जो व्यक्ति विलम्ब से क्रोध करता है वह बड़ा समझदार है; पर तुरन्त क्रुद्ध होनेवाला मनुष्य केवल अपनी मूर्खता को प्रकट करता है।
नीतिवचन 29:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मनुष्य बातें करने में जल्दीबाजी करता है, वह मूर्ख से भी गया-बीता है; उसका भविष्य अन्धकारमय है। पवित्र बाइबल यदि कोई बिना विचारे हुए बोलता है तो उसके लिये कोई आशा नहीं। अधिक आशा होती है एक मूर्ख के लिये अपेक्षा उस जन के जो विचार बिना बोले। Hindi Holy Bible क्या तू बातें करने में उतावली करने वाले मनुष्य को देखता है? उस से अधिक तो मूर्ख ही से आशा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तू बातें करने में उतावली करनेवाले मनुष्य को देखता है? उससे अधिक तो मूर्ख ही से आशा है। नवीन हिंदी बाइबल क्या तू बोलने में उतावली करनेवाले व्यक्ति को देखता है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है। सरल हिन्दी बाइबल एक मूर्ख व्यक्ति से उस व्यक्ति की अपेक्षा अधिक आशा की जा सकती है, जो बिना विचार अपना मत दे देता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तू बातें करने में उतावली करनेवाले मनुष्य को देखता है? उससे अधिक तो मूर्ख ही से आशा है। |
जो व्यक्ति विलम्ब से क्रोध करता है वह बड़ा समझदार है; पर तुरन्त क्रुद्ध होनेवाला मनुष्य केवल अपनी मूर्खता को प्रकट करता है।
मनुष्य का ज्ञानरहित रहना उचित नहीं है; जो मनुष्य बिना सोच-विचार के दौड़ता है, वह मार्ग से चूक जाता है।
परिश्रमी पुरुष की योजनाएँ निस्सन्देह समृद्धि लाती हैं; परन्तु जो मनुष्य उतावली करता है, उसको निराशा ही हाथ लगती है।
यदि तुझे ऐसा मनुष्य मिले, जो स्वयं को अपनी दृष्टि में बुद्धिमान मानता है, तो उस मनुष्य से अधिक मूर्ख का भविष्य उज्ज्वल है।
मूर्ख मनुष्य अपने क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किन्तु बुद्धिमान मनुष्य शान्ति से क्रोध को वश में करता है।
कोरे शब्दों से सेवक नहीं सुधरता; वह मालिक के शब्दों को समझता तो है, पर वह उन पर ध्यान नहीं देता।
यदि मालिक गुलाम को बचपन से ही लाड़-प्यार से पालता है, तो गुलाम बड़ा होने पर उसकी धन-सम्पत्ति का उत्तराधिकारी बन बैठता है।
अपने मुंह से कोई बात जल्दी मत निकालो, और न उतावली में अपने हृदय की बात परमेश्वर के सम्मुख प्रकट करो, क्योंकि परमेश्वर तो स्वर्ग में है, और तुम पृथ्वी पर। अत: तुम्हारे शब्द थोड़े ही हों।
मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप यह अच्छी तरह समझ लें। प्रत्येक व्यक्ति सुनने के लिए तत्पर रहे, किन्तु बोलने और क्रोध करने में देर करे;