तुम देवी-देवताओं की सोना-चांदी से मढ़ी हुई मूर्तियां अशुद्ध करोगे, और उन्हें कचरे की तरह फेंक दोगे। तुम उनसे यह कहोगे, “हटो यहां से।”
न्यायियों 17:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मीकाह ने चांदी के सिक्के अपनी माँ को लौटाए तब उसकी माँ ने उनमें से चांदी के दो सौ सिक्के सुनार को दे दिए। सुनार ने उनसे एक मूर्ति, चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा, बनाई। यह मूर्ति मीकाह के घर में रखी गई। पवित्र बाइबल लेकिन मीका ने वह चाँदी अपनी माँ को लौटा दी। अत: उसने दो सौ शेकेल चाँदी लिये और एक सुनार को दे दिया। सुनार ने चाँदी का उपयोग चाँदी से ढकी एक मूर्ति बनाने में किया। मूर्ति मीका के घर में रखी गई। Hindi Holy Bible जब उसने वह रूपया अपनी माता को फेर दिया, तब माता ने दो सौ टुकड़े ढलवैयों को दिए, और उसने उन से एक मूर्ति खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाईं; और वे मीका के घर में रहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उस ने वह रुपया अपनी माता को फेर दिया, तब माता ने दो सौ टुकड़े ढलवैयों को दिए, और उसने उनसे एक मूर्ति खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाई; और वे मीका के घर में रहीं। सरल हिन्दी बाइबल जब उसने अपनी माता को सिक्के लौटाए, उसकी माता ने दो सौ सिक्के लेकर सुनार को दे दिए, कि वह उनसे खोदी हुई और चांदी ढाली हुई मूर्ति को बनाए. उस स्त्री ने इसे मीकाह के घर में स्थापित कर दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब उसने वह रुपया अपनी माता को वापस दिया, तब माता ने दो सौ टुकड़े ढलवैयों को दिए, और उसने उनसे एक मूर्ति खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाई; और वे मीका के घर में रहीं। |
तुम देवी-देवताओं की सोना-चांदी से मढ़ी हुई मूर्तियां अशुद्ध करोगे, और उन्हें कचरे की तरह फेंक दोगे। तुम उनसे यह कहोगे, “हटो यहां से।”
बढ़ई डोरी से नापता है। वह पेन्सिल से उस पर निशान लगाता है। वह रन्दे से उसको आकार देता है। वह परकार से रेखा खींचता है। तत्पश्चात् वह उसको मनुष्य की आकृति में बदलता है। सुन्दर मनुष्य के सदृश वह उसको बनाता है कि आराधक उसे गृहदेवता के रूप में घर में प्रतिष्ठित कर सकें।
‘जब मूर्तिकार मूर्ति को ढालता है, अथवा पत्थर पर खोदकर मूर्ति बनाता है, तब मूर्तिकार को क्या मिलता है? मूर्ति केवल मूर्ति है, असत्य का स्रोत है। जब मूर्तिकार अपनी बनाई हुई गूंगी मूर्ति पर विश्वास करता है, तब उसे क्या मिलता है?
“जो व्यक्ति खोदकर अथवा गढ़कर मूर्ति बनाता है, और गुप्त स्थान में उसको प्रतिष्ठित करता है, वह शापित है। ऐसे कारीगर का यह हस्तकार्य प्रभु की दृष्टि में घृणित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!”
मीकाह ने चांदी के ग्यारह सौ सिक्के अपनी माँ को लौटा दिए। उसकी माँ ने कहा, ‘मैं अपने हाथ से अपने पुत्र के लिए चांदी के ये सिक्के प्रभु को चढ़ाने का संकल्प करती हूँ, ताकि इनसे एक मूर्ति, चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा बनाई जाए। इसलिए, पुत्र, अब मैं चांदी के ये सिक्के तुझे वापस करती हूँ।’
मीकाह के घर में एक देव-स्थान था। उसने एपोद और गृह-देवता की मूर्तियाँ बनाईं, और अपने एक पुत्र को पुरोहित-पद पर प्रतिष्ठित कर दिया। पुत्र उसका पुरोहित हो गया।
पाँच पुरुष, जो लइश नगर का भेद लेने गए थे, मीकाह के घर में घुस गए। उन्होंने चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा, एपोद और गृह-देवता की मूर्तियाँ उठा लीं। पुरोहित छ: सौ शस्त्रधारी सैनिकों के साथ प्रवेश-द्वार पर खड़ा था।