नहीं सुनी।


इस्राएली लोग यहोशुअ के जीवनभर, तथा उसके पश्‍चात् धर्मवृद्धों के जीवनभर, प्रभु की सेवा करते रहे। इन धर्मवृद्धों ने प्रभु के उन सब महान् कार्यों को देखा था, जो प्रभु ने इस्राएलियों के हितार्थ किए थे।


इस्राएलियों ने एहूद की मृत्‍यु के बाद पुन: वही कार्य किया, जो प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था।


गिद्ओन की मृत्‍यु के पश्‍चात् इस्राएली लोग पुन: भटक गए। वे लौटकर बअल देवता का अनुसरण करने लगे और यों प्रभु के प्रति वेश्‍या के सदृश विश्‍वासघात करने लगे। उन्‍होंने बअल-बरीत को अपना ईश्‍वर स्‍वीकार कर लिया।


विद्रोह करना सगुन विचारने के तुल्‍य पाप करना है। हठधर्मी होना मूर्ति-पूजा के सदृश कुकर्म करना है। तूने प्रभु के वचन को सुनने से इन्‍कार किया, अत: प्रभु भी तुझे राजा मानने से इन्‍कार करता है।’