‘जो कोई किसी व्यक्ति का अपहरण करे, और उसको बेच दे अथवा अपहृत व्यक्ति उसके अधिकार में पाया जाए, तो उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
निर्गमन 20:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू चोरी न करना। पवित्र बाइबल “तुम्हें चोरी नहीं करनी चाहिए। Hindi Holy Bible तू चोरी न करना॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तू चोरी न करना। नवीन हिंदी बाइबल “तू चोरी न करना। सरल हिन्दी बाइबल तुम चोरी नहीं करना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तू चोरी न करना। |
‘जो कोई किसी व्यक्ति का अपहरण करे, और उसको बेच दे अथवा अपहृत व्यक्ति उसके अधिकार में पाया जाए, तो उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
प्रभु उन व्यापारियों से घृणा करता है जो झूठे नाप-तौल रखते हैं; पर वह सच्चे, खरे बाट से प्रसन्न होता है।
तुम अपने पड़ोसी पर अत्याचार मत करना, और न उसको लूटना। किसी मजदूर की मजदूरी रात से सबेरे तक तुम्हारे पास नहीं रहनी चाहिए।
प्रभु का यह कथन है: ‘वे सद्आचरण करना जानते ही नहीं। उन्होंने अपने गढ़ों में केवल हिंसा और लूट एकत्र की है।’
उनके हाथ में दुष्कर्म हैं, वे कुकर्म करने में निपुण हैं। शासक और न्यायाधीश घूस मांगते हैं। बड़े लोग मनमानी करते हैं। यों ये सब मिलकर कुचक्र रचते हैं।
क्योंकि बुरे विचार, हत्या, परस्त्री-गमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा − ये सब मन से निकलते हैं।
उसने पूछा, “कौन-सी आज्ञाएँ?” येशु ने कहा, “हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; झूठी गवाही मत दो;
और उन से कहा, “धर्मग्रन्थ में लिखा है : ‘मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा,’ परन्तु तुम लोग उसे लुटेरों का अड्डा बना रहे हो।”
उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिन्ता थी, बल्कि इसलिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उस में जो डाला जाता था, वह उसे निकाल लेता था।
उदाहरणार्थ, ‘व्यभिचार मत करो, हत्या मत करो, चोरी मत करो, लालच मत करो’—इनका तथा अन्य सभी दूसरी आज्ञाओं का सारांश यह है : अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।
जो चोरी किया करता था, वह अब से चोरी नहीं करे, बल्कि किसी अच्छे व्यवसाय में अपने हाथों से परिश्रम करे। इस प्रकार वह दरिद्रों की भी कुछ सहायता कर सकेगा।
‘यदि कोई मनुष्य इस्राएली समाज में से अपने किसी भाई-बन्धु का अपहरण करता हुआ पकड़ा जाएगा, और यदि वह उसके साथ गुलाम का व्यवहार करेगा अथवा उसको बेच देगा, तो ऐसे अपहरणकर्त्ता को मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। यों तू अपने मध्य से इस बुराई को दूर करना।
कोई भी मर्यादा का उल्लंघन न करे और इस सम्बन्ध में अपने भाई अथवा बहिन के प्रति अन्याय नहीं करे; क्योंकि प्रभु इन सब बातों का बदला लेता है, जैसा कि हम आप लोगों को स्पष्ट श्ब्दों में समझा चुके हैं।