कई बार प्रभु ने उन्हें छुड़ाया, पर वे अपने विचारों में विद्रोही बने रहे, अत: अपने कुकर्मों के कारण उन्हें झुकना पड़ा।
न्यायियों 16:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: जब शिमशोन सो रहा था तब दलीलाह ने उसके सिर की सात लटें निकालीं और उन्हें ताने में बुन दिया। फिर उसने उनको खूंटी से जकड़ दिया। तत्पश्चात् उसने शिमशोन से कहा, ‘शिमशोन! पलिश्तियों ने तुम पर हमला कर दिया।’ वह नींद से जाग उठा। उसने करघे को ताने और खूंटी के साथ उखाड़ दिया। पवित्र बाइबल तब दलीला ने ज़मीन में खेमे की खूँटी गाड़कर, करघे को उससे बांध दिया। फिर उसने शिमशोन को आवाज़ दी, “शिमशोन, पलिश्ती के लोग तुम्हें पकड़ने जा रहे हैं।” शिमशोन ने खेमे की खूँटी करघा तथा ढरकी को उखाड़ दिया। Hindi Holy Bible सो उसने उसे खूंटी से जकड़ा। तब उस से कहा, हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं! तब वह नींद से चौंक उठा, और खूंटी को धरन में से उखाड़कर उसे ताने समेत ले गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: उसने उसे खूँटी से जकड़ा। तब उससे कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” तब वह नींद से चौंक उठा, और खूँटी को धरन में से उखाड़कर उसे ताने समेत ले गया। सरल हिन्दी बाइबल सो जब शिमशोन सो रहा था, दलीलाह ने उसकी सात लटों को वस्त्र में बुन दिया और उन्हें खूंटी में फंसा दिया. फिर वह चिल्लाई, “शिमशोन आपको पकड़ने के लिए फिलिस्तीनी आ रहे हैं!” शिमशोन नींद से जाग उठा और करघे की खूंटी समेत वस्त्र को खींचकर ले गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः उसने उसे खूँटी से जकड़ा। तब उससे कहा, “हे शिमशोन, पलिश्ती तेरी घात में हैं!” तब वह नींद से चौंक उठा, और खूँटी को धरन में से उखाड़कर उसे ताने समेत ले गया। |
कई बार प्रभु ने उन्हें छुड़ाया, पर वे अपने विचारों में विद्रोही बने रहे, अत: अपने कुकर्मों के कारण उन्हें झुकना पड़ा।
दलीलाह ने शिमशोन से कहा, ‘तुमने अब तक मुझे धोखा दिया, मुझ से झूठ बोला। कृपाकार मुझे बताओ कि तुम्हें किस वस्तु से बांधा जा सकता है।’ शिमशोन ने उससे कहा, ‘यदि तू मेरे सिर की सात लटें ताने में बुने, और उन्हें खूंटी में जकड़ दे तो मैं शक्तिहीन हो जाऊंगा। मैं साधारण आदमी के समान हो जाऊंगा।’
दलीलाह ने शिमशोन से कहा, ‘तुम यह बात कैसे कह सकते हो : “मैं तुम से प्रेम करता हूँ!” जब कि तुम्हारा हृदय मुझ में नहीं लगता? तुमने मुझे तीन बार धोखा दिया। तुमने मुझे नहीं बताया कि तुम्हारी महाशक्ति का स्रोत कहाँ है।’