समस्त इस्राएली आराधकों का समूहखड़ा था। राजा सुलेमान उनकी ओर उन्मुख हुआ। उसने आराधकों को यह आशिष दी।
निर्गमन 33:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब लोग शिविर के द्वार पर मेघ-स्तम्भ को खड़ा हुआ देखते तब वे सब उठकर अपने-अपने तम्बू-द्वार से वन्दना करते थे। पवित्र बाइबल जब लोग तम्बू के द्वार पर बादल को देखते तो सामने झुकते और उपासना करते थे। हर एक व्यक्ति अपने तम्बू के द्वार पर उपासना करता था। Hindi Holy Bible और सब लोग जब बादल के खम्भे को तम्बू के द्वार पर ठहरा देखते थे, तब उठ कर अपने अपने डेरे के द्वार पर से दण्डवत करते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सब लोग जब बादल के खम्भे को तम्बू के द्वार पर ठहरा देखते थे, तब उठकर अपने अपने डेरे के द्वार पर से दण्डवत् करते थे। नवीन हिंदी बाइबल सब लोग जब बादल के खंभे को तंबू के द्वार पर ठहरा देखते थे, तो उठकर अपने-अपने डेरे के द्वार पर से दंडवत् करते थे। सरल हिन्दी बाइबल तब सब लोग मिलनवाले तंबू पर बादल का खंभा देखकर सब अपने-अपने तंबू से दंडवत करते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सब लोग जब बादल के खम्भे को तम्बू के द्वार पर ठहरा देखते थे, तब उठकर अपने-अपने डेरे के द्वार पर से दण्डवत् करते थे। |
समस्त इस्राएली आराधकों का समूहखड़ा था। राजा सुलेमान उनकी ओर उन्मुख हुआ। उसने आराधकों को यह आशिष दी।
राजा सुलेमान प्रभु की वेदी के सम्मुख खड़ा हुआ। उसने समस्त इस्राएली आराधकों के सामने आकाश की ओर अपने हाथ फैलाए,
प्रभु दिन में उन्हें मार्ग दिखाने के लिए मेघ-स्तम्भ और रात में उन्हें प्रकाश देने के लिए अग्नि-स्तम्भ में होकर उनके आगे-आगे चलता था, जिससे वे रात-दिन यात्रा कर सकें।
जैसे कोई मनुष्य अपने मित्र से आमने-सामने बात करता है, वैसे ही प्रभु मूसा से वार्तालाप करता था। जब मूसा पड़ाव को लौट आते तब उनका निजी सेवक, नून का पुत्र नवयुवक यहोशुअ, शिविर में से नहीं निकलता था।
जब मूसा शिविर में प्रविष्ट हो जाते तब मेघ-स्तम्भ उतर आता और शिविर के द्वार पर खड़ा हो जाता था। इस प्रकार प्रभु मूसा से वार्तालाप करता था।
उन्होंने विश्वास किया। जब उन्होंने सुना कि प्रभु ने इस्राएलियों की सुध ली है, उनकी दु:ख-पीड़ा पर दृष्टि की है, तब उन्होंने सिर झुकाकर वन्दना की।
चुंगी-अधिकारी कुछ दूरी पर खड़ा था। उसे स्वर्ग की ओर आँख उठाने तक का साहस नहीं हुआ। वह अपनी छाती पीट-पीट कर यह कह रहा था, ‘परमेश्वर! मुझ पापी पर दया कर।’ ”