तत्पश्चात् हीराम ने ढली हुई धातु का एक हौज बनाया। वह गोलाकार था। वह एक किनारे से दूसरे किनारे तक साढ़े चार मीटर चौड़ा था और सवा दो मीटर ऊंचा था। उसकी सम्पूर्ण परिधि साढ़े तेरह मीटर थी।
निर्गमन 30:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू हाथ-पैर धोने के लिए पीतल का एक कण्डाल बनाना। उसकी आधार-पीठिका भी पीतल की बनाना। उसे मिलन-शिविर तथा वेदी के मध्य रखना। उसमें जल भरना। पवित्र बाइबल “एक काँसे की चिलमची बनाओ और इसे काँसे के आधार पर रखो। तुम इसका उपयोग हाथ पैर धोने के लिए करोगे। चिलमची को मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच रखो। चिलमची को पानी से भरो। Hindi Holy Bible धोने के लिये पीतल की एक हौदी और उसका पाया पीतल का बनाना। और उसे मिलाप वाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उस में जल भर देना; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “धोने के लिये पीतल की एक हौदी, और उसका पाया भी पीतल का बनाना। उसे मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उसमें जल भर देना; नवीन हिंदी बाइबल “तू धोने के लिए पीतल की एक हौदी बनवाना, और उसका पाया भी पीतल का हो। तू उसे मिलापवाले तंबू और वेदी के बीच में रखना और उसमें जल भर देना। सरल हिन्दी बाइबल “तुम्हें कांसे की एक हौद भी बनानी होगी. उसका पाया कांसे का बनाना. यह हाथ-पैर धोने के लिए काम में लिया जायेगा. उसे मिलनवाले तंबू और वेदी के बीच में रखकर उसमें पानी भरना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “धोने के लिये पीतल की एक हौदी और उसका पाया भी पीतल का बनाना। और उसे मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उसमें जल भर देना; |
तत्पश्चात् हीराम ने ढली हुई धातु का एक हौज बनाया। वह गोलाकार था। वह एक किनारे से दूसरे किनारे तक साढ़े चार मीटर चौड़ा था और सवा दो मीटर ऊंचा था। उसकी सम्पूर्ण परिधि साढ़े तेरह मीटर थी।
हीराम ने पीतल के दस कण्डाल बनाए। प्रत्येक कण्डाल में एक हजार आठ सौ लिटर पानी समाता था। प्रत्येक कण्डाल प्राय: दो मीटर गहरा था। हरएक ठेले के लिए कण्डाल था।
तत्पश्चात् उसने ढली हुई धातु का एक हौज बनाया। वह गोलाकार था। वह एक किनारे से दूसरे किनारे तक साढ़े चार मीटर चौड़ा था। वह सवा दो मीटर ऊंचा था। उसकी सम्पूर्ण परिधि साढ़े तेरह मीटर थी।
उसने धोने के काम के लिए दस कण्डाल भी बनाए। उसने भवन की दक्षिण दिशा में पांच कण्डाल, और उत्तर दिशा में पांच कण्डाल रखे। अग्नि-बलि में चढ़ाई जाने वाली प्रत्येक वस्तु को बलि के पूर्व कण्डाल के पानी में धोया जाता था। हौज के पानी में पुरोहित स्नान करते थे।
उसने मिलन-शिविर के द्वार पर सेवा करनेवाली स्त्रियों के दर्पणों से पीतल का एक कण्डाल तथा उसकी आधार-पीठिका बनाई।
जब तुम परमेश्वर के मन्दिर में जाते हो तब अपने आचरण का ध्यान रखो। मूर्ख द्वारा चढ़ाई गई बलि की अपेक्षा परमेश्वर के मन्दिर में आना, और उसका वचन सुनना श्रेष्ठ है। क्योंकि मूर्ख यह नहीं जानता है कि जो कार्य वह करता है, वह दुष्कर्म है।
उन्होंने उसमें से कुछ तेल सात बार वेदी पर छिड़का और पवित्र करने के अभिप्राय से वेदी और उसके सब पात्र, कण्डाल और उसकी आधार-पीठिका को अभ्यंजित किया।
‘उस दिन दाऊद के वंशजों तथा यरूशलेम के निवासियों को उनके पाप तथा अशुद्धता से धोने के लिए एक झरना फूटेगा।’
उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है।
परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।