नीतिवचन 30:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) संसार में कुछ लोग हैं, जिनके दांत मानो तलवार हैं, छूरी जैसे तेज हैं; वे पृथ्वी की सतह से गरीबों को, समाज में दीन-दरिद्रों को फाड़ खाते हैं।” पवित्र बाइबल ऐसे भी होते हैं जिनके दाँत कटार हैं और जिनके जबड़ों में खंजर जड़े रहते हैं जिससे वे इस धरती के गरीबों को हड़प जायें, और जो मानवों में से अभावग्रस्त हैं उनको वे निगल लें। Hindi Holy Bible एक पीढ़ी के लोग ऐसे हैं, जिनके दांत तलवार और उनकी दाढ़ें छुरियां हैं, जिन से वे दीन लोगों को पृथ्वी पर से, और दरिद्रों को मनुष्यों में से मिटा डालें॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक पीढ़ी के लोग ऐसे हैं, जिनके दाँत तलवार और उनकी दाढ़ें छुरियाँ हैं, जिनसे वे दीन लोगों को पृथ्वी पर से, और दरिद्रों को मनुष्यों में से मिटा डालें। नवीन हिंदी बाइबल ऐसे लोग भी हैं जिनके दाँत तलवार के समान और दाढ़ें छुरियों के समान हैं कि पृथ्वी पर से दीन लोगों को और मनुष्यों में से दरिद्रों को मिटा डालें। सरल हिन्दी बाइबल कुछ वे हैं, जिनके दांत तलवार समान तथा जबड़ा चाकू समान हैं, कि पृथ्वी से उत्पीड़ितों को तथा निर्धनों को मनुष्यों के मध्य में से लेकर निगल जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एक पीढ़ी के लोग ऐसे हैं, जिनके दाँत तलवार और उनकी दाढ़ें छुरियाँ हैं, जिनसे वे दीन लोगों को पृथ्वी पर से, और दरिद्रों को मनुष्यों में से मिटा डालें। |
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
क्या कुकर्मी नहीं समझते, मेरे लोगों का खून चूसने वाले कुकर्मी, क्या वे सब बिलकुल नासमझ हैं? वे मुझ-प्रभु की आराधना नहीं करते।
उठ, प्रभु! हे मेरे परमेश्वर, मुझे बचा! तू मेरे समस्त शत्रुओं के जबड़े पर मारता है, तू दर्जनों के दांत तोड़ता है।
सान चढ़ी छुरी के समान, छल-कपट में निरन्तर कार्यरत तेरी जीभ विनाश के षड्यन्त्र रचती है।
मेरा प्राण सिंहों के मध्य है; मैं धधकती ज्वाला में सोता हूँ; ऐसे मनुष्यों के बीच जिन के दांत भाले और तीर हैं, जिनकी जीभ दुधारी तलवार है।
हे परमेश्वर, स्वर्ग पर अपनी महानता प्रकट कर, समस्त पृथ्वी पर तेरी महिमा व्याप्त हो।
हे परमेश्वर, उनके दांत उनके मुंह ही में तोड़ दे। हे प्रभु, तरुण सिंहों के दन्तमूल उखाड़ ले।
बिना सोच-विचार के बोलनेवाले मनुष्य के शब्द तलवार की तरह बेधते हैं; पर बुद्धिमान की बातें मलहम का काम करती हैं।
जो मनुष्य अपना धन बढ़ाने के लिए अथवा धनवानों को भेंट चढ़ाने के लिए गरीब पर अत्याचार करता है, वह स्वयं अभावग्रस्त होगा।
जब एक गरीब मनुष्य दूसरे गरीब मनुष्य पर अत्याचार करता है, तब उसका यह कार्य मानो घनघोर वर्षा से फसल का सर्वनाश होना है।
जोंक की दो बेटियां होती हैं, जो सदा पुकारती हैं, ‘दो’, ‘दो’। इसी प्रकार तीन वस्तुएं कभी तृप्त नहीं होतीं, चार वस्तुएं कभी नहीं कहतीं, ‘बस’।
तब मैंने पुनर्विचार किया कि सूर्य के नीचे धरती पर कितना अत्याचार होता है। जिन पर अत्याचार होता है, वे आंसू बहाते हैं, पर उनके आंसू पोंछनेवाला कोई नहीं है। अत्याचार करनेवालों के पास शक्ति थी, किन्तु आंसू बहानेवालों के पास उन्हें सान्त्वना देनेवाला भी नहीं था।
तुम इन अन्यायपूर्ण नियमों से गरीब को न्याय से वंचित करते हो; मेरी प्रजा के कमजोर वर्ग का हक मारते हो; तुम विधवाओं को लूटते हो; अनाथों को अपना शिकार बनाते हो।
प्रभु ने अपने निज लोगों के धर्मवृद्धों और शासकों से बहस आरम्भ की : ‘तुमने ही अंगूर-उद्यान उजाड़ा है, तुमने ही गरीब को लूटा है और उसका माल अपने घर में रखा है।
तुम किस उद्देश्य से लोगों को रौंदते हो, गरीबों को पीसते हो?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी की यह वाणी है।
धूर्त्त की धूर्त्तता बुरी होती है। वह दुष्टतापूर्ण कुचक्र रचता है: चाहे गरीब सच्चाई के मार्ग पर क्यों न हो, धूर्त्त उसको झूठी बातों से लूटता है।
‘तेरे उच्चाधिकारी हत्या करने के लिए सदा तत्पर रहते हैं। इस्राएल का हर एक उच्चाधिकारी अपने बल के अनुसार हत्या करता है।
ओ इस्राएली राष्ट्र के चरवाहो, तुम बढ़िया भोजन करते हो। तुम कीमती ऊनी वस्त्र पहनते हो। सबसे मोटे-ताजे पशु का मांस खाते हो। किन्तु अपनी जनता के मुंह में अन्न का दाना भी नहीं डालते!
वे जमीन की धूल पर निर्धन का सिर रौंदते हैं; वे सीधे-सादे व्यक्ति को उसके मार्ग से फेर देते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही कन्या से सम्भोग करते हैं। यों उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया है।
ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’
तूने उसके योद्धाओं के सिर अपने भाले से छेद दिए; जो हमें बिखेरने के लिए बवंडर-जैसे आए थे; जो गुप्त स्थानों में गरीब की हत्या के लिए हंसते हुए आए थे।
उसके अधिकारी गरजते सिंह हैं, जो शिकार की तलाश में रहते हैं; उसके न्ययाधीश शाम को निकलनेवाले भेड़ियों की तरह हैं, जिन्हें सुबह तक खाने को कुछ नहीं मिला।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।