नीतिवचन 21:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुर्जन के चेहरे पर कठोरता झलकती है, पर निष्कपट मनुष्य अपने आचरण पर ध्यान देता है। पवित्र बाइबल सज्जन तो निज कर्मो पर विचार करता है किन्तु दुर्जन का मुख अकड़ कर दिखाता है। Hindi Holy Bible दुष्ट मनुष्य कठोर मुख का होता है, और जो सीधा है, वह अपनी चाल सीधी करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दुष्ट मनुष्य कठोर मुख का होता है, और जो सीधा है वह अपनी चाल सीधी करता है। नवीन हिंदी बाइबल दुष्ट मनुष्य अपने चेहरे को कठोर कर लेता है, परंतु सीधा मनुष्य अपनी चाल-चलन पर ध्यान देता है। सरल हिन्दी बाइबल दुष्ट व्यक्ति अपने मुख पर निर्भयता का भाव ले आता है, किंतु धर्मी अपने चालचलन के प्रति अत्यंत सावधान रहता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दुष्ट मनुष्य अपना मुख कठोर करता है, और धर्मी अपनी चाल सीधी रखता है। |
निर्दोष मनुष्य अपनी धार्मिकता के कारण अपने जीवनमार्ग में सीधा चलता है। किन्तु दुर्जन की दुर्जनता के कारण उसका पतन हो जाता है।
धन्य है वह मनुष्य जो प्रभु की भक्ति सदा करता है; पर प्रभु के प्रति अपने हृदय को कठोर बनानेवाला मनुष्य विपत्ति के गड्ढे में गिरता है।
जो मनुष्य बार-बार डांटे जाने पर भी अपना हठ नहीं छोड़ता, उसका अचानक सर्वनाश होगा, और वह फिर नहीं सुधर सकेगा।
वेश्या ने युवक को पकड़ा और वह उसको चूमने लगी। उसने निर्लज्जता से मुख बनाया और जवान से यह कहा,
बुद्धिमान मनुष्य किसके समान है? कौन व्यक्ति तत्व का अर्थ जानता है? मनुष्य की बुद्धि के कारण उसका मुख चमकता है, और उसके चेहरे की कठोरता दूर हो जाती है।
‘हे प्रभु, क्या तू सच्चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्तु उन्हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्होंने पश्चात्ताप करने से इन्कार कर दिया।’
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों में वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
क्योंकि वह अपने कार्यों पर पुन: विचार करता है, अपने अपराधों पर सोचता है और उनसे विमुख हो जाता है। ऐसा दुर्जन निस्सन्देह अपने प्राण बचाएगा, और वह नहीं मरेगा।
अब अपने हृदय में विचार करो, आगे क्या होगा? जब प्रभु-मन्दिर के निर्माण के समय पत्थर की जोड़ाई होने लगी थी, उससे पूर्व तुम्हारी स्थिति कैसी थी?
हमारा पिता परमेश्वर और हमारे प्रभु येशु हमारे लिए आप के पास पहुँचने का मार्ग सुगम बनायें।