प्रभु की व्यवस्था सिद्ध है, आत्मा को संजीवन देनेवाली; प्रभु की साक्षी विश्वसनीय है, बुद्धिहीन को बुद्धि देने वाली;
निर्गमन 32:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूसा लौटे। वे अपने हाथ में दोनों साक्षी-पट्टियाँ लिये हुए पहाड़ से उतर गए। पट्टियों पर दोनों ओर लिखा हुआ था। वे सामने की ओर तथा पीछे की ओर लिखी हुई थीं। पवित्र बाइबल तब मूसा पर्वत से नीचे उतरा। मूसा के पास आदेश वाले दो समतल पत्थर थे। ये आदेश पत्थर के सामने तथा पीछे दोनों तरफ लिखे हुए थे। Hindi Holy Bible तब मूसा फिरकर साक्षी की दानों तख्तियों को हाथ में लिये हुए पहाड़ से उतर गया, उन तख्तियों के तो इधर और उधर दोनों अलंगों पर कुछ लिखा हुआ था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मूसा मुड़कर साक्षी की दोनों तख़्तियों को हाथ में लिये हुए पहाड़ से उतर गया। उन तख़्तियों के इधर और उधर दोनों ओर लिखा हुआ था, नवीन हिंदी बाइबल तब मूसा मुड़ा और साक्षी की दोनों पटियाओं को अपने हाथ में लिए हुए पहाड़ से नीचे उतर गया। उन पटियाओं के आगे और पीछे दोनों ओर लिखा हुआ था। सरल हिन्दी बाइबल और मोशेह मुड़कर पर्वत से नीचे उतर आए. वह अपने हाथों में व्यवस्था की दो पट्टियां लिए हुए थे. इन पट्टियों में दोनों तरफ लिखा हुआ था, आगे और पीछे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मूसा फिरकर साक्षी की दोनों तख्तियों को हाथ में लिये हुए पहाड़ से उतर गया, उन तख्तियों के तो इधर और उधर दोनों ओर लिखा हुआ था। |
प्रभु की व्यवस्था सिद्ध है, आत्मा को संजीवन देनेवाली; प्रभु की साक्षी विश्वसनीय है, बुद्धिहीन को बुद्धि देने वाली;
मूसा को दी गई प्रभु की आज्ञा के अनुसार हारून ने घड़े को साक्षी की मंजूषा के सम्मुख रखा कि वह सुरक्षित रहे।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘मेरे पास पहाड़ पर चढ़कर आ, और वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर। मैं तुझे पत्थर की पट्टियाँ दूंगा, जिन पर मैंने लोगों की शिक्षा के लिए व्यवस्था तथा आज्ञाएँ लिखी हैं।’
मूसा ने मेघ के भीतर प्रवेश किया, और वह पहाड़ पर चढ़े। वह चालीस दिन और चालीस रात पहाड़ पर रहे।
जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्त किया तब उन्हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्थर की दो पट्टियाँ दीं।
पट्टियाँ परमेश्वर की कृति थीं। जो लेख उन पट्टियों पर खुदा हुआ था, वह परमेश्वर का लेख था।
जब मूसा सीनय पर्वत से उतरे, उनके हाथ में साक्षी की दो पट्टियाँ थीं। जब मूसा सीनय पर्वत से उतरे, उन्हें ज्ञात नहीं था कि परमेश्वर के साथ वार्तालाप करने के कारण उनका मुख प्रकाशवान हो गया है।
मूसा ने साक्षी-पट्टियाँ लेकर मंजूषा में रख दीं। उन्होंने मंजूषा में डण्डे डाले और मंजूषा के ऊपर दया-आसन रखा।
आप लोग निश्चय ही मसीह का वह पत्र हैं, जिसे उन्होंने हमारी सेवा द्वारा लिखवाया है। वह पत्र स्याही से नहीं, बल्कि जीवन्त परमेश्वर के आत्मा से, पत्थर की पट्टियों पर नहीं, बल्कि मानव हृदय की पट्टियों पर लिखा हुआ है।
यदि मृत्यु-जनक व्यवस्था का सेवाकार्य, जो पत्थरों पर अक्षर अंकित करने में संपन्न हुआ, इतना तेजस्वी था कि इस्राएली लोग मूसा के मुख के तेज के कारण-जो क्रमश: क्षीण हो रहा था-उनके मुख पर दृष्टि स्थिर नहीं कर सके,
‘प्रभु ने ये ही वचन पहाड़ पर तुम्हारी समस्त धर्म-महासभा से कहे थे। वह अग्नि के मध्य, मेघ और सघन अन्धकार में से उच्च स्वर में बोला था। तत्पश्चात् उसने कुछ नहीं कहा वरन् उन्हें पत्थर की दो पट्टियों पर लिखा और उनको मुझे दे दिया।
अत: मैं लौट पड़ा और पहाड़ से नीचे उतर आया। पहाड़ आग में दहक रहा था। विधान की दोनों पट्टियाँ मेरे हाथों में थीं।
वहाँ धूपदान की स्वर्णमय वेदी और विधान की स्वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं
इसके बाद मैंने देखा कि जो सिंहासन पर विराजमान है, उसके दाहिने हाथ में एक लपेटी हुई पुस्तक है, जिस पर दोनों ओर लिखा हुआ है और जिसे सात मोहरें लगा कर बन्द कर दिया गया है।