जो मनुष्य अन्याय के बीज बोता है, वह विपत्ति की फसल काटता है; उसके क्रोध की छड़ी टूट जाती है।
न्यायियों 15:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पलिश्ती लोगों ने पूछा, ‘यह कार्य किसने किया है?’ उन्हें उत्तर मिला, ‘शिमशोन ने, जिसने तिम्नाह नगर के रहनेवाले की पुत्री से विवाह किया था। किन्तु उसके ससुर ने उसकी पत्नी ले ली, और उसके वर-सखा को दे दी’। अत: पलिश्ती शिमशोन के ससुर के घर पर चढ़ आए, और उन्होंने उसकी पत्नी और उसके ससुर को आग में जला दिया। पवित्र बाइबल पलिश्ती लोगों ने पूछा, “यह किसने किया?” किसी ने उनसे कहा, “तिम्ना के व्यक्ति के दामाद शिमशोन ने यह किया है। उसने यह इसलिए किया कि उसके ससुर ने शिमशोन की पत्नी को उसके विवाह के समय उपस्थित सबसे अच्छे व्यक्ति को दे दी।” अत: पलिश्ती लोगों ने शिमशोन की पत्नी और उसके ससुर को जलाकर मार डाला। Hindi Holy Bible तब पलिश्ती पूछने लगे, यह किस ने किया है? लोगों ने कहा, उस तिम्नी के दामाद शिमशोन ने यह इसलिये किया, कि उसके ससुर ने उसकी पत्नी उसे संगी को ब्याह दी। तब पलिश्तियों ने जा कर उस पत्नी और उसके पिता दोनों को आग में जला दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब पलिश्ती पूछने लगे, “यह किसने किया है?” लोगों ने कहा, “उस तिम्नी के दामाद शिमशोन ने यह इसलिये किया, कि उसके ससुर ने उसकी पत्नी का उसके संगी से विवाह कर दिया।” तब पलिश्तियों ने जाकर उस पत्नी और उसके पिता दोनों को आग में जला दिया। सरल हिन्दी बाइबल फिलिस्तीनी पूछताछ करने लगे, “किसने किया है यह?” और उन्हें बताया गया, “शिमशोन, तिमनी के दामाद ने, क्योंकि तिमनी ने उसकी पत्नी उसके साथी को दे दी है.” इसलिये फिलिस्तीनी आए और उसकी पत्नी और ससुर को जला दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब पलिश्ती पूछने लगे, “यह किसने किया है?” लोगों ने कहा, “उसके तिम्नाह के दामाद शिमशोन ने यह इसलिए किया, कि उसके ससुर ने उसकी पत्नी का उसके साथी से विवाह कर दिया।” तब पलिश्तियों ने जाकर उस पत्नी और उसके पिता दोनों को आग में जला दिया। |
जो मनुष्य अन्याय के बीज बोता है, वह विपत्ति की फसल काटता है; उसके क्रोध की छड़ी टूट जाती है।
कोई भी मर्यादा का उल्लंघन न करे और इस सम्बन्ध में अपने भाई अथवा बहिन के प्रति अन्याय नहीं करे; क्योंकि प्रभु इन सब बातों का बदला लेता है, जैसा कि हम आप लोगों को स्पष्ट श्ब्दों में समझा चुके हैं।
एफ्रइम गोत्र के पुरुषों ने सेना संगठित की। वे यर्दन नदी पार कर सफोन नगर में आए। उन्होंने यिफ्ताह से कहा, ‘जब तुमने अम्मोनियों से युद्ध करने के लिए नदी पार की, तब अपने साथ चलने के लिए हमें क्यों नहीं बुलाया? हम तुम्हें और तुम्हारे घर को आग में जला देंगे।’
उन्होंने चौथे दिन शिमशोन की पत्नी से कहा, ‘तू अपने पति को फुसला जिससे वह हमें पहेली का अर्थ बता दे; अन्यथा हम तुझे और तेरे पिता के घर को आग से जला देंगे। क्या तूने हमें लूटने के लिए यहाँ बुलाया था?’
इसके बाद उसने मशालों में आग लगा दी, और सियारों को पलिश्तियों की खड़ी फसल में छोड़ दिया। इस प्रकार शिमशोन ने पूलों के ढेर, खड़ी फसल, अंगूर तथा जैतून के उद्यान जला दिए।
शिमशोन ने उनसे कहा, ‘तुमने यह कार्य किया, इसलिए मैं शपथ खाता हूँ कि जब तक तुम से बदला नहीं ले लूँगा तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।’