हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनको दण्ड नहीं देगा? हम उनके असंख्य सैनिकों के सम्मुख, जो हम पर आक्रमण कर रहे हैं, असमर्थ हैं। हम किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो गए हैं, किन्तु प्रभु, हमारी आंखे तुझ पर लगी हैं।’
न्यायियों 16:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शिमशोन ने प्रभु को पुकारा। उसने कहा, ‘हे स्वामी, हे प्रभु, कृपया, मुझे स्मरण कर! हे परमेश्वर, मुझे केवल इस बार और बल दे कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आंखों का बदला एक ही बार ले लूं।’ पवित्र बाइबल तब शिमशोन ने यहोवा से प्रार्थना की। उसने कहा, “सर्वशक्तिमान यहोवा, मुझे याद कर। परमेश्वर मुझे कृपा कर केवल एक बार और शक्ति दे। मुझे केवल एक यह काम करने दे कि पलिश्तियों को अपनी आँखों के निकालने का बदला चुका दूँ।” Hindi Holy Bible तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, कि हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आंखों का एक ही पलटा लूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, “हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आँखों का एक ही पलटा लूँ।” सरल हिन्दी बाइबल जब शिमशोन ने याहवेह की यह दोहाई दी, “प्रभु याहवेह, कृपा कर मुझे याद कीजिए. परमेश्वर, बस एक ही बार मुझे शक्ति दे दीजिए, कि मैं फिलिस्तीनियों से अपनी दोनो आंखों का बदला ले सकूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब शिमशोन ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी, “हे प्रभु यहोवा, मेरी सुधि ले; हे परमेश्वर, अब की बार मुझे बल दे, कि मैं पलिश्तियों से अपनी दोनों आँखों का एक ही बदला लूँ।” |
हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनको दण्ड नहीं देगा? हम उनके असंख्य सैनिकों के सम्मुख, जो हम पर आक्रमण कर रहे हैं, असमर्थ हैं। हम किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो गए हैं, किन्तु प्रभु, हमारी आंखे तुझ पर लगी हैं।’
अपनी करुणा के अनुरूप मेरे शत्रुओं का विनाश कर, मेरे प्राण के बैरियों को मिटा, क्योंकि मैं तेरा सेवक हूं।
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
प्रभु, तू सब जानता है; मुझे स्मरण रख, मेरी सुधि ले। मेरे प्राण के खोजियों से प्रतिशोध ले। प्रभु, तू सहनशील है, अत: मुझे मरने से बचा ले। प्रभु, तुझे यह मालूम है कि मैंने तेरे कारण ही निन्दा सही है।
जब मेरे प्राण मूर्छित थे, मैंने प्रभु को स्मरण किया। प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ तक, तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंची।
मैं और क्या कहूँ? यदि मैं गिदओन, बाराक, शिमशोन, यिफ्ताह, दाऊद, शमूएल और नबियों की भी चर्चा करने लगूँ, तो मेरे पास समय नहीं रहेगा।
वे ऊंचे स्वर में यह कहते हुए पुकार रहे थे : “परमपावन एवं सत्यप्रतिज्ञ स्वामी! आप न्याय करने में और पृथ्वी के निवासियों को हमारे रक्त का बदला चुकाने में कब तक देर करेंगे?”
शिमशोन को बड़ी प्यास लगी। उसने प्रभु को पुकारा। उसने कहा, ‘तूने अपने सेवक के हाथ में यह महान् विजय प्रदान की है। अब क्या मैं प्यास से मर जाऊंगा, और बेखतना पलिश्तियों के हाथ में पड़ जाऊंगा?’
भवन स्त्री-पुरुषों से भरा था। वहां सब पलिश्ती सामंत थे। जब शिमशोन उनका मनोरंजन कर रहा था तब भवन की छत से तीन हजार स्त्री-पुरुष उसे देख रहे थे।
तब शिमशोन ने मध्यवर्ती खंभों को, जिन पर भवन खड़ा था, कसकर पकड़ लिया। उसने सम्पूर्ण भार दाहिने हाथ से एक खंभे पर, और बाएं हाथ से दूसरे खंभे पर डाल दिया।
‘यों, हे प्रभु, तेरे सब शत्रु मर मिटें! पर तेरे मित्र शक्ति के साथ उगते हुए सूर्य के सदृश हों!’ इस्राएलियों के देश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही।