मूर्ख का बलि चढ़ाना भी प्रभु पसन्द नहीं करता। किन्तु निष्कपट मनुष्य की प्रार्थना से वह हर्षित होता है।
नीतिवचन 21:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुर्जनों के द्वारा चढ़ाई गई बलि प्रभु की दृष्टि में घृणित वस्तु है; तब बुरे उद्देश्य से चढ़ाई गई बलि कितनी घृणित होगी। पवित्र बाइबल दुष्ट का चढ़ावा यूँ ही घृणापूर्ण होता है फिर कितना बुरा होगा जब वह उसे बुरे भाव से चढ़ावे। Hindi Holy Bible दुष्टों का बलिदान घृणित लगता है; विशेष कर के जब वह महापाप के निमित्त चढ़ाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दुष्टों का बलिदान घृणित लगता है; विशेष करके जब वह महापाप के निमित्त चढ़ाता है। नवीन हिंदी बाइबल दुष्टों का बलिदान तो घृणित है, पर जब वह उसे दुर्भावना से चढ़ाता है तो वह और भी अधिक घृणित होगा। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह के लिए दुष्ट द्वारा अर्पित बलि घृणास्पद है और उससे भी कहीं अधिक उस स्थिति में, जब यह बलि कुटिल अभिप्राय से अर्पित की जाती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दुष्टों का बलिदान घृणित है; विशेष करके जब वह बुरे उद्देश्य के साथ लाता है। |
मूर्ख का बलि चढ़ाना भी प्रभु पसन्द नहीं करता। किन्तु निष्कपट मनुष्य की प्रार्थना से वह हर्षित होता है।
जब तुम परमेश्वर के मन्दिर में जाते हो तब अपने आचरण का ध्यान रखो। मूर्ख द्वारा चढ़ाई गई बलि की अपेक्षा परमेश्वर के मन्दिर में आना, और उसका वचन सुनना श्रेष्ठ है। क्योंकि मूर्ख यह नहीं जानता है कि जो कार्य वह करता है, वह दुष्कर्म है।
‘जो आराधक बलि चढ़ाने के लिए बैल का वध करता है, वह मानो मनुष्य की हत्या करता है; जो आराधक मेमने की बलि करता है वह मानो कुत्ते की गरदन तोड़ता है; जो आराधक अन्न-बलि चढ़ाता है, वह मानो सूअर का रक्त अर्पित करता है; जो आराधक ‘स्मृति-बलि’ में लोबान जलाता है वह मानो मूर्ति की पूजा करता है। ऐसे आराधक आराधना की अपनी ही पद्धति चुनते हैं, उनके प्राण ऐसी ही घृणित आराधना से प्रसन्न होते हैं।
ओ यरूशलेम के निवासियो, शबा देश से लाया गया लोबान, दूर देश से लाए गए सुगन्धित द्रव्य मेरे किस काम के? इन्हें मुझे मत चढ़ाओ। मुझे तुम्हारी अग्नि-बलि स्वीकार नहीं है। मैं तुम्हारी पशु-बलि पसन्द नहीं करता हूं।’
मूसा को बड़ा क्रोध आया। उन्होंने प्रभु से कहा, ‘उनकी भेंटों की ओर ध्यान मत देना। मैंने घूस में उनसे एक गधा भी नहीं लिया और न उनमें से किसी का अनिष्ट ही किया।’
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।