राज्यपाल ने उनसे कहा, “जब तक पुरोहित ऊरीम और तुम्मीम के माध्यम से परमेश्वर की इच्छा न जान ले, तब तक आप लोग मन्दिर का परम पवित्र भोजन नहीं खाएंगे।’
निर्गमन 28:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू निर्णायक उरपट के भीतर ऊरीम और तुम्मीम रखना। जब हारून प्रभु के सम्मुख जाएगा तब वे भी उसके हृदय के ऊपर लटकते रहेंगे। इस प्रकार हारून इस्राएली समाज के न्याय-पक्ष को अपने हृदय पर प्रभु के सम्मुख निरन्तर धारण करता रहेगा। पवित्र बाइबल ऊरीम और तुम्मीम को सीनाबन्द में रखो। हारून जब यहोवा के सामने जाएगा तब ये सभी चीज़ें उसे याद होंगी। इसलिए हारून जब यहोवा के सामने होगा तब वह इस्राएल के लोगों का न्याय करने का साधन सदा अपने साथ रखेगा।” Hindi Holy Bible और तू न्याय की चपरास में ऊरीम और तुम्मीम को रखना, और जब जब हारून यहोवा के साम्हने प्रवेश करे, तब तब वे उसके हृदय के ऊपर हों; इस प्रकार हारून इस्त्राएलियों के न्याय पदार्थ को अपने हृदय के ऊपर यहोवा के साम्हने नित्य लगाए रहे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और तू न्याय की चपरास में ऊरीम और तुम्मीम को रखना, और जब जब हारून यहोवा के सामने आए, तब तब वे उसके हृदय के ऊपर हों, इस प्रकार हारून इस्राएलियों के लिए यहोवा के न्याय को अपने हृदय के ऊपर नित्य लगाए रहे। नवीन हिंदी बाइबल तू न्याय के सीनाबंद में ऊरीम और तुम्मीम को रखना, और जब हारून यहोवा के सामने जाए तो वे हारून के हृदय के ऊपर हों। इस प्रकार हारून इस्राएलियों के न्याय को अपने हृदय के ऊपर यहोवा के सामने सदा धारण किए रहे। सरल हिन्दी बाइबल न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तू न्याय की चपरास में ऊरीम और तुम्मीम को रखना, और जब जब हारून यहोवा के सामने प्रवेश करे, तब-तब वे उसके हृदय के ऊपर हों; इस प्रकार हारून इस्राएलियों के लिये यहोवा के न्याय को अपने हृदय के ऊपर यहोवा के सामने नित्य लगाए रहे। |
राज्यपाल ने उनसे कहा, “जब तक पुरोहित ऊरीम और तुम्मीम के माध्यम से परमेश्वर की इच्छा न जान ले, तब तक आप लोग मन्दिर का परम पवित्र भोजन नहीं खाएंगे।’
राज्यपाल ने उनसे कहा, ‘जब तक पुरोहित ऊरीम और तुम्मीम के माध्यम से परमेश्वर की इच्छा न जान ले तब तक आप लोग मन्दिर का परम पवित्र भोजन नहीं खा सकेंगे।’
इस प्रकार जब हारून प्रभु के सम्मुख इस्राएली समाज के निरन्तर स्मरणार्थ जाएगा, तब वह अपने हृदय पर लटकते निर्णायक उरपट पर खुदे इस्राएल के पुत्रों के नाम धारण करेगा।
केवल वही मुझ-प्रभु के मन्दिर का निर्माण करेगा और वही राजसी गौरव को प्राप्त करेगा। वह सिंहासन पर बैठेगा और शासन करेगा। उसके सिंहासन की दाहिनी ओर पुरोहित बैठेगा और उन दोनों के मध्य विचारों में तालमेल होगा।” ’
वह पुरोहित एलआजर के सम्मुख खड़ा हुआ करेगा, जो प्रभु के सम्मुख ऊरीम की न्याय-विधि के द्वारा उसके लिए मेरी इच्छा पूछा करेगा। उसके आदेश के अनुसार समस्त मंडली, समस्त इस्राएली लोग उसके मार्गदर्शन में बाहर जाएंगे और उसी के मार्गदर्शन में लौटेंगे।’
मैं तो आप लोगों के लिए सहर्ष अपना सब कुछ खर्च करूँगा और अपने को भी अर्पित करूँगा। यदि मैं आप लोगों को इतना प्यार करता हूँ, तो क्या आप मुझे कम प्यार करेंगे?
मैं आप लोगों को दोष देने के लिए यह नहीं कह रहा हूँ। मैं तो आप से कह चुका हूँ कि आप हमारे हृदय में घर कर गये हैं-हम जीवन-मरण के साथी हैं।
मूसा ने लेवी कुल के विषय में यह कहा, ‘हे प्रभु, लेवी कुल को अपना तुम्मीम, अपने भक्त को अपना ऊरीम दे; जिसको तूने मस्सा स्थान पर परखा था, जिसके साथ तूने मरीबा जलाशय पर विवाद किया था;
इसलिए यह आवश्यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों के दयालु और विश्वस्त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्चित कर सकें।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।
उन्होंने बकरों तथा बछड़ों का नहीं, बल्कि अपना रक्त ले कर सदा के लिए एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया और इस तरह मनुष्यों के लिए सदा-सर्वदा बना रहने वाला उद्धार प्राप्त किया है।
मसीह ने हाथ के बने हुए उस पवित्र-स्थान में प्रवेश नहीं किया, जो वास्तविक “पवित्र-स्थान” का प्रतिरूप मात्र हैं। उन्होंने स्वर्ग में ही प्रवेश किया है, जिससे वह अब हमारी ओर से परमेश्वर के सामने उपस्थित हो सकें।
इस्राएली लोगों ने यहोशुअ की मृत्यु के पश्चात् प्रभु से यह पूछा : ‘हममें से कौन कुल सर्वप्रथम कनान देश के निवासियों पर चढ़ाई करेगा, और उनसे युद्ध करेगा?’
इस्राएली उठे, और वे बेत-एल गए। उन्होंने परमेश्वर से पूछा, ‘हममें से किस कुल को सर्वप्रथम बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए?’ प्रभु ने कहा, ‘यहूदा कुल सर्वप्रथम जाएगा।’
इस्राएली प्रभु के पास गए। वे सन्ध्या समय तक उसके सम्मुख रोते रहे। उन्होंने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ?’ प्रभु ने कहा, ‘उन पर चढ़ाई करो।’
उसने प्रभु से पुछा। पर प्रभु ने उसे उत्तर नहीं दिया, न स्वप्न में, न ऊरीम के माध्यम से और न नबी के द्वारा।