मेरे पुत्र, शहद खा, क्योंकि वह अच्छा है। शहद के छत्ते से टपकनेवाली बून्दें स्वाद में मीठी होती हैं।
न्यायियों 14:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शिमशोन ने छत्ते में से कुछ शहद अपनी हथेली पर निकाला, और वह उसको खाते हुए लौटा। वह अपने माता-पिता के पास आया। उसने उन्हें शहद दिया। उन्होंने भी शहद खाया। परन्तु शिमशोन ने उन्हें यह नहीं बताया कि उसने सिंह की लोथ पर बनाए गए छत्ते में से यह शहद निकाला है। पवित्र बाइबल शिमशोन ने अपने हाथ से कुछ शहद निकाला। वह शहद चाटता हुआ रास्ते पर चल पड़ा। जब वह अपने मात—पिता के पास आया तो उसने उन्हें कुछ शहद दिया। उन्होंने भी उसे खाया किन्तु शिमशोन ने अपने माता—पिता को नहीं बताया कि उसने मरे सिंह के शरीर से शहद लिया है। Hindi Holy Bible तब वह उस में से कुछ हाथ में ले कर खाते खाते अपने माता पिता के पास गया, और उन को यह बिना बताए, कि मैं ने इस को सिंह की लोथ में से निकाला है, कुछ दिया, और उन्होंने भी उसे खाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वह उसमें से कुछ हाथ में लेकर खाते खाते अपने माता–पिता के पास गया, और उनको यह बिना बताए, कि मैं ने इसको सिंह की लोथ में से निकाला है, कुछ दिया, और उन्होंने भी उसे खाया। सरल हिन्दी बाइबल उसने अपने हाथों में वह शहद ले लिया और उसे खाता हुआ आगे बढ़ गया. जब वह अपने माता-पिता के पास पहुंचा, उसने उन्हें भी वह शहद दिया और उन्होंने भी उसे खाया, किंतु शिमशोन ने उन्हें यह न बताया कि उसने यह मधु शेर के शव में से निकाला था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वह उसमें से कुछ हाथ में लेकर खाते-खाते अपने माता पिता के पास गया, और उनको यह बिना बताए, कि मैंने इसको सिंह की लोथ में से निकाला है, कुछ दिया, और उन्होंने भी उसे खाया। |
मेरे पुत्र, शहद खा, क्योंकि वह अच्छा है। शहद के छत्ते से टपकनेवाली बून्दें स्वाद में मीठी होती हैं।
कुछ दिन पश्चात् वह कन्या से विवाह करने के लिए तिम्नाह नगर लौटा। वह सिंह की लोथ देखने के लिए मार्ग से मुड़ा। सिंह की लोथ पर मधु-मक्खियों ने छत्ता बना लिया था। छत्ते में शहद था।
शाऊल ने अपने चाचा से कहा, ‘शमूएल ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि गदहियाँ मिल गई हैं।’ किन्तु जो बात शमूएल ने उसके राजा बनने के विषय में कही थी, वह उसने अपने चाचा को नहीं बताई।
एक दिन शाऊल के पुत्र योनातन ने अपने शस्त्रवाहक से कहा जो उसके शस्त्र उठाकर चलता था, ‘आओ, हम पलिश्ती चौकी के पास चलें, जो इस दर्रे के उस पार है।’ उसने यह बात अपने पिता को नहीं बताई।