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नीतिवचन 20:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य के सब पग प्रभु ही निश्‍चित करता है, तब मनुष्‍य अपना मार्ग कैसे समझ सकता है?

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पवित्र बाइबल

यहोवा निर्णय करता है कि हर एक मनुष्य के साथ क्या घटना चाहिये। कोई मनुष्य कैसा समझ सकता है कि उसके जीवन में क्या घटने वाला है।

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Hindi Holy Bible

मनुष्य का मार्ग यहोवा की ओर से ठहराया जाता है; आदमी क्योंकर अपना चलना समझ सके?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मनुष्य का मार्ग यहोवा की ओर से ठहराया जाता है; आदमी कैसे अपना चलना समझ सके?

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नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य के कदमों को यहोवा ही निर्धारित करता है, फिर मनुष्य अपना मार्ग कैसे समझ सकता है?

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सरल हिन्दी बाइबल

जब मनुष्य का चलना याहवेह द्वारा ठहराया जाता है, तब यह कैसे संभव है कि हम अपनी गतिविधियों को स्वयं समझ सकें?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मनुष्य का मार्ग यहोवा की ओर से ठहराया जाता है; मनुष्य अपना मार्ग कैसे समझ सकेगा?

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नीतिवचन 20:24
10 क्रॉस रेफरेंस  

वह कौन है, जो प्रभु से डरता है? उसको ही प्रभु वह मार्ग सिखाएगा, जो उसे चुनना चाहिए।


हे प्रभु, अपना मार्ग मुझे दिखा; अपना पथ मुझे बता।


प्रभु के द्वारा मनुष्‍य के पग स्‍थिर होते हैं, उसके आचरण से प्रभु प्रसन्न होता है।


विवेकी मनुष्‍य की बुद्धि क्‍या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्‍तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है।


मनुष्‍य मन में योजनाएं बनाता है, परन्‍तु उनको सफल करना− यह प्रभु की इच्‍छा पर निर्भर है।


मनुष्‍य मन में अपना मार्ग तो निश्‍चित करता है पर उस पर चलना, यह प्रभु के हाथ में होता है।


हे प्रभु, मैं यह जानता हूं कि मनुष्‍य का आचरण उसके वश में नहीं है; मनुष्‍य के कदम उसकी इच्‍छा से नहीं उठते।


तुमने स्‍वर्ग में विराजमान अधिपति के प्रति अहंकार में सिर उठाया और उसके मन्‍दिर के पवित्र पात्र तुम्‍हारे सम्‍मुख प्रस्‍तुत किए गए, और तुमने, तुम्‍हारे सामन्‍तों ने, तुम्‍हारी रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डाल कर पी। तुमने शराब पीकर चांदी-सोना, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण के देवताओं की मूर्तियों की स्‍तुति की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं, और न कुछ समझती ही हैं। ओ बेलशस्‍सर! जिस परमेश्‍वर के हाथ में तुम्‍हारे प्राण हैं, जो तुम्‍हारे जीवन को अपने नियंत्रण में रखता है, उसका सम्‍मान तुमने नहीं किया।


क्‍योंकि उसी में हम जीवित रहते, चलते-फिरते तथा अस्‍तित्‍व रखते हैं। आपके ही कुछ कवियों ने कहा, ‘हम भी ईश्‍वर की संतान हैं।’