निर्गमन 28:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू उरावरण के कंधों पर दोनों मणियाँ जड़ देना। ये इस्राएल के पुत्रों की स्मृति-मणि होंगी। हारून अपने कंधों पर उनके नाम प्रभु के सम्मुख स्मृति के लिए धारण करेगा। पवित्र बाइबल तब एपोद के हर एक कंधे की पट्टी पर इन दोनों नगों को जड़ो। हारून यहोवा के सम्मुख जब खड़ा होगा, इस विशेष एपोद को पहनेगा और इस्राएल के पुत्रों के नाम वाले दोनों नग एपोद पर होंगे। यह इस्राएल के लोगों को याद रखने में यहोवा की सहायता करेगा। Hindi Holy Bible और दोनों मणियों को एपोद के कन्धों पर लगवाना, वे इस्त्राएलियों के निमित्त स्मरण दिलवाने वाले मणि ठहरेंगे; अर्थात हारून उनके नाम यहोवा के आगे अपने दोनों कन्धों पर स्मरण के लिये लगाए रहे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और दोनों मणियों को एपोद के कन्धों पर लगवाना, वे इस्राएलियों का स्मरण दिलवाने वाले मणि ठहरेंगे; अर्थात् हारून उनके नाम यहोवा के आगे अपने दोनों कन्धों पर स्मरण के लिये लगाए रहे। नवीन हिंदी बाइबल इन दोनों मणियों को इस्राएलियों का स्मरण दिलानेवाली मणियों के रूप में एपोद के कंधों पर लगवाना। हारून अपने दोनों कंधों पर उनके नाम स्मृति के रूप में यहोवा के सामने धारण किए रहे। सरल हिन्दी बाइबल इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और दोनों मणियों को एपोद के कंधों पर लगवाना, वे इस्राएलियों के निमित्त स्मरण दिलवाने वाले मणि ठहरेंगे; अर्थात् हारून उनके नाम यहोवा के आगे अपने दोनों कंधों पर स्मरण के लिये लगाए रहे। |
तूने पुर्वकाल में अपने भक्त से दर्शन में यह कहा था, ‘मैंने शक्तिशाली पुरुष के सिर पर मुकुट रखा है; मैंने प्रजा में से एक पुरुष को चुना और उसको उन्नत किया है।
‘यह दिन तुम्हारे लिए एक स्मारक दिवस होगा। तुम इसे प्रभु के लिए यात्रा-पर्व के रूप में मनाना। तुम इसे पीढ़ी से पीढ़ी तक स्थायी संविधि मानना।
वह तेरे हाथ पर एक चिह्न और तेरी दोनों आंखों के मध्य स्मारक होगा, जिससे प्रभु की व्यवस्था तेरे मुंह में विराजती रहे; क्योंकि प्रभु ने सबल हाथों से तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला है।
जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार तू इस्राएल के पुत्रों के नाम उन दो मणियों पर खोदना। उन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में जड़ना।
इस प्रकार जब हारून प्रभु के सम्मुख इस्राएली समाज के निरन्तर स्मरणार्थ जाएगा, तब वह अपने हृदय पर लटकते निर्णायक उरपट पर खुदे इस्राएल के पुत्रों के नाम धारण करेगा।
उरावरण के दोनों सिरों पर जुड़ी हुई दो कंधा-पट्टियाँ होंगी, जिनसे उसके दोनों भागों को जोड़ा जा सके।
“देखो, प्रभु परमेश्वर ही मेरा उद्धारकर्ता है; मुझे उसपर पूर्ण भरोसा है, मैं डरूंगा नहीं; क्योंकि प्रभु ही मेरा बल, और मेरी रक्षा है। वह मेरा उद्धारकर्ता बन गया है।”
ओ यरूशलेम, मैंने तेरी शहरपनाह पर पहरेदारों को बैठा दिया। वे दिन भर और रात भर कभी चुप न रहेंगे। ओ प्रभु को स्मरण करनेवालो, तुम चैन से न बैठो,
देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्तिमान ईश्वर’, ‘शाश्वत पिता’, ‘शान्ति का शासक’।
तुम प्रत्येक पंिक्त के साथ शुद्ध लोबान रखना जिससे वह रोटियों सहित स्मारक भाग बनकर प्रभु को अग्नि में अर्पित हो जाए।
ताकि वे इस्राएली समाज के लिए स्मारक-चिह्न बनें, जिससे कोई अपुरोहित व्यक्ति, जो हारून के वंश का नहीं है, धूप चढ़ाने के अभिप्राय से प्रभु के सम्मुख नहीं आए, और कोरह तथा उसके दल के सदृश नष्ट न हो, जैसा प्रभु ने मूसा के द्वारा एलआजर से कहा था।
किन्तु मूसा और पुरोहित एलआजर ने सहस्र-नायकों और शत-नायकों से सोना ग्रहण किया, और वे उसको लेकर मिलन-शिविर में आए कि वह प्रभु के सम्मुख इस्राएली समाज के लिए स्मृति-चिह्न बने, और प्रभु इस्राएलियों की रक्षा करे।
करनेलियुस ने उस पर आँखें गड़ा दीं, और भयभीत हो कर कहा, “प्रभु! क्या है?” स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “आपकी प्रार्थनाएं और आपके दान परमेश्वर के सामने पहुँचे हैं और उसने आपको स्मरण किया है।
और धन्यवाद की प्रार्थना करने के बाद उसे तोड़ा और कहा, “यह मेरी ही देह है, जो तुम्हारे लिए है। यह मेरी स्मृति में किया करो।”
मूसा ने बिन्यामिन कुल के विषय में यह कहा, ‘यह प्रभु का प्रियजन है। यह प्रभु के पास निरापद निवास करता है। प्रभु इसको दिन भर घेरे रहता है। वह इसकी दोनों पहाड़ियों के मध्य निवास करता है।’
तब तुम उनसे कहना, “प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्मुख यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक गया था। जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने यर्दन नदी पार की, तब उसका जल सूख गया था।” अत: ये पत्थर इस्राएली समाज के लिए सदा-सर्वदा स्मारक-चिह्न माने जाएंगे।’