यहूदा प्रदेश के राजा आहाज के कारण प्रभु ने यहूदा प्रदेश का पतन किया था; क्योंकि आहाज ने यहूदा प्रदेश के साथ मनमाना व्यवहार किया था और प्रभु के साथ विश्वासघात किया था।
नीतिवचन 29:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) नबियों के दर्शन के अभाव में लोगों में प्रभु का डर नहीं रह जाता; किन्तु धन्य है वह मनुष्य जो व्यवस्था का पालन करता है। पवित्र बाइबल यदि कोई देश परमेश्वर की राह पर नहीं चलता तो उसे देश में शांति नहीं होगी। वह देश जो परमेश्वर की व्यवस्था पर चलता, आनन्दित रहेगा। Hindi Holy Bible जहां दर्शन की बात नहीं होती, वहां लोग निरंकुश हो जाते हैं, और जो व्यवस्था को मानता है वह धन्य होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जहाँ दर्शन की बात नहीं होती, वहाँ लोग निरंकुश हो जाते हैं, और जो व्यवस्था को मानता है, वह धन्य होता है। नवीन हिंदी बाइबल दर्शन के अभाव में लोग निरंकुश हो जाते हैं, पर जो व्यवस्था का पालन करता है वह धन्य होता है। सरल हिन्दी बाइबल भविष्य के दर्शन के अभाव में लोग प्रतिबन्ध तोड़ फेंकते हैं; किंतु धन्य होता है वह, जो नियमों का पालन करता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जहाँ दर्शन की बात नहीं होती, वहाँ लोग निरंकुश हो जाते हैं, परन्तु जो व्यवस्था को मानता है वह धन्य होता है। |
यहूदा प्रदेश के राजा आहाज के कारण प्रभु ने यहूदा प्रदेश का पतन किया था; क्योंकि आहाज ने यहूदा प्रदेश के साथ मनमाना व्यवहार किया था और प्रभु के साथ विश्वासघात किया था।
धन्य हैं वे जो प्रभु की सािक्षयां मानते हैं, जो अपने सम्पूर्ण हृदय से प्रभु की खोज करते हैं,
हमारे झण्डे हमें नहीं दिखाई देते; अब कोई नबी नहीं रहा; हमारे मध्य कोई नहीं जानता कि हमारी यह दशा कब तक रहेगी।
जब मूसा ने देखा कि लोग अनियन्त्रित हो गए हैं (क्योंकि हारून ने उनको अपने शत्रुओं के मध्य उपहास का पात्र बनने के लिए मुक्त छोड़ दिया था)
जो मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा का पालन करता है; वह अपने प्राण की रक्षा करता है; प्रभु के वचन की उपेक्षा करनेवाला निस्सन्देह मर जाता है।
कोरे शब्दों से सेवक नहीं सुधरता; वह मालिक के शब्दों को समझता तो है, पर वह उन पर ध्यान नहीं देता।
मेरे निज लोग ईश्वरीय ज्ञान के अभाव में नष्ट हो गए। तूने मेरा ज्ञान प्राप्त करना स्वीकार नहीं किया, इसलिए मैं भी तुझे पुरोहित-पद पर स्वीकार नहीं करूंगा। तू मुझ-परमेश्वर की व्यवस्था भूल गया, अत: मैं भी तेरे पुरोहित-वंश को भूल जाऊंगा।
जनसमूह को देख कर येशु को उन पर तरस आया, क्योंकि वे उत्पीड़ित और निस्सहाय थे। वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई चरवाहा न हो।
परन्तु येशु ने कहा, “किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”
किन्तु जो व्यक्ति उस व्यवस्था को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस व्यवस्था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा।
धन्य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
बालक शमूएल एली की उपस्थिति में प्रभु की सेवा करता था। उन दिनों में प्रभु का वचन दुर्लभ था। प्रभु का दर्शन कम ही मिलता था।