अत: प्रभु ने उसके हाथ में राज्य को सुदृढ़ किया। यहूदा राज्य की समस्त जनता यहोशाफट को भेंट चढ़ाती थी। इसलिए उसके पास अत्यन्त बहुमूल्य वस्तुएं एकत्र हो गईं, और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ गई।
नीतिवचन 16:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुष्कर्म करना राजा के लिए घृणित कार्य है; क्योंकि उसका सिंहासन धर्म से ही स्थिर रहता है। पवित्र बाइबल विवेकी राजा, बुरे कर्मो से घृणा करता है क्योंकि नेकी पर ही सिंहासन टिकता है। Hindi Holy Bible दुष्टता करना राजाओं के लिये घृणित काम है, क्योंकि उनकी गद्दी धर्म ही से स्थिर रहती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दुष्टता करना राजाओं के लिये घृणित काम है, क्योंकि उनकी गद्दी धर्म ही से स्थिर रहती है। नवीन हिंदी बाइबल दुष्टता करना राजाओं के लिए घृणित कार्य है, क्योंकि सिंहासन धार्मिकता से ही स्थिर रहता है। सरल हिन्दी बाइबल बुराई राजा पर शोभा नहीं देती, क्योंकि सिंहासन की स्थिरता धर्म पर आधारित है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दुष्टता करना राजाओं के लिये घृणित काम है, क्योंकि उनकी गद्दी धर्म ही से स्थिर रहती है। |
अत: प्रभु ने उसके हाथ में राज्य को सुदृढ़ किया। यहूदा राज्य की समस्त जनता यहोशाफट को भेंट चढ़ाती थी। इसलिए उसके पास अत्यन्त बहुमूल्य वस्तुएं एकत्र हो गईं, और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ गई।
हे शक्तिमान न्यायप्रिय राजा, तूने ही निष्पक्षता की स्थापना की है; तूने इस्राएल में न्याय और धार्मिकता का व्यवहार किया है।
धर्म-वचन कहनेवाले मनुष्य से राजा प्रसन्न होता है; वह सच बोलनेवाले व्यक्ति से प्रेम करता है।
योजनाएं विचार-विमर्श से निश्चित की जाती हैं, युद्ध भी बुद्धिपूर्ण मार्ग-दर्शन में लड़ा जाता है।
ऐसे ही: राजा के दरबार से दुर्जन को निकालने के पश्चात् राजा का सिंहासन धर्म की नींव पर सुदृढ़ हो जाता है।
राजा न्याय के द्वारा देश को स्थिर शासन देता है, पर जो राजा जनता को लूटता है, वह अपने देश को नष्ट कर देता है।
परन्तु जिसने अनजाने ही मार खाने का काम किया, वह थोड़ी मार खाएगा। जिसे बहुत दिया गया है, उस से बहुत माँगा जाएगा और जिसे बहुत सौंपा गया है, उस से और अधिक ले लिया जाएगा।
जो व्यक्ति इस प्रकार के कार्य करता है, नाप-तौल में बेईमानी करता है, वह तेरे प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में घृणास्पद है।
तब मैंने देखा कि स्वर्ग खुला है। एक सफेद घोड़ा दिखाई पड़ा और उस पर जो सवार है, वह ‘विश्वसनीय’ और ‘सच्चा’ कहलाता है। वह न्याय के अनुसार विचार और युद्ध करता है।