‘एक दिन धनी मनुष्य के पास एक यात्री आया। किन्तु धनी मनुष्य उस पथिक को, जो उसके पास आया था, भोजन के लिए अपने रेवड़ में से पशु देने को तैयार न था। अत: उसने गरीब की भेड़ छीन ली, और अपने यहाँ आए हुए यात्री के लिए उसका मांस पकाया।’
नीतिवचन 5:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह तेरी दृष्टि में हमेशा सुन्दर हरिणी, आकर्षक सांभरनी बनी रहे। उसका प्रेम सदा तुझे रसमय बनाए रखे, तू उसके प्रेम में सदा डूबे रहना। पवित्र बाइबल तेरी वह पत्नी, प्रियतमा, प्राणप्रिया, मनमोहक हिरणी सी तुझे सदा तृप्त करे। उसके माँसल उरोज और उसका प्रेम पाश तुझको बाँधे रहे। Hindi Holy Bible प्रिय हरिणी वा सुन्दर सांभरनी के समान उसके स्तन सर्वदा तुझे संतुष्ट रखे, और उसी का प्रेम नित्य तुझे आकषिर्त करता रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) प्रिय हरिणी या सुन्दर सांभरनी के समान उसके स्तन सर्वदा तुझे सन्तुष्ट रखें, और उसी का प्रेम नित्य तुझे आकर्षित करता रहे। नवीन हिंदी बाइबल एक प्रेमी हरिणी और मनोहर मृगी के समान उसके स्तन तुझे सदा तृप्त रखें; उसका प्रेम तुझे सदा आकर्षित करता रहे। सरल हिन्दी बाइबल वह हिरणी सी कमनीय और मृग सी आकर्षक है. उसी के स्तन सदैव ही तुम्हें उल्लास से परिपूर्ण करते रहें, उसका प्रेम ही तुम्हारा आकर्षण बन जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह तेरे लिए प्रिय हिरनी या सुन्दर सांभरनी के समान हो, उसके स्तन सर्वदा तुझे सन्तुष्ट रखें, और उसी का प्रेम नित्य तुझे मोहित करता रहे। |
‘एक दिन धनी मनुष्य के पास एक यात्री आया। किन्तु धनी मनुष्य उस पथिक को, जो उसके पास आया था, भोजन के लिए अपने रेवड़ में से पशु देने को तैयार न था। अत: उसने गरीब की भेड़ छीन ली, और अपने यहाँ आए हुए यात्री के लिए उसका मांस पकाया।’
मेरे पुत्र, तू परायी स्त्री पर क्यों मोहित हो? तू किसी व्यभिचारिणी को क्यों सीने से लगाए?
सन्ध्या पवन बहने से पूर्व छाया लम्बी होकर उसके लोप होने के पूर्व, ओ मेरे प्रियतम, मृग की तरह ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों पर तरुण हरिण के सदृश लौट आना।
मेरा प्रियतम मृग की तरह है, वह तरुण हरिण है। देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, वह खिड़कियों की ओर ताक रहा है, वह झंझरी से झांक रहा है।
तेरे दो उरोज मानो दो मृग शावक हैं, मानो सोसन पुष्पों के मध्य चरते हुए मृग के दो जुड़वा बच्चे हैं।
‘ओ मेरे प्रियतम! सुगन्धद्रव्यों के पर्वतों के तरुण मृग की तरह, एक हरिण के सदृश शीघ्र आओ!’